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सिगनल तथा पाॅइन्ट की खराबी एवं सिगनलिंग गीयरों का डिस्कनेक्शन/रीकनेक्शन

 सिगनल तथा पाॅइन्ट की खराबी एवं सिगनलिंग गीयरों का डिस्कनेक्शन/रीकनेक्शन


इन्टरलाॅक्ड स्टेशन पर सिगनल व पाॅइन्ट आपस मे  जुडे  होने के कारण गाड़ियों के संचालन को संरक्षित करते हैं। इनमे  किसी भी एक के खराब होने पर संचालन नाॅन-इन्टरलाॅक्ड हो जाता है व ऐसी परिस्थिति मे  जरा सी लापरवाही या शाॅर्ट कट मेथड से दुर्घटना घट सकती है अतः स्टेशन मास्टर को ऐसी परिस्थिति में विशेष सावधानी बरतते हुए कार्य करना चाहिए। सिगनल का खराब होना सिगनल को निम्नलिखित परिस्थितियों मे  खराब माना जाता है -
  • जब कोई सिगनल सम्बन्धित लीवर या स्विच द्वारा आॅफ न किया जा सके। 
  • जब कोई सिगनल आॅफ करने के बाद लीवर या स्विच से आॅन न किया जा सके। 
  • जब सिगनल से सम्बन्धित कोई उपकरण ट ूट गया हो या अलग हो गया हो। 
  • जब किसी सिगनल से सम्बन्धित पाॅइन्ट खराब हो गया हो या टूट गया हो या उसमें रुकावट आ गई हो या उसे लाॅक न किया जा सके। 
  • जब किसी भुजावाले सिगनल को उचित स्थिति में आॅफ न किया जा सके अर्थात ड्रूपिंग रहता है। 
  • जब कोई कलर लाइट सिगनल लगातार कोई एक संकेत न बताए या अपने संकेत बार-बार बदलता हो अर्थात बाॅबिंग/फ्लिकरिंग सिगनल हो। 
  • जब ट्रेक सर्किट या एक्सल काउन्टर के खराब होने के कारण उससे सम्बन्धित सिगनल आॅफ न किया जा सके। स्टेशन मास्टर का स्लाइड कन्ट्रोल खराब हो जाये तो उससे सम्बन्धित सिगनल भी खराब माना जाएगा। 
  • जब रात में, धुन्ध/कोहरे के मौसम में या बारिश में सिगनल की बत्ती जलती हुई न रखी जा सके। 
  • जब किसी रोक सिगनल का लाल काँच टूट जाए, क्रेक हो जाए या बिलकुल निकल जाए। 
  • जब किसी सिगनल से सम्बन्धित लाॅक लीवर, डिटेक्टर लीवर या उसका ट्रेक खराब हो जाए। 
  • जब किसी सिगनल से सम्बन्धित इलेक्ट्रिक रिपीटर खराब हो जाए और वह सिगनल सुविधाजनक स्थान से भी न दिखाई दे। 
  • जब होम सिगनल खराब हो जाए तो आउटर सिगनल को भी खराब माना जाता है। इसी प्रकार जिस स्टेशन पर राउटिंग सिगनल लगा हुआ हो तो राउटिंग के खराब हो जाने पर होम व आउटर सिगनल दोनों को खराब माना जाता है। 
  • जहाँ रोक सिगनल के नीचे वार्नर सिगनल लगा हुआ हो और वार्नर सिगनल आॅफ स्थिति मे ं खराब हो जाए तो उस रोक सिगनल को भी खराब माना जाएगा। 
  • जब कोई सिगनल उसके नियत स्थान पर नहीं हो। 
  • जब कलर लाइट सिगनल कोई रोशनी नहीं दिखा रहा हो। 
  • जब कलर लाइट सिगनल सफेद रोशनी दिखा रहा हो। 
  • जब सिगनल एक समय मे ं एक से अधिक स्थिति बता रहा हो।
पाॅइन्ट का खराब होना 

निम्नलिखित परिस्थिति मे ं किसी पाॅइन्ट को खराब माना जाता है - 
  • जब पाॅइन्ट को नियंत्रित करने वाले लीवर या स्विच का संचालन करने से पाॅइन्ट सामान्य स्थिति से विपरीत स्थिति या विपरीत स्थिति से सामान्य स्थिति मे ं न बदला जा सके। 
  • पाॅइन्ट की तालाबन्दी करने वाली अवस्था में खराबी आ जाने से या तालित पाॅइन्ट को न खोले जा सकने या उससे सम्बन्धित ताले की चाबी गुम जाने या ताले में से न निकल पाने के कारण पाॅइन्ट को इच्छित अवस्था मे ं न रखा जा सके। 
  • पाॅइन्ट से सम्बन्धित कोई भी उसका भाग या उपकरण खराब हो जाए, टूट जाए या अलग हो जाए। 
  • जब पाॅइन्ट बस्र्ट हो जाए। 
पाॅइन्ट/सिगनल के खराब होने पर स्टेशन मास्टर द्वारा की जाने वाली कार्यवाही 
  • जब कोई सिगनल आॅफ स्थिति में खराब हो जाए तो स्टेशन मास्टर को सबसे पहले उस सिगनल को आॅन स्थिति मंे करवाने की कोशिश करनी चाहिए तथा एक सक्षम रेल कर्मचारी को पटाखा सिगनल व हाथ सिगनल के साथ उस सिगनल के नीचे तैनात करना चाहिए, जब तक कि सिगनल कार्य करने के स्थिति मे ं न आ जाए। 
  • उस सिगनल/पाॅइन्ट को ठीक करवाने हेतु तुरन्त सम्बन्धित कर्मचारी (ईएसएम/एमएसएम/ सेक्शन इंजीनियर (सिगनल)) को संदेश देना चाहिए। 
  • इस खराबी की प्रविष्टि सिगनल फेलियर रजिस्टर, ट्रेन सिगनल रजिस्टर व स्टेशन डायरी/चार्ज बुक मे ं करनी चाहिए। साथ ही इसकी सूचना सेक्शन कन्ट्रोलर को देनी चाहिए। 
  • जब तक खराब पाॅइन्ट ठीक न हो जाए तब तक गाड़ियों कंे संचालन के समय उस पाॅइन्ट को क्लैम्प तथा लाॅक करवाकर स्वयं द्वारा निरीक्षण किया जाना चाहिए। गाड़ी पिछले स्टेशन से न निकली हो तो उस गाड़ी के लोको पायलट को सतर्कता आदेश के द्वारा इस बात की जानकारी दिलवानी चाहिए कि उसकी गाड़ी को अगले स्टेशन पर खराब पाॅइन्ट पर से गुजारा जाएगा। लोको पायलट का कर्तव्य है कि ऐसा सतर्कता आदेश प्राप्त होने के बाद अगले स्टेशन पर अपनी गाड़ी को पूर्ण नियंत्रण में रखे। ऐसे खराब पाॅइन्ट पर से गुजरते समय गाड़ी की गति फेसिंग पाॅइन्ट के मामले में 15 कि.मी.प्र.घ. तथा ट्रेलिंग पाॅइन्ट पर 50 कि.मी.प्र.घं. से अधिक नहीं होनी चाहिए। 
  • जहाँ आवश्यक हो वहाँ सिगनल/पाॅइन्ट के लीवर या बटन पर स्टाॅप काॅलर रखी जानी चाहिए। 
  • जब तक खराब सिगनल ठीक न हो जाए तब तक गाड़ियों का संचालन आगे बताई गई विधि से किया जाएगा। 
खराब रोक सिगनल को आॅन स्थिति में पार करने का प्राधिकार पत्र {टी 369(3बी)} एवं {टी 369(1)} 

यह एक छपा हुआ निर्धारित फाॅर्म है जो किसी गाड़ी के लोको पायलट को स्टेशन मास्टर द्वारा किसी रोक सिगनल को आॅन स्थिति मे ं पार करने के लिए दिया जाता है। इसे दो प्रतियों में कार्बन पेपर की सहायता से तैयार किया जाता है जिसमे ं से कार्बन प्रति रिकाॅर्ड मे ं रखी जाती है व मुख्य प्रति लोको पायलट को दी जाती है। रिकाॅर्ड प्रति पर लोको पायलट के हस्ताक्षर लिए जाते हैं। इस निर्धारित फाॅर्म में कई रोक सिगनलों को पार करने की अनुमति छपी होती है अतः परिस्थति के अनुसार जिस रोक सिगनल को आॅन स्थिति मे ं पार करने की अनुमति दी जाए, उस पर टिक का निशान लगाया जाना चाहिए व शेष जो लागू न हो उसे काट दिया जाना चाहिए।

इस फाॅर्म में स्टेशन मास्टर को मुख्य रूप से गाड़ी संख्या, दिनांक, समय, मंडल, खराब सिगनल का नाम व नम्बर, स्टेशन का नाम आदि भरकर अपने हस्ताक्षर करके स्टेशन की मुहर लगानी चाहिए। इसे बनाते समय साफ सुथरा बनाया जाना चाहिए, किसी प्रकार की काँट-छाँट नहीं होनी चाहिए। आगमन रोक सिगनल खराब होने पर स्टेशन मास्टर सभी शर्ते ं पूरी करने के बाद इसे पिछले/नोमीनेटेड स्टेशन से भी इस प्राधिकार को दिलवा सकता है। उसी स्टेशन से जारी किए जाने वाले प्राधिकार पत्र का नम्बर {टी 369(3बी)} तथा पिछले या नोमीनेटेड स्टेशन से जारी किए जाने वाले प्राधिकार पत्र का नम्बर {टी 369(1)} है। 

लोको पायलट का कर्तव्य है कि जब उसे किसी रोक सिगनल को आॅन स्थिति मे ं पार करने के लिए यह जारी किया जाता है तो उसे अच्छी तरह पढ़कर समझ लेना चाहिए। जब उसमें लिखी सभी प्रविष्टियाँ सही हो तो ही रिकाॅर्ड प्रति पर हस्ताक्षर करने चाहिए। इसके पश्चात् इस प्राधिकार मे ं लिखे अनुसार ही पूर्ण सतर्क रहते हुए सिगनल को पार करना चाहिए। 

पाॅइन्ट या सिगनलिंग गीयर के डिसकनेक्शन / रीकनेक्शन की प्रक्रिया व गाड़ी संचालन 
  • जब भी किसी पाॅइन्ट, सिगनल या लाॅकिंग या अन्य सिगनलिंग गीयर का डिसकनेक्शन लेना आवश्यक हो तो कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व अधिकृत प्रभारी द्वारा स्टेशन मास्टर को निर्धारित फाॅर्म ै-ज्;ज्ध्351द्ध के द्वारा सूचित किया जाएगा व काउन्टर भाग पर उसके हस्ताक्षर लिए जाएंगे। इसी प्रकार कार्य समाप्त होने व गीयर का परीक्षण करने के बाद पुनः स्टेशन मास्टर को इसी फाॅर्म के री-कनेक्शन भाग द्वारा सूचित किया जाएगा और काउन्टर भाग पर हस्ताक्षर लिए जाएंगे। 
  • डिसकनेक्शन की पावती देने के बाद स्टेशन मास्टर की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है कि डिसकनेक्शन गीयर पर गाड़ी का संचालन करने से पूर्व सुनिश्चित करे कि पाॅइन्ट सही सेट, क्लैम्प और पेडलाॅक द्वारा सुरक्षित है। 
  • किसी क्राॅसओवर के एक सिरे के पाॅइन्ट का डिसकनेक्शन लेने पर दूसरे सिरे के पाॅइन्ट को डिसकनेक्ट माना जाना चाहिए और गाड़ी का संचालन निम्न प्रकार किया जाना चाहिए -
नाॅन-सबरबन सेक्शन में यांत्रिक/विद्युत संचालित पाॅइन्ट के मामले में - 
  • जिस सिरे को काम के लिए डिसकनेक्ट किया गया है, उसे स्टेशन मास्टर द्वारा क्लैम्प व पेडलाॅक करने के बाद ही उस पर से गाड़ी पायलटिंग करके गुजारी जाएगी। यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि क्राॅसओवर का दूसरा सिरा आइसोलेशन के लिए सेट है व उस पर से यदि गाड़ी को गुजारना है तो उसे क्लैम्प व पेडलाॅक कर दिया गया है। 
  • जब क्राॅसओवर पर से गाड़ी का संचालन करना हो तो दूसरे सिरे के पाॅइन्ट को क्राॅस संचलन के लिए सेट व तालित किया जाएगा। जिस सिरे पर कार्य नहीं किया जा रहा हो उसे नाॅन-इन्टरलाॅक्ड मानते हुए गाड़ी संचालन से पूर्व क्लैम्प व पेडलाॅक किया जाएगा। 
लम्बे समय तक पाॅइन्ट की खराबी के दौरान या मुम्बई मंडल के चर्चगेट-विरार सेक्शन पर क्राॅसओवर के विद्युत संचालित पाॅइन्ट के मरम्मत ब्लाॅक के दौरान गाड़ी संचालन की विधि - 
  • ऐसा कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व प्रत्येक कर्मचारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी दर्शाते हुए विस्तृत निर्देश जारी किए जाने चाहिए व आश्वासन स्वरूप उनके हस्ताक्षर लिए जाने चाहिए। 
  • परिचालन विभाग के कर्मचारी से पाॅइन्ट खराबी के बारे मे ं सूचना मिलने पर सेक्शन इंजीनियर (सिगनल) खराबी का पता लगाने का प्रयास करेगा। 
  • यदि खराबी को ठीक करने में आधा घंटे से अधिक समय लगना हो या लम्बे समय के पाॅइन्ट ब्लाॅक के समय एस एण्ड टी प्रभारी कार्यरत स्टेशन मास्टर को डिसकनेक्शन नोटिस ै-ज्;ज्ध्351द्ध के द्वारा सूचित करेगा जिसमें निम्न प्रकार उल्लेख करेगा - ‘‘विफलता/ब्लाॅक मे ं प्रभावित क्राॅसओवर पाॅइन्ट सं. ................. के दोनो ं सिरो ं को सामान्य स्थिति मे ं सही तरह से सेट करके उन्हें क्लैम्प एवं पेडलाॅक द्वारा तालित कर संरक्षित करे ं एव ं संबंधित पाॅइन्ट बटन/लीवर पर स्टाॅप काॅलर लगाना सुनिश्चित करे ं तथा काॅलिंग आॅन सिगनल क्लीयर हेतु अस्थाई रूप से कोई संशोधन चाहते हैं तो लिखित में मीमो दे ं’’ 
  • डिसकनेक्शन की पावती देने के बाद स्टेशन मास्टर सुनिश्चित करेगा कि क्राॅसओवर के दोनो ं सिरों के पाॅइन्ट सामान्य स्थिति में सेट, क्लैम्प एवं पेडलाॅक लगे हेै । स्टेशन मास्टर संबंधित पाॅइन्ट के बटन/लीवर/स्लाइड पर स्टाॅप काॅलर लगाएगा और फिर निम्न मीमो सिगनलिंग प्रभारी को जारी करेगा -  
  • स्टेशन मास्टर पाॅइन्टो ं पर लगे क्लैम्पो ं को तब तक नहीं हटाएगा, जब तक कि अधिकृत एस एण्ड टी प्रभारी लिखित में रीकनेक्शन नोटिस द्वारा यह न बता दे कि सामान्य संचालन चालू कर दिया गया है।  स्टेशन मास्टर से लिखित सूचना मिलने के बाद एस एण्ड टी प्रभारी वरि.मं.सि.एव ं दू. सं.इंजी/मं.सि.एवं दू.सं.इंजी/सहा. मं.सि.एवं दू.सं.इंजी के अनुमोदन से पाॅइन्ट/जंक्शन बाॅक्स मे ं संशोधन कार्य प्रारम्भ करेगा जिससे स्टेशन मास्टर को पैनल पर पाॅइन्ट/ क्राॅसओवर का स्थिर सामान्य संकेत मिलता रहे। उसे अनुमोदन प्राप्त करने के उपरान्त वह निम्न कार्यवाही करेगा - 
  1. संबंधित पाॅइन्ट आॅपरेशन का फ्यूज अलग करेगा, 
  2. लाल संकेत को छोड़कर सभी सिगनल जो प्रभावित पाॅइन्ट की तरफ बढ़ते हैं, उनके आॅफ आस्पेक्ट के फ्यूज अलग करके अपने संरक्षण में रखेगा, 
  3. इन सिगनलो ं के ‘आॅफ’ आस्पेक्ट संबंधी लिंक केबल टर्मीनेशन रैक पर काट देगा,  सभी संबंधित सिगनलों के प्रथम कन्ट्रोलिंग ट्रेक सर्किट को शाॅर्ट/डिसकनेक्ट कर देगा।
  • कार्य प्रारम्भ करने के बाद एस एण्ड टी प्रभारी स्टेशन मास्टर को लिखित में सूचित करेगा कि ‘पाॅइन्ट सं. ............ के संबंध मे ं अस्थाई संशोधन कार्य चालू कर दिया गया है एवं सिगनल सं. ................... के संकेत को ‘आॅन’ पर प्रतिबंधित कर दिया गया है और गाड़ियाँ केवल काॅलिंग आॅन सिगनल या आॅटोमेटिक मे ं ‘ए’ साइन पर गुजर सकती है - 
  • स्टेशन मास्टर पाॅइन्ट्समेन/प्लेटफाॅर्म पोर्टर को प्रभावित पाॅइटों के पास पाॅइन्ट एवं क्लैम्प की प्रत्येक संचलन के पश्चात स्थित् िजाँचने के लिए तैनात करेगा। उस रेल कर्मचारी के पास टेलीफोन संचार, हैंड सिगनल लैम्प, लाल एव ं हरी झंडियाँ, ट्राई कलर टाॅर्च एवं पाॅइन्ट व क्लैम्प की किसी प्रकार के खतरे की स्थिति मे ं गाड़ी का बचाव करने हेतु पटाखे होने चाहिए। ऐसी परिस्थिति मे ं वह गाड़ी रोकने हेतु फोन द्वारा स्टेशन मास्टर को भी सूचित करेगा। 
  • गाड़ियाँ सिगनल पर लगे ‘ए’ साइन का पालन करते हुए गुजरेंगी। 
  • विफलता दोष ठीक करने/अनुरक्षण ब्लाॅक कार्य पूर्ण करने के उपरान्त स्टेशन मास्टर एव ं सेक्शन इंजीनियर (सिगनल) दोनो ं सुनिश्चित करे ंगे कि ‘ए’ साइन सिगनल पर स े हटा दिया गया है, सेक्शन पर संचलन को नियंत्रित करने वाले रोक सिगनल ‘आॅन’ स्थिति मे ं है और ट्रेक साफ है। 
  •  सेक्शन इंजीनियर (सिगनल) एवं यातायात विभाग का अधिकृत प्रभारी द्वारा पूर्ण रूप से संतुष्ट हो जाने के बाद सेक्शन इंजीनियर (सिगनल) सभी फ्यूज को लगा देगा एवं लिखित में रीकनेक्शन नोटिस देगा - 
  • स्टेशन मास्टर रीकनेक्शन नोटिस प्राप्त होने पर उसकी पावती काउन्टर भाग पर देगा तथा सेक्शन कन्ट्रोलर को सूचित करते हुए प्रभावित पाॅइन्ट पर सामान्य कार्यप्रणाली लागू कर देगा। 
  • स्टेशन पर इन्टरलाॅक्ड क्रे ंक है ंडल के मामले में - 
  • यदि पाॅइन्ट खराब हो और क्रेंक हैंडल द्वारा आवश्यक स्थिति मे ं सेट कर दिया गया है तो सामान्य संचलन किया जा सकता है बशर्ते क्रेंक है ंडल को उसके लाॅक में सामान्य स्थिति में लगाया जा सके एवं सिगनल आॅफ करने पर वे आॅफ हो जाएं। 
  • पैनल पर रूट के पाॅइन्ट रूट सेट करने पर तालित हो जाएं और पैनल पर पाॅइन्ट इंडीकेशन स्थिर हो परन्तु सिगनल आॅफ नहीं हो रहा हो तो ऐसी स्थिति में पाॅइन्ट को क्लैम्प/कोटर बोल्ट तथा पेडलाॅक करने की आवश्यकता नहीं है। 
  • यदि पाॅइन्ट रूट सेट करने से तालित नहीं हो रहा है तो पाॅइन्ट को कोटर बोल्ट/क्लैम्प तथा पेडलाॅक द्वारा किया जाएगा और गाड़ी को खराब सिगनल की तरह संचालित किया जाएगा। 
  • स्टेशन पर नाॅन-इन्टरलाॅक्ड क्रे ंक है ंडल के मामले में - यदि कोई पाॅइन्ट खराब हो और क्रेंक है ंडल से सेट करने की आवश्यकता हो तो संबंधित कर्मचारी को क्रेंक हैंडल जारी किया जाना चाहिए। स्टेशन मास्टर/केबिन सहायक स्टेशन मास्टर/स्विचमेन उस पाॅइन्ट पर गाड़ी के संचलन हेतु सिगनल तभी आॅफ करे ंगे, जब - 
  • क्रेंक हैंडल या तो वापस आ गया हो और उसे अलमारी/बाॅक्स मे ं तालित करके सुरक्षित रख दिया गया हो, या 
  • क्रेंक है ंडल सहायक स्टेशन मास्टर/केबिन सहायक स्टेशन मास्टर/स्विचमेन ने अपने पास रख लिया हो और उसके बदले सिगनल आॅफ करने वाले सहायक स्टेशन मास्टर/केबिन सहायक स्टेशन मास्टर/स्विचमेन के साथ इस बात के आश्वासन के लिए निजी अंक का आदान प्रदान कर लिया हो कि पाॅइन्ट गाड़ी ली जाने वाली लाइन के लिए सही सेट है तथा क्रेंक है ंडल उसके अभिरक्षा मे ं सुरक्षित है,
  •  यदि सिगनल लीवर/बटन को परिचालित करने से आॅफ हो जाता है या पैनल पर रूट के पाॅइन्ट रूट सेट करने पर तालित हो जाएं और पैनल पर पाॅइन्ट इंडीकेशन स्थिर हो परन्तु सिगनल आॅफ नहीं हो रहा हो तो ऐसी स्थिति मे ं पाॅइन्ट को क्लैम्प/कोटर बोल्ट तथा पेडलाॅक करने की आवश्यकता नहीं है। 
  • यदि पाॅइन्ट रूट सेट करने से तालित नहीं हो रहा है तो पाॅइन्ट को कोटर बोल्ट/क्लैम्प तथा पेडलाॅक द्वारा किया जाएगा और गाड़ी को खराब सिगनल की तरह संचालित किया जाएगा।
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