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अध्याय - 19 शन्टिंग

शंटिग का अभिप्राय उस संचलन से है जो इंजन सहित या उसके बिना किसी वाहन या वाहनों का अथवा किसी इंजन का या किसी अन्य स्वचलित वाहन का गाड़ी के साथ जोड़ने, अलग करने व स्थान बदलने या किसी और प्रयोजन के लिए किया जाता है।

शंटिंग के प्रकार
किसी भी स्टेशन पर शंटिग का कार्य स्टेशन संचालन नियम मे  शंटिंग करने की अनुमति के अनुसार ही किया जाता है। शंटिंग कार्य यार्ड मे  उपलब्ध सुविधा व विलम्ब को बचाने के उद्देश्य से निम्नलिखित तरीको  से किया जा सकता है -

फ्लेट शंटिंग - इस शंटिंग के अन्तर्गत इंजन को लोड पर ले जाकर जोड़ा जाता है व जहाँ उस लोड या डिब्बो  को रखना हो वहाँ तक इंजन साथ रहता है। अतः इस शंटिग मे  अधिक समय लगता है व यह शंटिग कार्य खर्चीला है। परन्तु संरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित है अतः अधिकतम शंटिंग कार्य इसी प्रकार से किया जाता है।

फ्लाई शंटिंग - इस शंटिग के अन्तर्गत इंजन लोड को खींचता हुआ चलता है व उसके कपलिंग पर एक कर्मचारी मौजूद रहता है जो कि पाॅइन्ट आने से पहले पाॅइन्ट पर मौजूद दूसरी कर्मचारी के इशारे पर कपलिंग को खोल देता है और लोको पायलट को संकेत देता है जिसे देखकर लोको पायलट अपने इंजन की गति बढ़ाकर आगे निकल जाता है और जब तक पीछे का लोड उस पाॅइन्ट पर पहुँचे, उससे पहले ही पाॅइन्ट पर मौजूद कर्मचारी पाॅइन्ट को बदल देता है जिससे पीछे का लोड अन्य लाइन पर चला जाता है। यह शंटिग बेहद खतरनाक किस्म का है और पश्चिम रेलवे में इसे करना पूर्णतया वर्जित है।

ग्रेविटी शंटिंग - ऐसा शंटिग ग्रेविटी यार्ड मे  किया जाता है जिसमे  कि एक तरफ धीमा धीमा कुदरती ढलान होता है। जब शंटिंग करना हो तो इंजन का कपलिंग खोलकर डिब्बो  के हैंड ब्रेक को उठा लिया/खोला जाता है और डिब्बे ढलान पर धीरे-धीरे लुढ़कते हुए उसके लिए सेट की गई लाइन/साइडिंग पर चले जाते हैं। ऐसा यार्ड पश्चिम रेलवे मे  न होने के कारण यह शंटिग नहीं किया जाता है।

हम्प शंटिंग - ऐसा शंटिंग हम्प यार्ड में किया जाता है जिसे कृत्रिम रूप से बनाया जाता है, जिसमें ऊँट के कुबड़ की तरह हम्प तैयार किया जाता है। शंटिग के समय इंजन यार्ड से लोड को खींचता हुआ बाहर लाता है और हम्प के पाॅइन्ट से ऊपर जाकर कपलिंग खोलकर उसे धीरे से छोड़ दिया जाता है और डिब्बा ढलान पर लुढ़कता हुआ निर्धारित की गई लाइन मे ं चला जाता है। जहाँ उसे ब्रेक्समेन द्वारा स्किड या हैंड ब्रेक की मदद से रोका जाता है। ऐसे शंटिग मे  डिब्बे को हम्प से धकेलते समय गति 3 कि.मी.प्र.घं. से अधिक नहीं होनी चाहिए।

हैड शंटिंग - ऐसा शंटिग मजदूर या काॅन्ट्रेक्टर की लेबर द्वारा किसी डिब्बे को हाथ से धक्का मारकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाकर किया जाता है।

लूज शंटिंग - यह शंटिंग बिलकुल हम्प शंटिंग की तरह होता है। केवत इतना अन्तर है कि उसमे  डिब्बे को हम्प से ढलान पर छोड़ दिया जाता है और इसमे  डिब्बे को इंजन द्वारा यार्ड के बाहर खींचकर ले जाया जाता है एव  फिर कपलिंग खोलकर उसे जोर से धक्का मारकर यार्ड की तरफ छोड़ दिया जाता है। डिब्बा उसकी गति के कारण यार्ड की तरफ निर्धारित की गई लाइन की और लुढ़कता हुआ चला जाता है व गति समाप्त हो जाने के बाद या अन्य किसी डिब्बे से टकराकर रुक जाता है। इस शंटिग के दौरान डिब्बे आपस में टकराते हैं अतः निम्नलिखित प्रकार के डिब्बो  की लूज शंटिंग करना मना है -
  • कोचिंग स्टाॅक
  • विस्फोटक माल से लदे डिब्बे
  • आफीसर सैलून
  • डेड इंजन
  • टैक वैगन
  • जानवरों से भरे डिब्बे
  • ज्वलनशील माल से लदे डिब्बे
  • क्रेन
  • ओ.डी.सी. वैगन
  • जोड़े से लदे हुए डिब्बे

शंटिंग के दौरान गति

शंटिग के दौरान अधिकतम गति - 15 कि.मी.प्र.घ. विस्फोटक, ज्वलनशील माल से लदे डिब्बे, ओ.डी.सी., - 8 कि.मी.प्र.घ. डेमेज व्हीकल, आफीसर सैलून, क्रेन, सवारी गाड़ी क डिब्बे जिनमे  यात्री बैठे हो , जानवरो  से लदे हुए डिब्बे, टैक वैगन, जोड़  से लदे हुए डिब्बे, ऐसे डिब्बे जिनमें मजदूर बैठे हुए हो  आदि डिब्बो  की शंटिग के दौरान गति रोलर बियरिंग वाले डिब्बों जैसे -   शंटिंग करते समय -
अकेला डिब्बा - 5 कि.मी.प्र.घ.
दो से पाँच डिब्बों तक - 3 कि.मी.प्र.घ.
पाँच से अधिक रोलर बियरिंग वाले डिब्बो  - बिना एयर प्रेशर/वैक्यूम की शंटिग नहीं की जा सकती

शंटिंग का नियंत्रण व सुपरविजन

शंटिंग का सुपरविजन - शंटिग सुपरविजन से तात्पर्य शंटिग कार्य की देखरेख करना है ताकि संरक्षा का उल्लंघन न हो। शंटिंग सुपरविजन करने वाले कर्मचारी को शंटिग के दौरान नीचे बताए गए कार्य सुनिश्चित करने चाहिए -
  • शंटिग नियमानुसार एवं संरक्षा को ध्यान मे  रखकर की जा रही है।
  • सही डिब्बे काटे व जोड़े जा रहे हैं।
  • पाॅइन्टो  को सही सेट व तालित किया जा रहा है।
  • सही सिगनलों का प्रयोग किया जा रहा है।
  • शंटिग कार्य पूर्ण हो जाने के पश्चात् गाड़ी संरक्षा नियमो  के अनुसार आगे जाने के लिए सुरक्षित है।

शंटिंग सुपरविजन करने वाले कर्मचारी -

ऐसे स्टेशन जहाँ पर अलग से शंटिग कर्मचारी दिए गए हैं -
  • सभी प्रकार का शंटिग जिसमे  रनिंग ट्रेन व यार्ड शंटिंग दोनो  सम्मिलित है। शंटिंग कार्य कार्यरत स्टेशन मास्टर के निर्देशानुसार किया जायेगा।
  • शंटिग स्टाफ से तात्पर्य शंटिंग जमादार व पाॅइंट जमादार दोनों से है।
  • जिन स्टेशनों पर विशेष शंटिंग कर्मचारी नियुक्त हो  उनका विशेष उल्लेख किया जायेगा।
  • ऐसा शंटिंग कार्य जिसमे गाड़ी सम्मिलित हो उसके शंटिंग का सुपरविजन गाड़ी के गार्ड द्वारा किया जायेगा। चाहे उस स्टेशन पर अलग से शंटिंग स्टाफ उपलब्ध हो।
  • ऐसे स्टेशन जहाँ पर यात्री गाड़ियों का नियमित शंटिंग होता हो वहाँ पर शंटिंग सुपरविजन कार्य शंटिंग जमादार से नीचे के कर्मचारी द्वारा नहीं किया जायेगा।

ऐसे स्टेशन जहाँ पर अलग से शंटिग कर्मचारी नहीं दिया गया है -
  • ऐसे स्टेशनों पर शंटिग कार्य स्टेशन मास्टर के निर्दे शानुसार तथा गार्ड के सुपरविजन मे  किया जायेगा।
  • रोड  साइड स्टेशनों पर आपात्काल मे  किया जाने वाला शंटिंग कार्यरत स्टेशन मास्टर के आदेशानुसार गार्ड के द्वारा सुपरवाइज किया जायेगा एव  पाॅइंट्समेन की ड्यूटी में सक्षम कर्मचारी द्वारा किया जायेगा।
  • यदि गार्ड उपलब्ध न हो तो शंटिंग कार्यरत स्टेशन मास्टर के आदेशानुसार किसी भी तृतीय या चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी द्वारा, जो पाइंट्समेन का कार्य करने मे  सक्षम हो, किया जायेगा।

शंटिंग के दौरान रखी जाने वाली सावधानियाँ
  • शंटिग कार्य का नियंत्रण स्थाई सिगनल, हैड सिगनल व मौखिक निर्देशों द्वारा किया जाएगा।
  • शंटिग के दौरान लोको पायलट को पूर्णतया सिगनलो  पर विश्वास नहीं करना चाहिए बल्कि सदैव चैकन्ना रहना चाहिए।
  • शंटिग के दौरान एक सक्षम रेल कर्मचारी अपने हैंड सिगनलां के संकेत के द्वारा लोको पायलट से शंटिग कार्य करवाएगा। (जहाँ लोको शेड/यार्ड की तरफ जाने या वहाँ से आने के लिए स्थाई सिगनल लगा हो तो सक्षम रेल कर्मचारी की आवश्यकता नहीं है)
  • सक्षम रेल कर्मचारी दिन में लोको पायलट को लाल व हरी झंडियों द्वारा व रात मे  लाल व हरी बत्ती द्वारा संकेत दिखाएगा। यदि शंटिग कार्य के दौरान हैंड सिगनल का लाल संकेत खराब हो जाए तो रुकवाने के लिए नियमानुसार सफेद बत्ती से संकेत दिखाया जाएगा अन्यथा सफेद बत्ती का प्रयोग शंटिंग मे वर्जित है।
  • लोको पायलट को हैंड सिगनल इंजन के पास से दिखाए जाने चाहिए। लीवर फ्रेम या केबिन से नहीं।
  • शंटिग करवाने वाला कर्मचारी हैंड ब्रेक, काउ-केचर या बफर इत्यादि पर बैठकर या लटककर शंटिग नहीं करवाएगा।
  • जिस गाड़ी/लोड का शंटिंग किया जा रहा हो उसके हाॅज पाइप, पाम कपलिंग व चैन कपलिंग लटके हुए नहीं होने चाहिए।
  • यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उस गाड़ी के नीचे कोई सो तो नहीं रहा है या नीचे से निकल नहीं रहा है।
  • शंटिग के दौरान उस दिशा के आगमन सिगनल आॅन स्थिति में होने चाहिए।
  • जिस लाइन पर गाड़ी का शंटिग किया जा रहा हो, उसके सभी पाॅइन्ट सही लगे हुए व फेसिंग पाॅइन्ट तालित होने चाहिए।
  • यदि रास्ते में कोई शंटिंग सिगनल या इन्टरलाॅकिंग के द्वारा स्वतंत्र स्टार्टर सिगनल हो तो उसे आॅफ किया जाना चाहिए।
  • शंटिग के रास्ते मे  कोई समपार फाटक पड़ता हो तो उसे बन्द करवाकर तालित करवा दिया जाना चाहिए।
  • जहाँ तक शंटिग कार्य किया जा रहा हो वहाँ तक का नियमानुसार प्राधिकार लोको पायलट को जारी कर दिया जाना चाहिए।
  • जिस गाड़ी का शंटिग किया जा रहा हो उसके लिए नियमानुसार बताई गई गति सीमा का पालन किया जाना चाहिए।
  • यदि ब्लाॅक सेक्शन की तरफ 1 इन 400 या तीव्र का ढलान हो तो रोलर बियरिंग वाली गाड़ी व 1 इन 260 या उससे तीव्र का ढलान हो तो अन्य गाड़ियों की शंटिग करते समय इंजन को ब्लाॅक सेक्शन की ओर ढलान में आगे रखा जाना चाहिए।
  • शंटिग के पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उस गाड़ी पर इलेक्ट्रिक या कैरेज विभाग की लाल झंडी/बत्ती तो लगी हुई नहीं है।
  • जब पूरी गाड़ी को किसी साइडिंग में बैक किया जा रहा हो तो गार्ड केा ब्रेकवान में रहकर लोको पायलट को हैंड सिगनल से संकेत देना चाहिए व डेड एन्ड आने से पूर्व लाल संकेत दिखाकर गाड़ी रुकवानी चाहिए और यदि आवश्यक हो तो हैड ब्रेक लगाकर गाड़ी रोकने मे ं लोको पायलट की मदद करनी चाहिए।
  • जब किसी गाड़ी का शंटिग गुड्स शेड, सिक लाइन, पिट लाइन या टर्न टेबल की ओर किया जा रहा हो तो पाॅइन्ट से पहले गाड़ी रोककर वहाँ के इन्चार्ज को सूचित करने के बाद ही किया जाना चाहिए।
  • शंटिंग के दौरान चलती हुई गाड़ी में कोई डिब्बा न तो काटना चाहिए और न ही जोड़ना चाहिए।
  • रोलर बियरिंग वाली गाड़ी की शंटिग की जा रही हो तो ऐसे पाँच से अधिक डिब्बों के लिए निर्धारित एयर प्रे शर या वैक्यूम लेकर ही शंटिग की जानी चाहिए।

गाड़ियों के आगमन/प्रस्थान के दौरान शंटिंग करते समय -
  • जब बिना आइसोलेशन वाली लाइन पर गाड़ी लेने/भेजने के लिए सिगनल आॅफ किए गए हो ं तो जिस पाॅइन्ट से गाड़ी गुजरने वाली हो उस पाॅइन्ट की तरफ शंटिग नहीं किया जाएगा सिवाय अधिकृत अधिकारी की अनुमति से उन स्टेशनों पर जहाँ लगातार शंटिग कार्य होता हो एव  वह पाॅइन्ट रोक सिगनल या शंट सिगनल से रक्षित हो तथा ऐसा शंटिंग करते समय निम्न सावधानियाँ रखी जाएंगी -
  • शंटिग प्राधिकृत सक्षम रेल कर्मचारी के पर्यवेक्षण मे  की जाएगी।
  • रैक/लोड पूर्ण एयर प्रेशर/वैक्यूमयुक्त होना चाहिए।
  • इनके अतिरिक्त सवारी गाड़ी की शंटिग करते समय निम्नलिखित बातों का भी ध्यान रखना चाहिए -
  • इंजन को लोड पर जोड़ने से पहले 20 मीटर दूर खड़ा करना चाहिए व उसके पश्चात्सा वधानीपूर्वक कोच को जेाड़ना या काटना चाहिए।
  • यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भिस्ती द्वारा कोचो  में पानी तो नहीं भरा जा रहा है, लगेज वान/पार्सल वान मे  लोडिंग या अनलोडिंग का कार्य तो नहीं चल रहा है या जहा ँ संभव हो यात्रियों को एनाउंसमेंट द्वारा शंटिग कार्य के बारे मे  सूचित किया जाना चाहिए ताकि वे कोच मे  चढ़ते/उतरते समय सावधान रहें।
  • यात्री गाड़ी का शंटिंग करते समय उस रनिंग लाइन पर उस गाड़ी का इंजन, बैंकिंग इंजन या शंटिग इंजन के अलावा किसी और इंजन को नहीं जाने देना चाहिए। जब कभी ऐसा करना अति आवश्यक हो तो पायलटिंग करके ले जाया जाएगा व गाड़ी या कोच से कम से कम 50 मीटर दूर रखा जाना चाहिए।

लूज शंटिंग करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ -
  • जिन डिब्बों का लूज शंटिंग करना मना हो, उनका लूज शंटिंग नहीं किया जाना चाहिए।
  • जिन डिब्बों मे हैंड ब्रेक नहीं हो  उनका लूज शंटिंग नहीं किया जाना चाहिए।
  • रात के समय या धुन्ध व कोहरे के समय लूज शंटिंग नहीं की जानी चाहिए।
  • डेड एन्ड वाली साइडिंग मे लूज शंटिग नहीं की जानी चाहिए।
  • जिस लाइन पर लूज शंटिंग किया जा रहा हो, वह लाइन यदि मेन लाइन से आइसोलेट नहीं की गई हो, जिसके कारण इस बात का खतरा हो कि डिब्बा ब्लाॅक सेक्शन की ओर रन अवे हो सकता है, तो लूज शंटिग नहीं की जानी चाहिए।
  • जिन स्टेशनो  के स्टेशन संचालन नियम मे  लूज शंटिंग करने की मना हो वहाँ लूज शंटिंग नहीं की जानी चाहिए।

हैंड शंटिंग करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए -
  • स्टेशन मास्टर या यार्ड मास्टर के सुपरविजन मे  ही ऐसा शंटिंग किया जाना चाहिए।
  • एक समय में केवल एक ही डिब्बे का शंटिग किया जाना चाहिए।
  • उस डिब्बे के हैंड ब्रेक कार्य स्थिति मे  होने चाहिए।
  • जहाँ ब्लाॅक सेक्शन की ओर 1 इन 500 मीटर या उससे तीव्र ढलान हो तो वहाँ हैंड शंटिग नहीं की जानी चाहिए।
  • धुध व कोहरे के समय किसी आने वाली गाड़ी को लाइन क्लीयर देने के बाद बिना आइसोलेशन वाली लाइन पर शंटिग कार्य नहीं किया जाएगा।
  • इनके अतिरिक्त स्टेशन संचालन नियम मे  कोई अन्य सावधानी बताई गई हो तो उसका भी पालन किया जाना चाहिए। शंटिंग के दौरान लोको पायलट को जारी किए जाने वाले प्राधिकार शंटिंग आदेश (टी 806) - यह एक छपा हुआ निर्धारित फाॅर्म है जो शंटिग की जाने वाली गाड़ी के लोको पायलट व गार्ड को जारी किया जाता है। इसे स्टेशन मास्टर द्वारा कार्बन पेपर की सहायता से तीन प्रतियों मे  बनाया जाता है। जिसमें से मूल प्रति लोको पायलट को, दूसरी प्रति गार्ड को जारी करके उनके हस्ताक्षर लिए जाते हैं व तीसरी प्रति रिकाॅर्ड में रखी जाती है। शंटिग कार्य समाप्त होने के बाद यह वापस स्टेशन मास्टर को लौटा दिया जाना चाहिए जिसे स्टेशन मास्टर रिकाॅर्ड के साथ चिपका देगा। इस फाॅर्म में कई काॅलम खाली होते हैं, जिसे आवश्यकतानुसार स्टेशन मास्टर द्वारा भरा जाता है। जैसे - शंटिंग करने वाली गाड़ी या इंजन का नंबर, दिनांक, शंटिंग कार्य का विवरण, शंटिंग के दौरान जिस सिगनल को आॅन स्थिति में पार करना हो उसका नाम, लाइन को ब्लाॅक बैक या
  • ब्लाॅक फाॅरवर्ड किया गया है या नहीं तथा टोकन/टेबलेट/पेपर लाइन क्लीयर टिकट दिया जा रहा है तो उसका नम्बर इत्यादि। अन्त में स्टेशन मास्टर अपने हस्ताक्षर करके स्टेशन की मुहर लगाता है। जो काॅलम काम में नहीं आते हों, उन्हें स्टेशन मास्टर द्वारा काट दिया जाना चाहिए।

टी-806 जारी करने की परिस्थितियाँ -
  • सिंगल लाइन प्रथम रोक सिगनल तक शंटिग करते समय यदि बीच में एडवान्स्ड स्टार्टर सिगनल लगा हो उसे आॅन स्थिति मे  पार करने के लिए।
  • सिंगल लाइन के स्टेशन पर प्रथम रोक सिगनल से बाहर शंटिग करते समय ब्लाॅक बैक की कार्यवाही करने के बाद।
  • डबल लाइन के स्टेशन पर पिछले ब्लाॅक सेक्शन मे  शंटिंग करनी हो तो ब्लाॅक बैक की कार्यवाही करने के बाद।
  • डबल लाइन के स्टेशन पर अगले ब्लाॅक सेक्शन मे  शंटिंग करनी हो तो ब्लाॅक फाॅरवर्ड की कार्यवाही करने के बाद।
  • डबल लाइन पर स्टेशन संचालन नियम मे  दी गई अनुमति के अन्तर्गत ब्लाॅक सेक्शन में गई हुई गाड़ी के पीछे शंटिंग करते समय।
  • जब असामान्य परिस्थिति मे  अगले स्टेशन की ओर जाती हुई गाड़ी पुशबैक होकर पिछले स्टेशन की ओर आती है, तो सिंगल लाइन में प्रथम रोक सिगनल से तथा डबल लाइन मे ं लोको पायलट द्वारा गाड़ी को जहाँ खड़ा किया गया है, वहाँ से गाड़ी को स्टेशन पर लेने के लिए यह फाॅर्म गार्ड को स्टेशन मास्टर द्वारा जारी किया जाएगा।
  • टीटीएम/टावर वैगन को साइडिंग से रनिंग लाइन पर लाने हेतु।
एस.एच.चाबी - ‘बी’ क्लास सिंगल लाइन के वे स्टेशन जहाँ सिंगल लाइन टोकनलेस ब्लाॅक उपकरण लगे हों, वहाँ यह चाबी ब्लाॅक उपकरण के साथ इस प्रकार जुड़ी होती है कि सामान्यतः इसे ब्लाॅक उपकरण से तभी बाहर निकाला जा सकता है जबकि ब्लाॅक उपकरण स्थिति प्रदर्शित कर रहा हो। एक बार इसे ब्लाॅक उपकरण से बाहर निकालने के बाद किसी गाड़ी के लिए लाइन क्लीयर नहीं दिया/लिया जा सकता है। इसे शंटिग के दौरान प्रथम रोक सिगनल तक जाने के लिए लोको पायलट को प्राधिकार के रूप मे  दिया जाता है। जहाँ टोकन/टेबलेट वाले ब्लाॅक उपकरण लगे हो  वहाँ यह संभावना रहती है कि स्टेशन मास्टर किसी लोको पायलट को शंटिग कार्य के लिए शंटिग टोकन जारी करने के बाद गलती से लाइन क्लीयर दे दे। इस पर दोनो  ब्लाॅक स्टेशनों के नाम लिखे रहते हैं ताकि यह पता चल सके कि यह चाबी लोको पायलट को किस ब्लाॅक सेक्शन मं  जाने का प्राधिकार है। जहाँ अनुमोदित अनुदेशों के अन्तर्गत किसी सिंगल लाइन टोकनलैस ब्लाॅक उपकरण वाले स्टेशन के स्टेशन संचालन नियम में ब्लाॅक सेक्शन में गई हुई गाड़ी के पीछे शंटिंग कार्य करने की अनुमति दी गई हो तो वहाँ यह चाबी ब्लाॅक उपकरण से तभी रिलीज की जा सकती है जबकि ब्लाॅक उपकरण  दोनों स्थिति प्रदर्शित कर रहा हो।

शंटिंग टोकन - प्रत्येक ‘बी’ क्लास सिंगल लाइन के स्टेशन पर शंटिग कार्य के उद्देश्य से शंटिंग टोकन रखे जाते है  जिनका उपयोग स्टेशन के प्रथम रोक सिगनल तक शंटिग करने के लिए किया जाता है। ये धातु के बने हुए होते हैं तथा आकार मे  तीन प्रकार के होते हैं - गोल अप प्रथम रोक सिगनल तक, चैकोर डाउन प्रथम रोक सिगनल तक तथा षट्कोणीय (छः कोने वाला) ब्रान्च लाइन के प्रथम रोक सिगनल तक। इसके आगे के भाग में तथा पीछे की ओर स्टेशन का कोड नाम खुदा होता है। जब ये काम में नहीं आ रहे हो  तो स्टेशन मास्टर इन्हें नाॅन-इन्टरलाॅक्ड की-बाॅक्स में तालित रखेगा। केवल स्टेशन के प्रथम रोक सिगनल तक शंटिंग करवाते समय इन्हें की-बाॅक्स से निकालकर लोको पायलट को दिया जाएगा। सिंगल लाइन टोकनलैस ब्लाॅक उपकरण वाले स्टेशन पर इनका उपयोग केवल तभी किया जाएगा जब ब्लाॅक उपकरण खराब हो। शंटिंग कार्य समाप्त हो जाने के पश्चात्  लोको पायलट द्वारा शंटिंग टोकन पुनः स्टेशन मास्टर को लौटा दिए जाएंगे। स्टेशन मास्टर ब्लाॅक सेक्शन का साफ होना सुनिश्चित करने के बाद इन्हें नाॅन-इन्टरलाॅक्ड की-बाॅक्स में रख देगा। स्टेशन मास्टर को किसी भी गाड़ी को लाइन क्लीयर देने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उस दिशा से सम्बन्धित शंटिग टोकन स्टेशन मास्टर के पास ही है। स्टेशनो  पर डुप्लीकेट शंटिंग टोकन का सेट भी स्टेशन मास्टर के पास ताले मे  सुरक्षित रहता है, जिनका उपयोग तब किया जाता है जबकि कोई शंटिंग टोकन खो गया हो।

शंटिंग टोकन खो जाना - शंटिंग टोकन यदि खो जाए तो इस सम्बन्ध में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जानी चाहिए तथा जिस व्यक्ति की लापरवाही से खोया हो उससे स्टेटमेंट लेकर रिपोर्ट के साथ  तथा सेक्शन के परिवहन निरीक्षक को भेजनी चाहिए। जब तक नये बन कर नहीं आते हैं या खोया हुआ शंटिग टोकन मिल नहीं जाता है, तब तक शंटिग कार्य हेतु डुप्लीकेट शंटिंग टोकन काम मे  लिए जाएंगे। नया शंटिग टोकन प्राप्त हो जाने के बाद डुप्लीकेट को वापस सुरक्षित रख दिया जाएगा।

‘बी’ क्लास स्टेशन पर शंटिंग की अवस्थाएं

सिंगल लाइन स्टेशन पर जहाँ टोकन/टेबलेट वाले ब्लाॅक उपकरण लगे हो  -

स्टेशन सेक्शन में शंटिंग:

स्टेशन मास्टर/यार्ड मास्टर के लिखित या मौखिक आदेशों के अन्तर्गत की जा सकती है।
शंटिग जमादार/शंटिग मास्टर/गार्ड/स्टेशन मास्टर के सुपरविजन मे  शंटिंग की जाएगी।
लोको पायलट द्वारा शंट सिगनल व सक्षम रेल कर्मचारी के हैंड सिगनल के संकेतों का पालन करते हुए शंटिंग कार्य किया जाएगा।
आने वाली गाड़ी के सभी सिगनल आन स्थिति मे  होने चाहिए, यदि शंटिग की जाने वाली लाइन आइसोलेट हो तो उस परिस्थिति मे  सिगनल आफ करने के बाद भी शंटिंग किया जा सकता है।
शंटिग कार्य हेतु लोको पायलट को कोई प्राधिकार जारी नहीं किया जाएगा।

स्टेशन सेक्शन से बाहर प्रथम रोक सिगनल तक शंटिंग:
ब्लाॅक सेक्शन साफ होना चाहिए।
दो संकेतीय सिगनलिंग व्यवस्था मे आउटर सिगनल तक के लिए तथा बहु संकेतीय सिगनलिंग व्यवस्था में होम सिगनल तक के लिए लोको पायलट को दिशा के अनुसार शंटिग टोकन जारी किया जाएगा और यदि वहाँ एडवान्स्ड स्टार्टर सिगनल हो तो उसे आन स्थिति मे  पार करने के लिए टी-806 भी साथ मे  जारी किया जाएगा।
दोनो  ही प्राधिकार शंटिग कार्य पूर्ण होने के पश्चात् स्टेशन मास्टर को लौटा दिए जाएंगे।

प्रथम रोक सिगनल के बाहर शंटिंग:
  • ब्लाॅक सेक्शन साफ होना चाहिए।
  • स्टेशन मास्टर दूसरी तरफ के ब्लाॅक स्टेशन से टेलीफोन पर संदेश का आदान प्रदान करके नियमानुसार लाइन को ब्लाॅक बैक करेगा।
  • ब्लाॅक उपकरण पर लाइन क्लीयर प्राप्त करके लोको पायलट को शंटिग प्राधिकार के रूप मे ं ब्लाॅक उपकरण से निकला हुआ टोकन/टैबलेट व साथ मे  ब्लाॅक बैक की सूचना व एडवान्स्ड स्टार्टर सिगनल को आन स्थिति में पार करने के लिए टी-806 का प्राधिकार देगा। जितने समय के लिए ब्लाॅक बैक किया गया हो शंटिग कार्य उतने ही समय मे  पूर्ण करने की कोशिश की जानी चाहिए ताकि कोई अन्य गाड़ी को इससे विलम्ब न हो। जब
  • ब्लाॅक उपकरण खराब हो या सस्पेन्ड किया हुआ हो तो ब्लाॅक बैक के पश्चात् लोको पायलट को पेपर लाइन क्लीयर टिकट व टी-806 जारी किया जाएगा।
  • टोकन/टैबलेट व टी-806 के प्राधिकार शंटिग कार्य पूर्ण होने के पश्चात् स्टेशन मास्टर को वापस लौटा दिए जाएंगे।

ब्लाॅक सेक्शन में गई हुई गाड़ी के पीछे  शंटिंग:

ऐसा शंटिग तभी किया जा सकता है जबकि स्टेशन संचालन नियम में इस बात की अनुमति प्रदान की गई हो।
ब्लाॅक सेक्शन मे  गई हुई गाड़ी पूर्ण ब्रेकपावर वाली होनी चाहिए।
शंटिग की जाने वाली गाड़ी में पूर्ण ब्रकपावर व ब्रेकभार होना चाहिए।
सिंगल लाइन पर केवल प्रथम रोक सिगनल तक ही ऐसा शंटिंग किया जा सकता है।
लोको पायलट को ऊपर वर्णित ‘प्रथम रोक सिगनल तक शंटिग’ के अनुसार ही प्राधिकार दिए जाएंगे।

सिंगल लाइन स्टेशन पर जहा  टोकनलैस ब्लाॅक उपकरण लगे हो  -

स्टेशन सेक्शन में शंटिंग:

स्टेशन मास्टर/यार्ड मास्टर के लिखित या मौखिक आदेशों के अन्तर्गत की जा सकती है।
शंटि ंग जमादार/शंटिग मास्टर/गार्ड/स्टेशन मास्टर के सुपरविजन मे  शंटिंग की जाएगी।
लोको पायलट द्वारा शंट सिगनल व सक्षम रेल कर्मचारी के हैंड सिगनल के संकेतों का पालन करते हुए शंटिंग कार्य किया जाएगा।
आने वाली गाड़ी के सभी सिगनल आन स्थिति में होने चाहिए, यदि शंटिंग की जाने वाली लाइन आइसोलेट हो तो उस परिस्थिति में सिगनल आफ करने के बाद भी शंटिंग किया जा सकता है।
शंटिग कार्य हेतु लोको पायलट को कोई प्राधिकार जारी नहीं किया जाएगा।

स्टेशन सेक्शन से बाहर प्रथम रोक सिगनल तक शंटिंग:
ब्लाॅक सेक्शन साफ होना चाहिए।
आने वाली गाड़ी के सिगनल आन स्थिति में होने चाहिए।

दो संकेतीय सिगनलिंग व्यवस्था मे  आउटर सिगनल तक के लिए तथा बहु संकेतीय सिगनलिंग व्यवस्था मे  होम सिगनल तक के लिए लोको पायलट को उस ब्लाॅक सेक्शन की ‘एस एच’ चाबी व एडवान्स्ड स्टार्टर सिगनल को आन स्थिति मे  पार करने के लिए टी-806 भी साथ मे  जारी किया जाएगा।

ब्लाॅक उपकरण खराब/निलम्बित होने पर ‘एस एच चाबी’ की जगह ‘शंटिंग टोकन’ जारी किया जाएगा।

दोनो ही प्राधिकार शंटिग कार्य पूर्ण होने के पश्चात् स्टेशन मास्टर को लौटा दिए जाएंगे।

प्रथम रोक सिगनल के बाहर शंटिंग:

ब्लाॅक सेक्शन साफ होना चाहिए।
स्टेशन मास्टर दूसरी तरफ के ब्लाॅक स्टेशन से टेलीफोन पर संदेश का आदान प्रदान करके नियमानुसार लाइन को ब्लाॅक बैक करेगा।
ब्लाॅक उपकरण से सम्बन्धित ‘एस एच’ चाबी निकालकर स्टेशन मास्टर अपनी सेफ कस्टडी मे  रखेगा व लोको पायलट को शंटिग प्राधिकार के रूप मे  सादा लिखित मीमो जिसमें चाबी के ब्लाॅक उपकरण से निकाले जाने की बात लिखी गई हो व साथ मे  ब्लाॅक बैक की सूचना व एडवान्स्ड स्टार्टर सिगनल को आॅन स्थिति मे  पार करने के लिए टी-806 का प्राधिकार देगा। जब ब्लाॅक उपकरण खराब हो या सस्पेन्ड किया हुआ हो जिसके कारण ‘एस एच’ चाबी को ब्लाॅक उपकरण से न निकाला जा सके तो ब्लाॅक बैक के पश्चात् लोको पायलट को पेपर लाइन क्लीयर व टी-806 जारी किया जाएगा। टी-806 का प्राधिकार शंटिग कार्य पूर्ण होने के पश्चात् स्टेशन मास्टर को वापस लौटा दिया जाएगा।

ब्लाॅक सेक्शन में गई हुई गाड़ी के छे  शंटिंग:

ऐसा शंटिग तभी किया जा सकता है जबकि स्टेशन संचालन नियम में इस बात की अनुमति प्रदान की गई हो।
ब्लाॅक सेक्शन मे  गई हुई गाड़ी पूर्ण ब्रेकपावर वाली होनी चाहिए।
शंटिग की जाने वाली गाड़ी में पूर्ण ब्रेकपावर व ब्रेकभार होना चाहिए।
सिंगल लाइन पर केवल प्रथम रोक सिगनल तक ही ऐसा शंटिंग किया जा सकता है।
स्टेशन संचालन नियम में बताए अनुसार लोको पायलट को ऊपर वर्णित ‘प्रथम रोक सिगनल तक शंटिग’ के अनुसार ही प्राधिकार दिए जाएंगे।

डबल लाइन स्टेशन पर -
स्टेशन सेक्शन में शंटिंग:
स्टेशन मास्टर/यार्ड मास्टर के लिखित या मौखिक आदेशों के अन्तर्गत की जा सकती है।
शंटिग जमादार/शंटिंग मास्टर/गार्ड/स्टेशन मास्टर के सुपरविजन मे  शंटिंग की जाएगी।
लोको पायलट द्वारा शंट सिगनल व सक्षम रेल कर्मचारी के हैंड सिगनल के संकेतों का पालन करते हुए शंटिंग कार्य किया जाएगा।
आने वाली गाड़ी के सभी सिगनल आन स्थिति में होने चाहिए, यदि शंटिंग की जाने वाली लाइन आइसोलेट हो तो उस परिस्थिति में सिगनल आफ करने के बाद भी शंटिंग किया जा सकता है।
शंटिग कार्य हेतु लोको पायलट को कोई प्राधिकार जारी नहीं किया जाएगा।

ब्लाॅक सेक्शन में  शंटिंग:

ब्लाॅक सेक्शन साफ होना चाहिए।
पिछले ब्लाॅक सेक्शन मे  शंटिंग करने के लिए स्टेशन मास्टर के द्वारा टेलीफोन पर नियमानुसार ब्लाॅक बैक की कार्यवाही की जाएगी तथा अगले ब्लाॅक सेक्शन में शंटिंग करने के लिए ब्लाॅक फाॅरवर्ड की कार्यवाही की जाएगी।
स्टेशन मास्टर अनुमति प्राप्त करने या देने के बाद  टाइप ब्लाॅक उपकरण वाले स्टेशन  मे करेगा तथा  ब्लाॅक उपकरण मैड चाबी को बाहर निकाल लेगा।
होम सिगनल व अन्तिम रोक सिगनल के लीवर या बटन पर स्टाॅप काॅलर रख दी जाएगी।
लोको पायलट को टी-806 का प्राधिकार पत्र जारी किया जाएगा। ब्लाॅक बैक या ब्लाॅक फाॅरवर्ड के लिए बताए गए समय मे  ही शंटिग कार्य को पूर्ण करने की कोशिश की जानी चाहिए ताकि अन्य गाड़ियों को किसी प्रकार का विलम्ब न हो।
शंटिंग कार्य पूर्ण होने के पश्चात् लोको पायलट द्वारा टी-806 स्टेशन मास्टर को लौटा दिया जाएगा।

ब्लाॅक सेक्शन में गई हुई गाड़ी के पीछे  शंटिंग:

ऐसा शंटिग तभी किया जा सकता है जबकि स्टेशन संचालन नियम में इस बात की अनुमति प्रदान की गई हो।
ब्लाॅक सेक्शन मे  गई हुई गाड़ी पूर्ण ब्रेकपावर वाली होनी चाहिए।
शंटिग की जाने वाली गाड़ी में पूर्ण ब्रेकपावर व ब्रेकभार होना चाहिए।
अगले ब्लाॅक स्टेशन के स्टेशन मास्टर को सूचना देकर प्राइवेट नम्बर प्राप्त कर लिया जाएगा व कन्ट्रोलर को भी सूचना दी जाएगी।
लोको पायलट को शंटिंग के प्राधिकार के रूप में टी-806 का प्राधिकार दिया जाएगा जिसमें यह लिखा जाएगा कि ब्लाॅक सेक्शन में आगे कितने बजे कौन सी गाड़ी गई हुई है ताकि लोको पायलट सतर्क रहे। यदि गाड़ी अगले स्टेशन पहुँच जाए और शंटिंग कार्य पूर्ण न हुआ हो तो ब्लाॅक वर्किंग मैनुअल के अनुसार ब्लाॅक फाॅरवर्ड की कार्यवाही तुरन्त की जानी चाहिए।
शंटिग कार्य पूर्ण होने पर लोको पायलट टी-806 वापस स्टेशन मास्टर को लौटा देगा।

नोट:- उपरोक्त के अतिरिक्त किसी स्टेशन पर शंटिंग से सम्बन्धित कोई विशेष सावधानी बताई गई हो तो उसका भी पालन किया जाना चाहिए।

गाड़ी को अग्रिम स्थिति में बढ़ाना

स्टेशन से रवाना होने के लिए प्रस्थान आदेश की प्रतीक्षा करने वाली गाड़ी को एडवान्स्ड स्टार्टर सिगनल तक आगे बढ़ाने की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी जब तक कि स्टार्टर सिगनल और एडवांस्ड स्टार्टर सिगनल के बीच उस गाड़ी की अग्रिम स्थिति मे  उपस्थिति का संकेत देने के लिये ट्रेक सर्किट या एक्सल काउंटर नहीं लगाया गया हो। स्टेशन सेक्शन मे  शंटिग करने वाली गाड़ियो ंपर यह शर्त लागू नहीं होगी।
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