आटोमेटिक ब्लाॅक पद्धति
किसी सेक्शन में लाइन क्षमता से बहुत अधिक गाड़ियाँ हो और उन्हें सम्पूर्ण ब्लाक पद्धति से चलाने में विलम्ब होता हो तो रेलवे प्रशासन द्वारा सेक्शन पर आटोमेटिक ब्लाक पद्धति लागू की जाती है। इस पद्धति के अन्तर्गत पूरे सेक्शन को ट्रैक सर्किटेड किया जाता है या आवश्यकतानुसार एक्सल काउन्टर लगाए जाते हैं और उस सेक्शन में कलर लाइट रोक सिगनलों लगाकर छोटे-छोटे सिगनलिंग सेक्शनों में विभाजित किया जाता है और प्रत्येक सिगनलिंग सेक्शन में एक-एक गाड़ी चलाई जा सकती है। प्रत्येक सिगनल को ट्रैक सर्किट या एक्सल काउन्टर नियंत्रित करता है। ट्रैक सर्किट या एक्सल काउन्टर गाड़ियों से उत्पन्न रुकावट की सूचना रोक सिगनल को संकेतो के द्वारा देते है। जिन्हें देखकर लोको पायलट/मोटरमेन को लगातार आगे के सिगनलिंग सेक्शनों के साफ या अवरुद्ध होने की जानकारी मिलती रहती है तथा वह अपनी गाड़ी को उसी प्रकार नियंत्रित करता है।
डबल लाइन पर आटोमेटिक ब्लाक पद्धति की आवश्यक बातें -
जहाँ गाड़ियाँ आटोमेटिक ब्लाक पद्धति से चलाई जाती है वहाँ -
- पूरी की पूरी लाइन ट्रैक सर्किटेड या एक्सल काउन्टरयुक्त होनी चाहिए।
- दो ब्लाक स्टेशनों के बीच की लाइन को आवश्यकतानुसार आटोमेटिक ब्लाक सिगनलिंग सेक्शनों मे विभाजित किया जाएगा जो दो नजदीकी सिगनलों के बीच रनिंग लाइन का भाग होगा, जिसमें गाड़ियों का प्रवेश रोक सिगनल द्वारा नियंत्रित होगा।
- आटोमेटिक ब्लाक सिगनलिंग सेक्शन में गाड़ियों के प्रवेश को नियंत्रित करने वाले रोक सिगनल को ट्रैक सर्किट या एक्सल काउन्टर के साथ इस प्रकार जोड़ा जाएगा कि -
- कोई भी रोक सिगनल तब तक आफ स्थिति नहीं बताएगा, जब तक कि लाइन अगले रोक सिगनल तक ही नहीं बल्कि आगे पर्याप्त दूरी तक साफ न हो,
- जैसे ही गाड़ी रोक सिगनल को पार करेगी, वैसे ही वह स्वतः ही आन स्थिति में हो जाएगा।
- जब तक अनुमोदित विशेष अनुदेशों के द्वारा निर्देश न दिए गए हों, तब तक यह पर्याप्त दूरी 120 मीटर से कम नहीं होगी। पश्चिम रेलवे के चर्चगेट से विरार तक के लगातार ट्रैक सर्किट वालेआटोमेटिक सेक्शन में अनुमोदित विशेष अनुदेश के द्वारा इस पर्याप्त दूरी को 90 मीटर किया गया है।
सिंगल लाइन पर आटोमेटिक ब्लाक पद्धति की आवश्यक बातें -
जहाँ गाड़ियों का संचालन सिंगल लाइन पर आटोमेटिक ब्लाक पद्धति के द्वारा किया जाता है, वहाँ -
1. पूरी लाइन पर लगातार ट्रैक सर्किट या एक्सल काउन्टर लगे हुए होने चाहिए,
2. दो ब्लाक स्टेशनों के बीच की लाइन को आवश्यकतानुसार दो या अधिक आटोमेटिक ब्लाक सिगनलिंग सेक्शनों में विभाजित किया जाएगा,
3. अगले ब्लॅाक स्टेशन से लाइन क्लीयर प्राप्त हो जाने के बाद ही यातायात की दिशा निर्धारित की जाएगी,
4. अगले ब्लाक स्टेशन से लाइन क्लीयर प्राप्त करना तब तक संभव नहीं होगा, जब तक कि लाइन अगले स्टेशन के प्रथम रोक सिगनल तक ही नहीं बल्कि उसके आगे भी पर्याप्त दूरी तक साफ न हो,
5. यातायात की दिशा स्थापित होने के पश्चात् ही किसी गाड़ी केा एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन के लिए रवाना किया जा सकेगा,
6. यातायात की दिशा स्थापित हो जाने के बाद ही आटोमेटिक ब्लाक सिगनलिंग सेक्शन मे गाड़ियो के प्रवेश, निकास को रोक सिगनल द्वारा नियंत्रित किया जाएगा,
7. प्रत्येक आटोमेटिक रोक सिगनल को ट्रैक सर्किट या एक्सल काउन्टर के साथ इस प्रकार जोड़ा जाएगा कि वह तब तक ‘आफ’ स्थिति नहीं बताएगा, जब तक कि लाइन अगले आटोमेटिक रोक सिगनल तक साफ न हो और यदि अगला रोक सिगनल मैनुअल हो तो लाइन उससे आगे पर्याप्त दूरी तक साफ न हो,
8. यातायात की विपरीत दिशा के सभी सिगनल ‘आन’ स्थिति मे रहेंगे,
9. जब तक अनुमोदित विशेष अनुदेशो के द्वारा न बताया गया हो, उपरोक्त वर्णित पर्याप्त दूरी 180 मीटर से कम नहीं होगी।
आटोमेटिक ब्लाक पद्धति के अन्तर्गत लगाए जाने वाले रोक सिगनल
आटोमेटिक ब्लाक पद्धति मे तीन संकेतीय या चार संकेतीय कलर लाइट रोक सिगनल लगाए जाते हैं, जो ट्रैक सर्किट या एक्सल काउन्टर के साथ इन्टरलाक्ड होते हैं, ये निम्न प्रकार के होते हैं -
आटोमेटिक रोक सिगनल - यह रोक सिगनल पूर्णतः ट्रैक सर्किट या एक्सल काउन्टर द्वारा ही नियंत्रित होता है। इस सिगनल के खम्भे पर पहचान के लिए एक सफेद गोल डिस्क होती है, जिस पर काले रंग से अँग्रेजी का ‘A’अक्षर लिखा होता है। ऐसे सिगनल सामान्यतः दो स्टेशनों के बीच वहाँ लगाए जाते हैं जहाँ कोई पाइन्ट न हो। लोको पायलट/मोटरमेन इस सिगनल को आगे बताए गए नियम के अनुसार ‘आन’ स्थिति मे पार कर सकता है।
मैनुअल रोक सिगनल - इस सिगनल के खम्भे पर कोई मार्कर नहीं होता है। यह तब तक ‘आफ’ नहीं होगा, जब तक कि इसे लीवर या पैनल पर लगे बटन के द्वारा मैनुअली ‘आफ’ नहीं किया जाए। जब इस सिगनल से गाड़ी
गुजरती है तो यह स्वतः ही ‘आन’ स्थिति में हो जाता है परन्तु दुबारा ‘आफ’ तभी होगा जब इसे मैनुअली ‘आफ’ किया जाए, चाहे कितने भी सिगनलिंग सेक्शन साफ क्यों न हो। ऐसे सिगनल सामान्यतः स्टेशन पर आगमन रोक सिगनल के रूप में लगाए जाते हैं, जो कि उस पर लगे रूट इंडीकेटर द्वारा लोको पायलट/ मोटरमेन को संकेत देता है कि उसकी गाड़ी को स्टेशन की किस लाइन पर लिया जा रहा है व लोको पायलट/मोटरमेन इस सिगनल को तब तक ‘आन’ स्थिति मे पार नहीं कर सकता, जब तक कि उसके लिए टी-369/ए का प्राधिकार प्राप्त न हो जाए।
सेमी आटोमेटिक रोक सिगनल - यह आटोमेटिक ब्लाक पद्धति मे लगाया जाने वाला ऐसा रोक सिगनल है जिसे गाड़ी संचालन की आवश्यकतानुसार आटोमेटिक व मैनुअल दोनों तरह से काम मे लिया जा सकता है। ऐसा करने के लिए स्टेशन पर लगे किंग लीवर या पैनल पर लगे बटन का उपयोग किया जाता है। यह किस प्रकार कार्य कर रहा है इसे जानने के लिए इसके खम्भे पर जलने व बुझने वाला अँगेजी का ‘A’अक्षर लगा होता है। जब ‘A’मार्कर प्रकाशित हो तो इसे आटोमेटिक रोक सिगनल माना जाएगा व यह पूर्णतः ट्रैक सर्किट या एक्सल काउन्टर से नियंत्रित होता रहेगा और जब इसका ‘A’मार्कर बुझा हुआ हो तो इसे मैनुअल रोक सिगनल माना जाएगा, उस परिस्थिति मे यह तब तक ‘आफ’ नहीं होगा, जब तक कि इसे लीवर या बटन द्वारा ‘आफ’ न किया जाए। ऐसे सिगनल सामान्यतः क्रासओवर पाइन्ट आदि पर लगाए जाते हैं।
माॅडीफाइड सेमी आटोमेटिक रोक सिगनल - विशेष अनुदेशों के अन्तर्गत आटोमेटिक ब्लाक सिगनलिंग क्षेत्र में दो स्टेशनों के मध्य प्रत्येक दिशा में एक आटोमेटिक रोक सिगनल को माॅडीफाई करके सेमी आटोमेटिक किया जाएगा जो कि ट्रैक सर्किट या एक्सल काउन्टर के माध्यम से अगले स्टेशन के सिगनलों के साथ इन्टरलाक्ड रहेगा एवं अगले स्टेशन मास्टर के नियंत्रण में रहेगा। वह सिगनल आटोमेटिक कार्य कर रहा है या सेमी-आटोमेटिक, यह दर्शाने के लिए दोनो सिरे के स्टेशनो पर इंडीकेशन होंगे पिछले स्टेशन के एडवान्स्ड स्टार्टर सिगनल को माॅडीफाइड सेमी-आटोमेटिक रोक सिगनल के साथ इस प्रकार इन्टरलाक्ड किया जाएगा कि जब उसका ‘A’मार्कर बुझा हुआ हो तो एडवान्स्ड स्टार्टर ‘आफ’ स्थिति तभी बताएगा या उसे तभी ‘आफ’ किया जा सकेगा जब कि लाइन माॅडीफाइड सेमी-आटोमेटिक रोक सिगनल से आगे पर्याप्त दूरी तक साफ हो। इसी प्रकार माॅडीफाइड सेमी-आटोमेटिक रोक सिगनल ‘आफ’ स्थिति तभी बताएगा या उसे तभी
‘आफ’ किया जा सकेगा जब कि लाइन अगले स्टेशन के होम सिगनल से आगे पर्याप्त दूरी तक साफ हो।
असामान्य परिस्थितियों जैसे - कोहरा, खराब मौसम आदि के कारण जब दृश्यता बाधित हो तो माडीफाइड सेमी-आटोमेटिक रोक सिगनल के ‘A’मार्कर को बुझी हुई स्थिति मे विशेष अनुदेशो मे बताए निर्दे शों के अनुसार काम मे लिया जा सकेगा। इस दौरान यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि पिछले स्टेशन के एडवान्स्ड स्टार्टर का एव अगले स्टेशन के होम सिगनल का ‘A’मार्कर भी बुझा हुआ हो।
आटोमेटिक रोक सिगनल को ‘आन’ स्थिति में पार करने के नियम
जब किसी लोको पायलट/मोटरमेन को कोई आटोमेटिक रोक सिगनल या ‘A’मार्कर जलता हुआ सेमी-आटोमेटिक रोक सिगनल ‘आन’ स्थिति मे मिले तो लोको पायलट/मोटरमेन को एक लगातार लम्बी सीटी/निर्धारित हाॅर्न बजाते हुए उस सिगनल से पहले गाड़ी को खड़ा करना चाहिए और दिन मे 1 मिनट व रात मे 2 मिनट तक उस सिगनल के ‘आफ’ होने का इन्तजार करना चाहिए, यदि इतने समय मे भी सिगनल ‘आफ’ नहीं हो तो लोको पायलट/मोटरमेन को एक लम्बी सीटी/ 00 पाॅस 00 बेल कोड बजाकर गार्ड से आल राइट सिगनल/पावती लेकर उस सिगनल को ‘आन’ स्थिति में पार करके सावधानीपूर्वक अधिकतम 15 कि.मी.प्र.घ. की गति से व गोलाई, कटिंग, सुरंग या दृश्यता बाधित होने के कारण आगे का रास्ता स्पष्ट न दिखाई दे रहा हो तो 10 कि.मी.प्र.घ. की गति से चलना चाहिए व किसी भी गाड़ी/रुकावट से पहले अपनी गाड़ी को रोकने के लिए तैयार रहना चाहिए। दृश्यता अवरुद्ध होने के कारण लोको पायलट/मोटरमेन को आगे की लाइन स्पष्ट न दिखाई दे रही हो और वह उचित समझे तो सहायक लोको पायलट/गार्ड को आगे गाड़ी के मार्गदर्शन हेतु भेजेगा।
लोको पायलट/मोटरमेन को ऊपर बताई गई गति से अगले रोक सिगनल तक चलना चाहिए यदि इस बीच रुकावट या गाड़ी खड़ी मिल जाती है तो ई.एम.यू. गाड़ी को उसके पीछे 75 मीटर या एक ओ.एच.ई. स्पान तथा अन्य गाड़ियों के मामले मे 150 मीटर या दो ओ.एच.ई. स्पान का अन्तर रखते हुए खड़ी कर देनी चाहिए। आपातकालीन परिस्थितियों जैसे - बाढ़ आदि की स्थिति मे सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यदि ठीक समझा जाए तो दोनों गाड़ियों को नजदीक लाकर भी जोड़कर खड़ा किया जा सकता है। यदि लोको पायलट/मोटरमेन को रास्ते मे कोई रुकावट या गाड़ी न मिले तो वह अगले रोक सिगनल तक उपरोक्त प्रतिबन्धित गति से चलेगा चाहे आगे का सिगनल उसे आफ ही क्यों न दिखाई दे रहा हो।
आटोमेटिक सिगनलिंग सेक्शन में मैनुअल रोक सिगनल को आन स्थिति में पार करने का प्राधिकारपत्र {टी 369(ए)} आटोमेटिक सिगनलिंग सेक्शन मे मैनुअल रोक सिगनल को आन स्थिति मे पार करने के लिए नया प्राधिकार पत्र जारी किया गया है जिसका नम्बर {टी 369(ए)} है। आगमन रोक सिगनल के मामले मे इसे उसी स्टेशन या पिछले स्टेशन से जारी किया जा सकता है जबकि प्रस्थान रोक सिगनल के मामले मे इसे उसी स्टेशन से जारी किया जाएगा जिस स्टेशन का रोक सिगनल खराब है।
मैनुअल रोक सिगनल को आन स्थिति में पार करने के नियम
आटोमेटिक ब्लाक पद्धति के अन्तर्गत किसी लोको पायलट/मोटरमेन को कोई मैनुअल रोक सिगनल ‘आन’ स्थिति मे मिले या सेमी-आटोमेटिक रोक सिगनल जिसके ‘A’मार्कर की लाइट बुझी हो, आन स्थिति मे मिले तो लोको पायलट/मोटरमेन उसे तभी पार कर सकता है जब उसे या तो कालिंग-आन सिगनल द्वारा अधिकृत किया जाए या स्टेशन मास्टर द्वारा उसे टी-369(ए) का लिखित प्राधिकार जारी किया जाए।
मोडीफाइड सेमी-आटोमेटिक रोक सिगनल को आन स्थिति में पार करने के नियम
जब लोको पायलट को मध्य सेक्शन मे बुझे हुए ‘A’मार्कर सहित माॅडीफाइड सेमी-आटोमेटिक रोक सिगनल ‘आन’ स्थिति मे मिलता है तो वह उससे पहले गाड़ी खड़ी करेगा एवं विशेष अनुदेशों के अन्तर्गत बताए गए अनुमोदित संचार साधन के द्वारा अगले स्टेशन के स्टेशन मास्टर को इस बारे मे सूचित करेगा। अगले स्टेशन का स्टेशन मास्टर विशेष अनुदेशों मे निर्धारित प्रक्रिया एव शर्तों को सुनिश्चित करके लोको पायलट को सिगनल ‘आन’ स्थिति में पार करने के लिए अधिकृत करेगा। यदि लोको पायलट अगले स्टेशन के स्टेशन मास्टर से सम्पर्क करने में असमर्थ हो तो वह 5 मिनट तक सिगनल पर इन्तजार करेगा एवं फिर उस सिगनल को ‘आन’ स्थिति में पार करके सावधानीपूर्वक किसी भी रुकावट से पूर्व रुकने के लिए तैयार रहते हुए अधिकतम 10 कि.मी.प्र.घ. की गति से अगले सिगनल तक जाएगा और उस सिगनल के संकेतों का पालन करेगा। लोको पायलट अगले स्टेशन के स्टेशन मास्टर को माॅडीफाइड सेमी-आटोमेटिक रोक सिगनल की खराबी की सूचना देगा।
आटोमेटिक ब्लाक पद्धति के अन्तर्गत लगाए जाने वाले गेट रोक सिगनल व उन्हें ‘आन’ स्थिति में पार करने के नियम
गेट की रक्षा करने वाला गेट रोक सिगनल - आटोमेटिक ब्लाक पद्धति मे गाड़ियाँ अधिक चलती हैं अतः ऐसे सेक्शनों में समपार फाटक होना गाड़ियों के संचालन एवं सड़क यातायात दोनो को प्रभावित करता है अतः संभवतः ऐसे सेक्शन मे ओवरब्रिज या अन्डरब्रिज बनाए जाते हैं परन्तु जहाँ सड़क यातायात कम होने के कारण समपार फाटक लगाया गया हो तो उसके दोनो ओर लगे रोक सिगनल को फाटक के साथ इन्टरलाक्ड किया जाएगा व वह गेट रोक सिगनल कहलाएगा जो कि सिगनलिंग सेक्शन की जानकारी के साथ-साथ समपार फाटक के बन्द या खुला होने की भी जानकारी देगा। ऐसे सिगनल के खम्भे पर एक पीली गोल डिस्क में काले रंग से अँग्रेजी का ‘ळ’ मार्कर व एक प्रकाशित होने वाला ‘A’मार्कर लगाया जाएगा। ऐसे सिगनल को तभी ‘आफ’ किया जा सकेगा, जब गेट सड़क यातायात के लिए बन्द एव तालित हो। जैसे ही इस सिगनल को आफ किया जाएगा, यह स्वतः ही आगे वाले रोक सिगनलों की स्थिति को पिक-अप कर लेगा। जब ऐसा गेट रोक सिगनल लोको पायलट/मोटरमेन को ‘आन’ स्थिति मे दिखाई दे तो उसे एक लगातार लम्बी सीटी बजाते हुए इस सिगनल की ओर बढ़ना चाहिए एव सिगनल पर पहुँचने तक भी सिगनल ‘आफ’ नहीं होता है तो गाड़ी सिगनल पर खड़ी करके उसके ‘A’मार्कर को देखना चाहिए, चदि वह प्रकाशित हो तो इसका अर्थ है कि फाटक सड़क यातायात के लिए बन्द व तालित है, ऐसी परिस्थिति मे लोको पायलट/मोटरमेन को दिन मे 1 मिनट व रात के समय 2 मिनट तक उस सिगनल के ‘आफ’ होने का इन्तजार करना चाहिए और फिर भी यदि सिगनल ‘आफ’ नहीं होता है तो उसे सावधानीपूर्वक ‘आन’ स्थिति में पार करके अधिकतम 15 कि.मी.प्र.घ. एवं गोलाई, कटिंग, सुरंग या लाइन स्पष्ट न दिखाई देने की स्थिति मे 10 कि.मी.प्र.घ. की गति से आगे बढ़ना चाहिए व अगले रोक सिगनल पर पहुँचने तक इसी प्रकार चलना चाहिए। यदि रास्ते मे कोई गाड़ी या रुकावट मिले तो ऊपर बताई गई दूरी पर गाड़ी खड़ी कर देनी चाहिए। यदि ‘A’मार्कर बुझा हुआ हो तो लोको पायलट/मोटरमेन को समझना चाहिए कि फाटक खुला हुआ है, ऐसे में उसे दिन में एक मिनट व रात के समय 2 मिनट इन्तजार करने के बाद फाटक तक सावधानीपूर्वक जाना चाहिए तथा गेट को गेटमेन/सहायक लोको पायलट/गार्ड की मदद से बन्द करवाने के बाद पार करना चाहिए व फिर गेट को सामान्य स्थिति में खोल कर उपरोक्त प्रतिबन्धित गति से चलते हुए अगले रोक सिगनल तक जाना चाहिए और फिर उसका पालन करते हुए अगले स्टेशन पहुँचकर परिस्थिति से स्टेशन मास्टर को अवगत कराना चाहिए।
गेट व पाइन्ट की रक्षा कने वाला गेट रोक सिगनल - आटोमेटिक ब्लाक पद्धति में जो गेट स्टेशन के नजदीक हो तो वहाँ पाइन्ट व फाटक की रक्षा के लिए अलग-अलग सिगनल लगाने की बजाय एक ही रोक सिगनल लगाया जाता है जो कि फाटक व पाइन्ट दोनों के साथ इन्टरलाक्ड रहता है। ऐसे गेट रोक सिगनल पर प्रकाशित होने वाले दो मार्कर, ‘A’एव ‘G’ लगाए जाते हैं। जब ऐसा गेट रोक सिगनल लोको पायलट/मोटरमेन को ‘आन’ स्थिति मे दिखाई दे तो लोको पायलट/ मोटरमेन को एक लगातार लम्बी सीटी बजाते हुए आगे बढ़ना चाहिए व सिगनल पर पहुँचने तक वह ‘आफ’ नहीं होता है तो उस पर गाड़ी खड़ी कर देनी चाहिए। तत्पश्चात् लोको पायलट/मोटरमेन को नीचे बताए अनुसार मार्कर की स्थिति देखते हुए कार्यवाही करनी चाहिए।
- यदि ‘A’मार्कर प्रकाशित हो और ‘।'मार्कर बुझा हुआ हो तो इसका अर्थ है कि फाटक बन्द व तालित है तथा पाइन्ट भी सेट व तालित है, ऐसे में लोको पायलट/मोटरमेन को दिन में 1 मिनट व रात के समय 2 मिनट तक इन्तजार करने के बाद उसे ‘आन’ स्थितिमे ऊपर बताई गई विधि से पार करना चाहिए।
- यदि ‘A’मार्कर प्रकाशित हो और ‘A’मार्कर बुझा हुआ हो तो इसका अर्थ है कि पाइन्ट सेट व तालित है परन्तु फाटक सड़क यातायात के लिए खुला हुआ हो सकता है। ऐसी परिस्थिति मे लोको पायलट/ मोटरमेन को दिन मे 1 मिनट एवं रात के समय 2 मिनट इन्तजार करने के बाद सिगनल को ‘आन’ स्थिति मे पार करके उपरोक्त गति से सावधानीपूर्वक फाटक तक जाना चाहिए व फाटक को ऊपर बताई गई विधि से बन्द करवाने के बाद ही पार करना चाहिए व आगे भी इसी विधि से चलते हुए अगले स्टेशन को इससे अवगत कराना चाहिए।
- यदि ‘A’एव ‘A’दोनो मार्कर बुझ हुए हों तो उस सिगनल को बिना टी-369(ए) प्राधिकार के ‘आन’ स्थिति मे पार नहीं किया जाएगा।
- यदि ‘A’एवं ‘A’दोनो मार्कर जल रहे हो तो उस सिगनल को खराब माना जाएगा।
आटोमेटिक ब्लाक पद्धति के अन्तर्गत पटाखे लगाकर बचाव करने की विधि
- आटोमेटिक ब्लाक पद्धति के अन्तर्गत कोई गाड़ी दुर्घटना, इंजन फेल, लाइन पर रुकावट या अन्य किसी कारण से आगे बढ़ने में असमर्थ हो जाए तो उस गाड़ी का बचाव करने के लिए पटाखे उसी लाइन पर 90-180-10 मीटर की दूरी पर लगाए जाएंगे तथा यदि पास वाली लाइन भी अवरुद्ध हो तो उसका बचाव करने के लिए पटाखे 600-1200-10-10 मीटर की दूरी पर लगाए जाएगे।
- आटोमेटिक ब्लाक पद्धति के अन्तर्गत गाड़ी को किसी स्टेशन पर आउट आफ कोर्स रोकना हो तो पटाखे उस स्टेशन के प्लेटफाॅर्म के कोने से आने वाली गाड़ी की दिशा मे ई.एम.यू. गाड़ी के लिए 180-10 मीटर की दूरी पर एव अन्य गाड़ियों के लिए 400-10 मीटर की दूरी पर लगाए जाएंगे व स्टेशन मास्टर या उसके द्वारा तैनात सक्षम रेल कर्मचारी आने वाली गाड़ी को ‘स्टाॅप’ हैंड सिगनल दिखाकर रोकेगा।
आटोमेटिक ब्लाक पद्धति के अन्तर्गत उपयोग में लिए जाने वाले प्राधिकार पत्र
- टी/ए-912 - आटोमेटिक/सेमी-आटोमेटिक/मैनुअल/गेट रोक सिगनलों को पार करने का प्राधिकार
- टी/बी-912 - बिना लाइन क्लीयर का प्रस्थान आदेश (ए.पी.डब्ल्यू.एल.सी.)
- टी/सी-912 - रिलीफ इंजन/गाड़ी आदि को सेक्शन में बिना लाइन क्लीयर के भेजने का प्राधिकार पत्र
- टी/डी-912 - सिगनलों की खराबी के दौरान लाइन क्लीयर प्राप्त हो जाने पर अगले स्टेशन तक जाने तथा रास्ते के सभी सिगनलों को पार करने का प्राधिकार पत्र
टी-369(ए) - मैनुअल रोक सिगनलों को ‘आन’ मे पार करने का प्राधिकार पत्र आटोमेटिक ब्लाक पद्धति के अन्तर्गत असामान्य परिस्थितियों में गाड़ियों के संचालन की विधि
सिगनलो में खराबी हो परन्तु संचार साधन चालू हो -
- प्रभावित खण्ड के सिरे वाले स्टेशन का स्टेशन मास्टर ट्रैक सर्किट/एक्सल काउन्टर, इन्टर केबिन/स्टेशन ग्रुप फोन, फिक्स्ड टेलीफोन पर लाइन क्लीयर प्राप्त करेगा।
- प्रत्येक गाड़ी के लोको पायलट/मोटरमेन व गार्ड को इस परिस्थिति की सूचना दी जाएगी।
- अगले सिरे के स्टेशन का स्टेशन मास्टर लाइन क्लीयर देने से पूर्व प्लेटफाॅर्म के स्टार्टर सिगनल से आगे 180 मीटर तक लाइन साफ होना सुनिश्चित करेगा।
- लोको पायलट/मोटरमेन को अगले नोमीनेटेड स्टेशन तक के लिए निम्नलिखित प्राधिकार पत्र दिए जाएंगे -
- टी/डी-912 - इस प्राधिकार पत्र पर रास्ते के सभी सिगनलों के नम्बर व लाइन क्लीयर के लिए प्राप्त प्राइवेट नम्बर लिखा जाएगा तथा सेमी-आटोमेटिक व मैनुअल सिगनल को सक्षम रेल कर्मचारी द्वारा हैंड सिगनल दिखाए जाने पर पार करने हेतु लिखा जाएगा।
- टी-409 - इसके अन्तर्गत लोको पायलट/मोटरमेन को दृश्यता साफ दिखाई देने पर अधिकतम 25 कि.मी.प्र.घ. एवं दृश्यता स्पष्ट न दिखाई देने पर 10 कि.मी.प्र.घ. की प्रतिबन्धित गति से चलने हेतु निर्देश दिए जाएंगे।
- प्रभावित स्टेशनों के नाम एवं कारण दर्शाते हुए एक मीमो लोको पायलट/मोटरमेन व गार्ड को दिया जाएगा।
- लोको पायलट/मोटरमेन रास्ते मे गेटमेंन द्वारा हैंड सिगनल दिखाए जाने पर गेट को पार करते हुए अगले स्टेशन की ओर बढेगा और गाड़ी को अगले स्टेशन के प्रथम रोक सिगनल पर रोकेगा व स्टेशन मास्टर द्वारा आगमन सिगनल आफ करके या टी-369(ए) के प्राधिकार पर सक्षम रेल कर्मचारी द्वारा हैंड सिगनल पर पायलट करके गाड़ी को स्टेशन पर लिया जाएगा।
- ‘ट्रेन आउट आफ सेक्शन’ संकेत प्राइवेट नम्बर सहित दिया जाएगा।
- ट्रेन सिगनल रजिस्टर मे सभी प्रविष्टियाँ की जाएगी।
- सभी गाड़ियाँ तब तक उपरोक्त विधि से चलती रहेगी, जब तक कि सिगनल सही होने की लिखित सूचना स्टेशन मास्टर को प्राप्त न हो जाए और प्राइवेट नम्बर के साथ सेक्शन का साफ होना सुनिश्चित करने के बाद ही सामान्य कार्य प्रणाली लागू की जाएगी।
सिगनलो में खराबी के साथ-साथ संचार व्यवस्था भी भंग हो -
- ट्रैक सर्किट/एक्सल काउन्टर, इंटर केबिन/स्टेशन ग्रुप फोन, फिक्स्ड टेलीफोन (ठैछस्ध्डज्छस्ए त्ंपसूंलए ।नजव) या वी.एच.एफ. पर लाइन क्लीयर प्राप्त नहीं होने की दशा मे निम्नलिखित कार्यवाही की जाएगी -
- प्रत्येक गाड़ी के लोको पायलट/मोटरमेन एवं गार्ड को इस परिस्थिति की सूचना दी जाएगी।
- लोको पायलट/मोटरमेन को निम्नलिखित प्राधिकार पत्र देकर अगले नोमीनेटेड स्टेशन तक रवाना किया जाएगा -
- टी/बी-912 - बिना लाइन क्लीयर के नामित स्टेशन तक जाने के लिए प्राधिकार के रूप में।
- टी/ए-912 - सभी सिगनलों को पार करने के लिए तथा मैनुअल, सेमी-आटोमेटिक व गेट रोक सिगनलों को सक्षम रेल कर्मचारी/गेटमेन के हैंड सिगनल देखकर पार करने हेतु।
- टी-409 - (सतर्कता आदेश) इसके अन्तर्गत लोको पायलट/मोटरमेन को दृश्यता स्पष्ट दिखाई देने पर अधिकतम 25 कि.मी.प्र.घ., दृश्यता स्पष्ट न दिखाई देने पर 8 कि. मी.प्र.घ. एव फेसिंग पाइन्ट पर 15 कि.मी.प्र.घ. की प्रतिबन्धित गति से चलने हेत ु निर्देश दिए जाएंगे।
- प्रभावित स्टेशनों के नाम एवं कारण दर्शाते हुए एक मीमो गार्ड को दिया जाएगा।
- गाड़ी को नामित स्टेशन का आगमन सिगनल आफ करके या टी-369(ए) के प्राधिकार पत्र पर सक्षम रेल कर्मचारी द्वारा पायलट करके लिया जाएगा।
- लोको पायलट/मोटरमेन द्वारा टी/बी-912 का प्राधिकार पत्र स्टेशन मास्टर को सौंप दिया जाएगा।
- इस परिस्थिति के अन्तर्गत सभी गाड़ियाँ उपरोक्त विधि से 15-15 मिनट के अन्तराल से तब तक चलाई जाएंगी जब तक कि सिगनल या संचार व्यवस्था चालू न हो जाए। संचार व्यवस्था चालू होने पर प्राइवेट नम्बर के आदान-प्रदान के साथ सेक्शन का साफ होना सुनिश्चित करने के बाद ही सामान्य कार्य प्रणाली लागू की जाएगी।
- आटोमेटिक ब्लाक पद्धति के अन्तर्गत डबल लाइन सेक्शन पर एक लाइन अवरुद्ध हो जाए -
- जब डबल लाइन पर एक लाइन अवरुद्ध हो जाए तो आवश्यकता समझे जाने पर पास वाली लाइन के साफ होने का प्रमाण पत्र सेक्शन इंजीनियर(रेलपथ) से प्राप्त होने के पश्चात् ही गाड़ियाँ चलाई जानी चाहिए।
- सही दिशा की सभी गाड़ियाँ चलाने के बाद, विपरीत दिशा की गाड़ी से सिंगल लाइन कार्यप्रणाली प्रारम्भ की जाएगी। सिंगल लाइन कार्यप्रणाली रुकावट के स्थान से दोनों ओर मंडल रेल प्रबंधक(परिचालन) द्वारा नामित ऐसे नजदीकी दो स्टेशनो के बीच लागू की जाएगी, जहाँ क्रासओवर की सुविधा हो।
विपरीत दिशा की गाड़ियो को लाइन क्लीयर प्राप्त करने के बाद -
- पेपर लाइन क्लीयर टिकट (टी/सी-1425 या टी/डी-1425) - जहाँ तक सिंगल लाइन कार्यप्रणाली लागू की गई है, उस स्टेशन तक जाने के लिए प्रस्थान आदेश के रूप में।
- सतर्कता आदेश (टी-409) - इसके अन्तर्गत निम्नलिखित बाते लिखी जाएंगी -
- सभी गाड़ियों के लिए गति प्रतिबन्ध - दृश्यता स्पष्ट दिखाई देने पर अधिकतम 25 कि.मी.प्र.घ., दृश्यता स्पष्ट न दिखाई देने पर 10 कि.मी.प्र.घ. एवं फेसिंग पाइन्ट पर 15 कि.मी.प्र.घ.।
- गाड़ी कौन सी लाइन पर जाएगी।
- किलोमीटर नम्बर सहित रुकावट का स्थान।
- रुकावट के स्थान से गुजरते समय गति प्रतिबन्ध (यदि लागू किया गया हो)।
- विपरीत दिशा के स्वचल सिगनलों को अकार्यशाली मानने की सूचना चाहे वे प्रोसीड अथवा काॅशन ही क्यों न दिखा रहे हों।
- केवल प्रथम गाड़ी के लोको पायलट/मोटरमेन को रास्ते के गैंगमेन/गेटमेन/ पेट्रोलमेन को रुककर सिंगल लाइन कार्यप्रणाली लागू होने की सूचना देने हेतु सूचना दी जाएगी।
- गाड़ी को सक्षम रेल कर्मचारी द्वारा स्टेशन के बाहर तक पायलट किया जाएगा।
- विपरीत दिशा में जाने वाले सभी लोको पायलट/मोटरमेन अपनी फ्लैशर लाइट चालू रखेंगे।
- टी/ए-912 - रास्ते के सभी सिगनलों को पार करने के लिए। अगले स्टेशन पर दोनो लाइन मे से जिस लाइन को रोक सिगनल पहले आता हो वहाँ रुककर सक्षम रेल कर्मचारी द्वारा मीमो पर पायलट करके गाड़ी को स्टेशन पर लिया जाएगा। लोको पायलट/मोटरमेन को रास्ते के समपार फाटक (यदि हो तो) का बन्द होना सुनिश्चित करने के बाद ही पार करना चाहिए।
सही दिशा मे जाने वाली गाड़ी के लिए प्राधिकार -
- पेपर लाइन क्लीयर टिकट (टी/सी-1425 या टी/डी-1425) - जिस स्टेशन तक सिंगल लाइन कार्यप्रणाली चल रही है, उस स्टेशन तक जाने के लिए प्रस्थान आदेश के रूप में।
- टी/ए-912 - रास्ते के सभी सिगनल जो विपरीत दिशा मे गाड़ी गुजरने के कारण आन या गलत स्थिति में रह गए हो ।
- टी-369(ए) - अन्तिम रोक सिगनल को आन स्थिति में पार करने के लिए।
- सिंगल लाइन लागू करने का कारण बताते हुए एक मीमो।
टी-409 - (सतर्कता आदेश) जिसमे निम्नलिखित बाते लिखी जाएंगी -
- गति प्रतिबन्ध - दृश्यता स्पष्ट होने पर 25 कि.मी.प्र.घ., दृश्यता स्पष्ट न होने पर 10 कि.मी.प्र.घ. एव फेसिंग पाइन्ट पर 15 कि.मी.प्र.घ.।
- गाड़ी कौन सी लाइन पर जाएगी।
- किलोमीटर नम्बर सहित रुकावट का स्थान।
- रुकावट के स्थान से गुजरते समय किसी प्रकार का गति प्रतिबन्ध लगाया हो, उसकी जानकारी।
उसके पश्चात् सही दिशा में जाने वाली गाड़ियाँ -
- पहली गाड़ी के पश्चात् सभी गाड़ियाँ तब तक आटोमेटिक ब्लाक पद्धति के अनुसार चलेंगी जब तक कि दुबारा विपरीत दिशा की गाड़ी न चलाई जाए।
- टी-369(ए) - अन्तिम रोक सिगनल को ‘आन’ स्थिति में पार करने के लिए।
- टी-409 - (सतर्कता आदेश) जिसमें निम्नलिखित बाते लिखी जाएंगी -
- गाड़ी कोन सी लाइन पर जाएगी।
- किलोमीटर नम्बर सहित रुकावट का स्थान।
- रुकावट वाले स्थान से गुजरते समय किसी प्रकार का गति प्रतिबन्ध लगाया गया हो तो उसकी सूचना।
- उपरोक्त विधि से गाड़ियाँ तब तक चलेंगी, जब तक कि लाइन से रुकावट हटाने या लाइन पर चलने वाला कार्य पूर्ण हो जाने का प्रमाण पत्र स्टेशन मास्टर को प्राप्त न हो जाए। सामान्य कार्यप्रणाली लागू करने से पूर्व सेक्शन का साफ होना सुनिश्चित कर लिया जाएगा।
- प्रभावित सभी स्टेशनों पर गाड़ी सिगनल रजिस्टर में डबल लाइन सस्पेंड करने, सिंगल लाइन कार्यप्रणाली चालू करने व सामान्य कार्यप्रणाली प्रारम्भ करने का समय लिखा जाएगा।
आटोमेटिक ब्लाक पद्धति के अन्तर्गत क्वाड्रुपल लाइन सेक्शन पर -
- जब एक अप एवं एक डाउन लाइन बंद हो जाए -
- बिना रुकावट वाली उपलब्ध अप एवं डाउन लाइनों पर जिन स्टेशनों पर डायवर्जन की सुविधा हो, उन लाइनों पर सामान्य आटोमेटिक ब्लाक पद्धति के द्वारा गाड़ियाँ चलाई जाएगी।
- ई.एम.यू. गाड़ियाँ केवल प्लेटफाॅर्म वाली लाइनो पर ही रुकेगी। यात्रियों को एनाउन्समेंट (उद्घोषणा) से इस बात की सूचना लगातार दी जाएगी।
- जब दो अप या दो डाउन लाइन बंद हो जाए -
- लोकल लाइन पर सही दिशा की सभी लोकल व थ्रू गाड़ियाँ सामान्य कार्यप्रणाली केअनुसार चलाई जाएंगी।
थ्रू लाइन पर विपरीत दिशा की गाड़ियाँ उपलब्ध क्राॅसओवर वाले स्टेशनों के बीच चलाई जाएंगी तथा उन्हें निम्न प्राधिकार दिए जाएंगे -
टी/बी-912 - दूसरे सिरे के टर्मीनल स्टेशन तक थ्रू लाइन पर जाने के लिए।
- 15 मिनट का अन्तराल बनाए रखने के लिए मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) द्वारास्टेशन नामित किये जाएंगे जहाँ से प्रत्येक लोको पायलट/मोटरमेन को रवाना होने के लिए एक मीमो दिया जाएगा। मीमो देने से पहले स्टेशन मास्टर यह सुनिश्चित करेगा कि ठीक पहले गई हुई गाड़ी को गये हुए 15 मिनट हो चुके हैं।
- टी-409 - (सतर्कता आदेश) इसके अन्तर्गत लोको पायलट/मोटरमेन को दृश्यता स्पष्ट दिखाई देने पर अधिकतम 25 कि.मी.प्र.घ., दृश्यता स्पष्ट न दिखाई देने पर 10 कि.मी.प्र.घ. तथा फेसिंग पाइन्ट पर 15 कि.मी.प्र.घ. की प्रतिबन्धित गति से चलने हेतु निर्देश दिए जाएंगे।
- विपरीत दिशा वाली गाड़ियाँ केवल प्लेटफाॅर्म वाली लाइनो पर ही रुकेगी। यात्रियों को एनाउन्समेंट (उद्घोषणा) से लगातार सूचना दी जाएगी।
- अगले स्टेशन पर दोनो लाइनो मे से जिस लाइन का रोक सिगनल पहले आए, वहाँ गाड़ी रोकने के बाद सक्षम रेल कर्मचारी द्वारा मीमो पर पायलट करके गाड़ी को स्टेशन पर लिया जाएगा।
- थ्रू लाइन पर सवारी गाड़ियों व नियमित थ्रू मालगाड़ियों के अतिरिक्त सभी गाड़ियों का संचालन निलंबित रखा जाएगा।
- थ्रू लाइन पर गाड़ियों का नियंत्रण हाथ सिगनलों द्वारा किया जाएगा।
- विरीत दिशा की गाड़ियाँ 15-15 मिनट के अन्तराल से चलाई जाएंगी।
जब तीन लाइने बंद हो जाए -
- इस परिस्थिति मे गाड़ियों का संचालन उपरोक्त ‘‘डबल लाइन पर सिंगल लाइन कार्यप्रणाली के दौरान गाड़ियों का संचालन’’ में वर्णित विधि के अनुसार किया जाएगा।
- डबल लाइन आटोमेटिक सेक्शन पर सिगनलिंग एवं संचार व्यवस्था भंग तथा एक लाइन भी अवरुद्ध हो जाए
- यदि पहले सिंगल लाइन कार्यप्रणाली चल रही हो व फिर संचार व्यवस्था भी भंग हो जाए, तो सम्पूर्ण ब्लाक पद्धति के अन्तर्गत सिंगल लाइन पर पूर्ण संचार व्यवस्था भंग के दौरान चलाई जाने वाली गाड़ियों के नियम का पालन किया जाएगा। संचार व्यवस्था खुलवाने के लिए जिस वाहन को भेजा जाएगा उसे निम्नलिखित प्राधिकार पत्र दिए जाएंगे -
- टी/बी-912 - आटोमेटिक ब्लाक पद्धति मे बिना लाइन क्लीयर के नामित स्टेशन तक जाने के लिए प्रस्थान प्राधिकार के रूप मे दिया जाएगा।
टी/ए-912 - रास्ते के सभी सिगनलों को पार करने के लिए।
- टी-409 - (सतर्कता आदेश) इसके अन्तर्गत लोको पायलट/मोटरमेन को दृश्यता स्पष्ट दिखाई देने पर अधिकतम 25 कि.मी.प्र.घ., दृश्यता स्पष्ट न दिखाई देने पर 10 कि. मी.प्र.घ. तथा फेसिंग पाइन्ट्स पर 15 कि.मी.प्र.घ. की प्रतिबन्धित गति से चलने हेतु निर्देश दिए जाएंगे।
- लाइन क्लीयर इन्कवायरी मैसेज 602) - इसके अन्तर्गत जिन गाड़ियों के लिए लाइन क्लीयर प्राप्त करना हो, उनकी विस्तृत जानकारी लिखी जाएगी।
- कन्डीशनल लाइन क्लीयर मैसेज ( 602) - इसके अन्तर्गत संचार व्यवस्था खोलने के लिए जाने वाले वाहन को वापस अकेले या किसी गाड़ी को अपने साथ लाने के लिए वापसी का लाइन क्लीयर दिया जाएगा।
- यदि पहले पूर्ण संचार व्यवस्था भंग के अनुसार गाड़ियाँ चल रही हो व फिर एक लाइन अवरुद्ध हो जाए, तो लाइन अवरुद्ध होने की सूचना उपलब्ध साफ लाइन के लिए पड़ने वाले सही दिशा के क्रासओवरयुक्त स्टेशन के स्टेशन मास्टर को दी जानी चाहिए जो सिंगल लाइन पर पूर्ण संचार व्यवस्था भंग के दौरान चलाई जाने वाली गाड़ियों के नियम का पालन करते हुए संचार व्यवस्था खुलवाने के लिए किसी वाहन हो भेजेगा, जिसे उपरोक्त प्राधिकार पत्र दिए जाएंगे।
- क्वाड्रुपल लाइन आटोमेटिक सेक्शन पर सिगनलिंग एवं संचार व्यवस्था भंग तथा -एक अप व एक डाउन लाइन अवरुद्ध हो जाए - उपरोक्त ‘‘सिगनलों मे खराबी के साथ-साथ संचार व्यवस्था भी भंग हो’’ के अनुसार
- गाड़ियों का संचालन किया जाएगा।
दो अप या दो डाउन लाइन अवरुद्ध हो जाए -
लोकल लाइन पर सही दिशा व थ्रू लाइन पर विपरीत दिशा लागू करने से पहले सही दिशा से गाड़ी भेजकर दूसरे सिरे व रास्ते के स्टेशन मास्टरों को सूचना लिखित मे गार्ड के द्वारा दिलवाएंगे व फिर विपरीत दिशा से गाड़ियाँ 15-15 मिनट बाद चलाई जाएंगी। सभी गाड़ियों को निम्न प्राधिकार जारी किए जाएंगे -
- टी/बी-912 - आटोमेटिक ब्लाक पद्धति मे बिना लाइन क्लीयर के जाने वाली गाड़ी के लिए प्रस्थान आदेश के रूप में।
- टी/ए-912 - रास्ते के सभी सिगनलों को पार करने के लिए।
- टी-409 - (सतर्कता आदेश) इसके अन्तर्गत लोको पायलट/मोटरमेन को दृश्यतास्पष्ट दिखाई देने पर अधिकतम 25 कि.मी.प्र.घ., दृश्यता स्पष्ट न दिखाई देने पर 8 कि.मी.प्र.घ. तथा फेसिंग पाइन्ट्स पर 15 कि.मी.प्र.घ. की प्रतिबन्धित गति से चलने हेतु निर्देश दिए जाएंगे।
जब तीन लाइनें अवरुद्ध हो जाए -
उपरोक्त ‘‘डबल लाइन आटोमेटिक सेक्शन पर सिगनलिंग एवं संचार व्यवस्था भंग तथाएक लाइन भी अवरुद्ध हो जाए’’ के अनुसार गाड़ियों का संचालन किया जाएगा।
खराबी की सूचना देना
आटोमेटिक ब्लाक पद्धति मे जब कोई लोको पायलट/मोटरमेन किसी आटोमेटिक रोक सिगनल को ‘आन’ स्थिति मे पार करता है तो वह अगले रिपोर्टिंग स्टेशन पर रुककर ‘आन’ स्थिति में पार किए गए सिगनल का विवरण देगा। रिपोर्टिंग स्टेशन का स्टेशन मास्टर तत्काल इसकी सूचना संबंधित सिगनल व परिचालन पदाधिकारियों को देगा।
इस नियम के लिए निम्नलिखित स्टेशन रिपोर्टिग स्टेशन निर्धारित किए गए हैं -
- ई.एम.यू. के लिए - चर्चगेट, बान्द्रा, अँधेरी, बोरीवली व विरार।
- टर्मीनेटिंग ई.एम.यू. के लिए - मुम्बई सेन्ट्रेल, दादर, गोरेगाँव, मलाड, भायंदर व वसई।
- ई.एम.यू. के अतिरिक्त अन्य गाड़ियों के लिए अगले प्रथम हाल्ट पर।
- लोको पायलट/मोटरमेन व गार्ड द्वारा इसका उल्लेख सी.टी.आर. या उनके पास उपलब्ध संबंधित पुस्तिका मे इसका उल्लेख किया जाएगा।
- इस नियम की अनुपालना के लिए किसी भी गाड़ी को आउट आफ कोर्स खड़ा नहीं किया जाएगा।
- गाड़ी प्रचालन के दौरान किसी असामान्य घटना का पता लगने पर लोको पायलट/मोटरमेन इसकी सूचना तत्काल अगले स्टेशन के स्टेशन मास्टर को देगा जो तुरन्त इसकी सूचना संबंधित पदाधिकारियों व गाड़ी नियंत्रक को देगा। स्टेशन मास्टर प्रभावित भाग की जाँच कराएगा व रेलपथ पदाधिकारी द्वारा प्रभावित भाग की जाँच करने के बाद उनके निर्देशानुसार गाड़ियों का संचालन करेग
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