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मार्शलिंग एवं डेड इंजन का संचालन

 मार्शलिंग एवं डेड इंजन का संचालन

डिब्बे या डिब्बो  के समूह को किसी गाड़ी मे  समय-समय पर जारी किए गए विशेष अनुदेशो  के अनुसार गन्तव्य स्टेशनों के क्रमानुसार, डिब्बे में लदे माल व डिब्बे की किस्म के अनुसार, जंक्शन व वाया के अनुसार, गाड़ी की संरक्षा को ध्यान मे  रखते हुए विशेष निर्धारित क्रम मे  लगाकर गाड़ी तैयार करना मार्शलिंग कहलाता है अर्थात गाड़ी बनाने की व्यवस्थित एवं वैज्ञानिक विधि को मार्शलिंग कहते हैं जिससे परिचालन व संरक्षा संबंधी आवश्यकताएं पूरी होती है। आमतौर पर मार्शलिंग का कार्य सभी यार्डो  में होता है परन्तु बड़े पैमाने पर मार्शलिंग का कार्य मार्शलिंग यार्डों में होता है। जहाँ इस कार्य के लिए सुविधाएं होती है। ये मार्शलिंग यार्ड तीन प्रकार के होते हैं - हम्प मार्शलिंग यार्ड, ग्रेविटी मार्शलिंग यार्ड व फ्लेट मार्शलिंग यार्ड। पश्चिम रेलवे मे  केवल फ्लेट यार्ड ही हैं। मार्शलिंग यार्ड का कार्य एक पोस्ट आॅफिस की भाँति होता है जिसमे  विभिन्न लाल डिब्बो  से पत्र एकत्रित करके वहाँ लाए जाते हैं व वहाँ उनकी छँटनी करके अलग-अलग स्थानो  के थैले बनाकर गन्तव्य की ओर भेज दिए जाते हैं। ठीक उसी प्रकार मार्शलिंग यार्ड मे  विभिन्न दिशाओं से आने वाली गाड़ियों के डिब्बों की छँटनी करके अलग-अलग दिशाओं के लिए गाड़ी तैयार की जाती है व उन्हें गन्तव्य की ओर भेज दिया जाता है।


मार्शलिंग के उद्देश्य
  • गाड़ियों की संरक्षा सुनिश्चित करना।
  • यातायात की सुविधा, संचालन सुविधा बढ़ाकर कुशल परिचालन करना।
  • परिवहन क्षमता में कमी न होने देना।
  • यात्रा के दौरान गाड़ियों के विलम्ब को कम से कम करना।
  • यार्डो  के काम मे  मितव्ययता लाना।
  • पूर्ण वहन क्षमता का उपयोग करना।
  • वैगनो  की उपलब्धता मे  वृद्धि करना।
  • गाड़ियों का समयपालन बनाए रखना।
  • निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करना।
  • उपभोक्ताओं को संतुष्टि प्रदान करना।
  • वैगन टर्न राउण्ड को कम करना।
सवारी गाड़ी की मार्शलिंग के नियम

सवारी गाड़ियों का मार्शलिंग ब्लाॅक रैक मे  बताए क्रम मे ही होना चाहिए। यदि अपरिहार्य कारणोवश यह संभव न हो तो निम्न बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए -
  • सवारी गाड़ी मे ऐसे वाहन ही लगाए जाने चाहिए जो कि उस गाड़ी की निर्धारित गति से चलने के लिए ‘फिट टू रन’ हो।
  • प्रारिम्भक स्टेशन से सभी सवारी गाड़ियाँ 100 प्रतिशत ब्रेक पावर के साथ रवाना की जानी चाहिए अर्थात सभी डिब्बे कार्यशील ब्रेक सिलेन्डर वाले होने चाहिए।
  • यात्रियों की संरक्षा के लिए मेल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट व यात्री गाड़ियों मे इंजन के साथ तथा अन्तिम वाहन के रूप में एन्टीटेलीस्कोपिक/स्टील बाॅडी एस.एल.आर./एल.आर. लगाया जाना चाहिए। यदि एस.एल.आर. लगाया जाए तो उसका यात्री वाला भाग गाड़ी के अन्दर की ओर होना चाहिए। यदि ऐसा करना संभव न हो तो उसके यात्री वाले भाग के दरवाजे व खिड़कियाँ बन्द करके उसमें ताला लगाकर उसे सेफ्टी कोच बना देना चाहिए। लगेज वाला भाग खाली हो तो उसे भी बन्द करके ताला लगा देना चाहिए।
  • मेल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट गाड़ियों मे एस.एल.आर./एल.आर. के अन्दर आगे व पीछे कम से कम दो-दो तथा यात्री गाड़ियों में आगे व पीछे कम से कम एक-एक एन्टीटेलीस्कोपिक या स्टील बाॅडी कोच लगाए जाने चाहिए।
  • शटल गाड़ियाँ जो सामान्यतया पाँच कोचों से चलती है उसमें एस.एल.आर./एल.आर. बीच मे तथा सबसे आगे व सबसे पीछे वाला कोच एन्टीटेलीस्कोपिक या स्टील बाॅडी होना चाहिए।
  • रेलवे बोर्ड के विशेष आदेशों से जहाँ सात कोचों वाली शटल गाड़ियाँ चलाने की अनुमति है वहाँ एस.एल.आर./एल.आर. के बीच मे व दोनो ओर तीन-तीन कोच लगाए जाते हैं। इन गाड़ियों मे एक निरीक्षण यान पीछे लगाने की अनुमति है।
  • मेल, एक्सप्रेस व यात्री गाड़ियाँ जिनकी गति ब्राॅडगेज में 75 कि.मी.प्र.घ. व मीटरगेज में 50 कि.मी.प्र.घ. से अधिक हो, चार पहिए वाले वाहन नहीं लगाए जाने चाहिए। किन्तु अनुमति से निरीक्षण यान लगाए जा सकते हैं। (इस नियम के संबंध में वर्किंग टाइम टेबल मे दिए गए निर्देशों का भी पालन किया जाना चाहिए)
  • महिला कोच सुरक्षा की दृष्टि से गाड़ी में उचित स्थान पर या गार्ड के डिब्बे के पास लगाया जाना चाहिए।
  • वी.आई.पी. कोच, एयर कन्डीशन कोच व उच्च श्रेणी के कोच भी जहाँ तक संभव हो, गाड़ी के बीच में लगाए जाने चाहिए।
  • भोजनयान यदि अन्तराल दरवाजे वाला हो तो उसे गाड़ी मे सुविधानुसार कहीं भी अन्यथा सम्भवतः गाड़ी के बीच मे लगाया जाना चाहिए।
  • डाक का डिब्बा ब्लाॅक रैक में निर्धारित स्थान पर ही लगाया जाना चाहिए जिससे डाक उतारने/चढ़ाने मे विलम्ब से गाड़ियों को कोई अतिरिक्त विलम्ब न हो।
  • यात्री रहित डिब्बे को अन्तिम वाहन के रूप मे या इंजन के साथ लगाया जाना चाहिए।
  • जनरेटर वान गाड़ी की किस्म के अनुसार गाड़ी में सुविधाजनक स्थान पर लगाया जा सकता है।
  • स्लिप कोच ब्लाॅक रैक मे बताए गए क्रम के अनुसार ही लगाए जाने चाहिए। यदि क्रम परिवर्तित करना पड़े तो जिस स्टेशन पर स्लिप कोच काटा जाना है, उसे पूर्व मे सूचित किया जाना चाहिए।
  • PDH के लिए शाॅप की ओर भेजे जा रहे डिब्बों को संरक्षा का ध्यान रखते हुए उचित स्थान पर लगाया जाना चाहिए। इनके खिड़की व दरवाजे बन्द करके ताला लगा दिया जाना चाहिए जिससे यात्री इसमे न बैठ सकें।
  • गाड़ी के पीछे लगे एस.एल.आर./एल.आर. के पीछे परिचालनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अधिकतम चार प्रभावी यूनिट (2 आठ पहिए वाले कोच) लगाए जा सकते है ।
  • यात्री गाड़ी में निरीक्षण यान लगाना - यात्री गाड़ियों मे निरीक्षण यान (अधिकारी सैलून) लगाने के लिए मुख्यालय द्वारा जारी विशेष आदेश के अनुसार गाड़ियों का वर्गीकरण किया गया है। वर्जित गाड़ियों मे  निरीक्षण यान लगाना वर्जित है। प्रतिबन्धित गाड़ियों मे केवल कुछ निर्धारित अधिकारी वर्ग के ही निरीक्षण यान लगाए जा सकते हैं। ऐसे निरीक्षण यान की अनुमति से ही किसी गाड़ी मे लगाए जा सकते हैं। जिस गाड़ी मे निरीक्षण यान लगाने की जगह हो वहाँ इन्हें आवश्यकतानुसार गाड़ी मे इंजन के साथ या पीछे एस.एल.आर./एल.आर. के अन्दर लगाया जा सकता है। आपातकालीन परिस्थितियों मे परिचालनिक आवश्यकतानुसार इसे पीछे वाले एस.एल.आर./एल.आर. के पीछे भी लगाया जा सकता है। ऐसी परिस्थिति मे कोचों व निरीक्षण यानों को निम्न प्रकार लगाया जाएगा -

स्लिप व थ्रू  सेक्शनल कोच - जब किसी कोच को किसी सवारी गाड़ी मे  लगाकर उसके गन्तव्य स्टेशन की ओर भेजा जाता है परन्तु उस गाड़ी की यात्रा रास्ते मे  ही पूर्ण हो जाती है और कोच को गाड़ी से काटकर किसी अन्य गाड़ी द्वारा आगे उसके गन्तव्य स्टेशन की ओर भेजा जाता है तो ऐसे कोच को थ्रू कोच कहते हैं। इसी प्रकार जब किसी गाड़ी मे  ऐसा कोच लगाया जाये जो कि गाड़ी की यात्रा पूर्ण होने से पहले रास्ते के स्टेशन तक ही जाने वाला हो और उसे रास्ते के स्टेशन पर काट लिया जाए तो ऐसे कोच को स्लिप कोच कहते हैं।

मिश्रित गाड़ी का मार्शलिंग

इस गाड़ी मे  सभी यात्री डिब्बे एक साथ व माल डिब्बे एक साथ अलग-अलग लगाए जाने चाहिए। सामान्यतः गुड्स स्टाॅक इंजन के साथ लगाया जाता है एव  कोचिंग स्टाॅक ब्रेकवान के अन्दर लगाया जाता है, लेकिन मीटरगेज में 1 इन 100 का ग्रेडियेन्ट होने या लाइव स्टाॅक, विस्फोटक एवं खतरनाक माल आदि मे  आग लगने का खतरा हो तो गुड्स स्टाॅक पीछे की ओर एव  कोचिंग स्टाॅक आगे की ओर लगाया जाता है। इसके अतिरिक्त एन्टीटेलीस्कोपिक या स्टील बाॅडी वाहन उपरोक्त बताए गए यात्री गाड़ी के मार्शलिंग नियमों के अनुसार लगाए जाने अनिवार्य है। ऐसी गाड़ियों की गति सेक्शन मे  अनुमत अधिकतम गति होगी।

मालगाड़ी की मार्शलिंग के नियम

  • अधिकतम दूरी के यातायात को प्राथमिकता देकर अधिक दूरी की गाड़ी बनाई जानी चाहिए।
  • जहाँ तक संभव हो एक ही गन्तव्य का ब्लाॅक रैक बनाया जाना चाहिए। यदि ऐसा संभव न हो  तो उसी मार्ग के दो या अधिक स्टेशनों के डिब्बों को इंजन से रास्ते मे  आने वाले उनके स्टेशनो  के क्रमानुसार लगाया जाना चाहिए जिससे शंटिंग मे  विलम्ब न हो।
  • खाली तथा भरे हुए डिब्बों को जहाँ तक संभव हो अलग-अलग गाड़ियों में भेजा जाना चाहिए। यदि एक ही गाड़ी में भेजा जाए तो खाली डिब्बे एक हुक में व भरे हुए डिब्बे एक हुक में होने चाहिए।
  • खुले तथा बन्द डिब्बो  को जहाँ तक संभव हो अलग-अलग गाड़ियों में भेजा जाना चाहिए। यदि एक ही गाड़ी मे  भेजा जाए तो खुले डिब्बे एक हुक मे  व बन्द डिब्बे एक हुक में होने चाहिए।
  • दो आठ पहिए वाले डिब्बे या इंजन व आठ पहिए वाले डिब्बे के बीच (सीबीसी कपलिंग वाले ब्रेकवान को छोड़कर) एक चार पहिए वाला डिब्बा नहीं लगाया जाना चाहिए। इसी प्रकार दो भरे हुए डिब्बों के बीच एक खाली चार पहिए वाला डिब्बा नहीं लगाया जाना चाहिए।
  • जिन स्टेशनों पर शंटिग इंजन उपलब्ध हो  और शंटिग पीछे से की जा सकती है, उस स्टेशन के डिब्बे गार्ड के ब्रेकवान के पास लगाए जाने चाहिए।
  • इंजन की वहन क्षमता का पूर्ण उपयोग करते हुए गाड़ी मे  पूरा लोड दिया जाना चाहिए।
  • वर्किंग टाइम टेबल में बताए अनुसार सेक्शन के लिए निर्धारित लोड से अधिक लोड गाड़ी में नहीं लगाया जाना चाहिए।
  • रेलवे बोर्ड के निर्दे शानुसार पश्चिम रेलवे पर कुछ सेक्शनों में लाँग हाॅल गाड़ियाँ चलाई जाती हैं। उसके अतिरिक्त सामान्यतया गाड़ी की निर्धारित लम्बाई से अधिक वैगन गाड़ी मे  नहीं लगाए जाने चाहिए अन्यथा फाउलिंग मार्क अवरुद्ध हो सकता है।
  • वैक्यूम ब्रेक की मालगाड़ियों में कम से कम 85 प्रतिशत एव  एयर ब्रेक की मालगाड़ियों में प्रारम्भिक स्टेशन पर कम से कम 90 प्रतिशत कार्यशील ब्रेक सिलेन्डर होने चाहिए। गार्ड का डिब्बा व उसके अन्दर के दो डिब्बे (कम से कम अन्तिम चार ब्रेक सिलेन्डर) कार्यशील ब्रेक सिलेन्डर वाले होने चाहिए।
  • सामान्यतया प्रत्येक मालगाड़ी मे  अन्तिम वाहन गार्ड का ब्रेकवान ही होना चाहिए। परन्तु  आपातकालीन परिस्थितियों मे  ब्रेकवान के पीछे अधिकतम चार प्रभावी (कार्यशील ब्रेक सिलेन्डर) यूनिट लगाई जा सकती है। यदि मालगाड़ी मे ब्रेकवान के पीछे अधिकारी निरीक्षण यान लगाना हो तो ब्रेकवान के पीछे लगी चार यूनिटो  में से दो यूनिट कम करके एक सैलून व चारों यूनिट कम करके दो सैलून लगाए जा सकते हैं।
उपरोक्त के अतिरिक्त समय समय पर मुख्यालय द्वारा जारी विशेष अनुदेशो  का भी मार्शलिंग के दौरान पालन किया जाना चाहिए।

लाइट इंजन के साथ निरीक्षण यान लगाना
  • लाइट इंजन के साथ अधिकतम तीन निरीक्षण यान अनुमति से लगाए जा सकते हैं।
  • प्रत्येक निरीक्षण यान अधिकारी से आॅक्यूपाइड होना चाहिए।
  • ऐसी गाड़ी को रास्ते में निरीक्षण की अनुमति नहीं है।
  • आखिरी निरीक्षण यान के पीछे टेल लैम्प या टेल बोर्ड होना चाहिए या दिन में लाल झंडी बंधी हुई होनी चाहिए और रात में आखिरी निरीक्षण यान में यात्रा कर रहे अधिकारी द्वारा उसका टेल लैम्प चालू किया जाना चाहिए।
  • ऐसी गाड़ी बिना ब्रेकवान या गार्ड के जाए तो ट्रेन इन्टेक्ट रजिस्टर मे  हस्ताक्षर लेना आवश्यक नहीं है। केवल स्टेशन मास्टर टेल लैम्प या टेल बोर्ड /लाल झंडी देखकर गाड़ी का पूर्ण आगमन सुनिश्चित कर लेगा। किसी प्रकार की शंका होने पर यदि इंजन मे गार्ड हो तो उससे ट्रेन इन्टेक्ट रजिस्टर में हस्ताक्षर लिए जाएंगे या आखिरी निरीक्षण यान में यात्रा कर रहे अधिकारी से प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाएगा।
विशेष स्टाॅक के मार्शलिंग के नियम

परिचालन की दृष्टि से कुछ रोलिंग स्टाॅक को विशेष माना गया है व उनकी मार्शलिंग करते समय विशेष सावधानी रखी जाती है। जैसे उनमें गार्ड वैगन (सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए डिब्बे) लगाना।

गार्ड वैगन गेज, रोलिंग स्टाॅक व उसमें लदे माल के अनुसार निम्न प्रकार लगाए जाने चाहिए -
  • पेट्रोल टेंक व इसी प्रकार के अत्यन्त ज्वलनशील पदार्थ से लदे डिब्बे - डीजल/इलेक्ट्रिक वाली मालगाड़ी में आगे व पीछे कम से कम एक-एक गार्ड वैगन व मिश्रित गाड़ी में मालगाड़ी के नियम के अनुसार ही गार्ड वैगन लगाए जाएंगे। ऐसे डिब्बों को सवारी गाड़ी में नहीं लगाया जा सकता।
  • विस्फोटक माल से लदे हुए डिब्बे - गार्ड वैगन उपरोक्त पेट्रोल टेक के अनुसार ही लगाए जाएंगे। मालगाड़ी मे  अधिकतम 10 डिब्बे व मिश्रित गाड़ी में अधिकतम 3 डिब्बे एक हुक मे  लगे होने चाहिए।
  • जानवरों से लदे हुए डिब्बे - डीजल/इलेक्ट्रिक से चलने वाली किसी भी गाड़ी मे  कोई गार्ड वैगन की आवश्यकता नहीं है। केवल सवारी गाड़ी में विशेष प्रकार के कोचिंग स्टाॅक में जानवर बुक किए गए हो  तो उस डिब्बे को गाड़ी मे  सबसे पीछे लगाया जाना चाहिए।
  • ज्वलनशील माल से लदे हुए डिब्बे - डीजल/इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाली मालगाड़ी व मिश्रित गाड़ी मे  कोई गार्ड वैगन की आवश्यकता नहीं है। सवारी गाड़ी में ऐसे डिब्बे नहीं लगाए जा सकते।
  • मोटरयान से लदे हुए खुले डिब्बे - डीजल/इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाली मालगाड़ी व मिश्रित गाड़ी में कोई गार्ड वैगन की आवश्यकता नहीं है। सवारी गाड़ी में ऐसे डिब्बे नहीं लगाए जा सकते।
  • लकड़ी की पेटियो में मशीनरी से लदे हुए डिब्बे - डीजल/इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाली मालगाड़ी व मिश्रित गाड़ी मे  कोई गार्ड वैगन की आवश्यकता नहीं है। सवारी गाड़ी मे  ऐसे डिब्बे नहीं लगाए जा सकते।
  • क्रेन - सामान्यतया ट्रेवलिंग क्रेन को मालगाड़ी से ले जाया जाना चाहिए व जहाँ मालगाड़ी न चलती हो वहाँ मिश्रित गाड़ी से ले जाया जा सकता है। ऐसे में Dr. DOM/Dr SDM  की अनुमति से गाड़ी में आवश्यकतानुसार आगे या पीछे कहीं भी लगाया जा सकता है। अत्यधिक आवश्यकता के समय सवारी गाड़ी में ले जाना हो तो धीमी गति की सवारी गाड़ी में Dr. DOM/Dr SDM  की अनुमति से इंजन के साथ लगाकर ले जाई जा सकती है। ऐसी क्रेन को गाड़ी में लगाकर ले जाते समय उसकी जिब पीछे की ओर व डमी ट्रक पर टिकी हुई होनी चाहिए।
  • खाली यात्री कोच - प्रशासन की आवश्यकतानुसार खाली कोच को गाड़ी मे  लगाकर ले जाना हो तो मालगाड़ी मे  ब्रेकवान के अन्दर लगाया जाना चाहिए। जहाँ मालगाड़ी नहीं चलती हो वहा मिश्रित गाड़ी मे  या सवारी गाड़ी मे  आवश्यकतानुसार आगे या पीछे कहीं भी लगाया जा सकता है परन्तु उस कोच के खिड़की व दरवाजे बन्द करने के बाद ताला लगा दिया जाना चाहिए ताकि कोई भी उसमे  बैठ न सके।
  • जोड़े से लदे हुए डिब्बे - ऐसे डिब्बे को मालगाड़ी में गार्ड के ब्रेकवान के अन्दर गार्ड की निगरानी में लगाया जा सकता है। जहाँ मालगाड़ी नहीं चलती हो वहाँ मालगाड़ी के नियम के अनुसार मिश्रित गाड़ी में लगाया जा सकता है। परन्तु सवारी गाड़ी में ऐसा डिब्बा नहीं लगाया जा सकता।
  • डैमेज वेहीकल - सेक्शन की सबसे धीमी मालगाड़ी में दिन के समय जब दृश्यता साफ हो तब केवल एक वाहन सबसे पीछे लगाया जा सकता है। इसके साथ आवश्यकतानुसार गाड़ी परीक्षक कर्मचारी साथ होने चाहिए। ऐसा डिब्बा सवारी गाड़ी व मिश्रित गाड़ी में नहीं लगाया जा सकता।
  • ओ.डी.सी. वैगन - मालगाड़ी मे  ओ.डी.सी. वैगन मुख्यालय/मं डल से मूवमेट आॅर्डर प्राप्त होने के बाद गार्ड के ब्रेकवान के अन्दर लगाया जा सकता है। जहाँ मालगाड़ी नहीं चलती हो वहाँ मिश्रित गाड़ी में मालगाड़ी के नियम के अनुसार ही लगाया जा सकता है। सवारी गाड़ी मे  ऐसा डिब्बा नहीं लगाया जा सकता।
मूलभूत आवश्यकताये 
  • डेड इंजन जोडे  जाने पर गाड़ी की अधिकतम अनुमत लम्बाई व भार का उल्लंघन न हो ।
  • यदि डेड इंजन की अधिकतम अनुमत गति ट्रेन की अधिकतम अनुमत गति से कम हो तो निर्धारित गति प्रतिबंध लगाया जा सकता है ।
  • जहाँं तक संभव हो ब्रेक कार्यशील रहें, कार्यशील न रहने पर उसे पाइप्ड व्हीकल माना जायेगा। 
डेड इंजन गाड़ी मे चार प्रकार से लगाये जा सकते हैं:
  1. ब्रेक कार्यशील हो  व वर्किंग इंजन के साथ लगाना हो ।
  2. ब्रेक कार्यशील हो  परंतु वर्किंग इंजन के साथ लगाना संभव न हो या डेड इंजन के ब्रेक कार्यशील न हो  ।
  3. डेड इंजन को ब्रेकवान के पीछे जोड़ना हो ।
  4. डेड इंजन मेल/एक्सप्रेस/सवारी/मिक्स गाड़ी मे  लगाना हो ।
डेड इंजनो  का संचालन:
ब्रेक कार्यशील हों व वर्किंग लोको के साथ लगाना हो -


(अ) यदि डेड लोको के ब्रेक कार्यशील हो  एव  डबल/ट्रिपल हेडेड लोको वर्किग की अनुमति हो तो डेड लोको वर्किंग लोको के साथ लगाया जा सकता है। उपरोक्त सभी प्रकरणो  मे  नाॅन स्टेण्डर्ड व गोलाई वाले पुलो  पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

(ब) अधिकतम चार लोको लगाये जा सकते हैं यदि पूरी गाड़ी की लम्बाई, लूप की लम्बाई (स्टार्टर से फाउलिंग मार्क तक) से अधिक न हो।

ब्रेक कार्यशील हो  परंतु वर्किंग लोको के साथ लगाना संभव न हो या डेड लोको के ब्रेक कार्यशील न हों -
  • डेड इंजन को पाइप्ड व्हीकल माना जायेगा ।
  • केवल एक ही डेड इंजन को लगाया जा सकता है ।

जहाॅं तक संभव हो डेड इंजन को वर्किग लोको के साथ लगाया जायेगा। यदि संभव न हो तो डेड लोको की मार्शलिंग निम्नानुसार होगी:
यदि डेड लोको को मालगाड़ी में बीच में लगाना हो तो, डेड लोको व वर्किंग लोको के बीच की दूरी, उस सेक्शन के पुल की अधिकतम लम्बाई वाले स्पान के बराबर होनी चाहिये।

ब्रेकिंग के महत्व को ध्यान में रखते हुए:
  • वैक्यूम हाॅज पाइप जुडे  होने चाहिये ।
  • वैक्यूम ब्रेक सिस्टम में डेड लोको के पीछे कम से कम 10 यूनिट जुड़े होने चाहिये।
  • एयर ब्रेक सिस्टम मे  एयर होज कपलिंग जुड़े होने चाहिये एव  डेड लोको के पीछे कम से कम 10 वेगन जुड़े होने चाहिये ।
यदि डेड लोको को ब्रेकवान के पीछे जोड़ना हो -
  • केवल एक ही डेड लोको लगाया जा सकता है ।
  • 1 इन 100 से अधिक के ढलान वाले सेक्शन मे  नहीं लगाया जाये ।
  • डेड लोको में सक्षम रेल कर्मी को लगाया जायेगा जो कि सहायक लोको पायलट के पद से कम न हो। उसके साथ वाॅकी टाॅकी, झंडियाॅँ, डेटोनेटर व अन्य आवश्यक उपकरण हों ।
  • गार्ड यह सुनिश्चित करे कि सक्षम रेल कर्मचारी बुक किया गया है ।
  • यदि किसी कारण से डेड लोको रन अवे हो जाये तो सहायक लोको पायलट को फ्लेशर लाइट जला देनी चाहिये एवं डेड लोको के हैंड ब्रेक लगा देने चाहिये ।

डेड लोको मेल/एक्सप्रेस/सवारी/मिक्स गाड़ी मे  लगाना हो -

  • राजधानी, शताब्दी, दुरन्तो, गरीबरथ एवं इसी प्रकार की अन्य गाड़ियों में नहीं लगाया जायेगा।
  • वर्किंग इंजन के साथ लगाया जायेगा, जिसमें डेड इंजन के ब्रेक कार्यशील हो  एवं एमआर व बीसीई पाइप जुडे   होने चाहिये ।केवल एक ही डेड लोको लगाया जा सकता है ।
  • डेड इंजन को प्रारम्भिक या रास्ते में कहीं भी लगाया जा सकता है बशर्ते उस गाड़ी का ब्रेक पावर कम से कम 100 प्रतिशत हो (डेड इंजन के अतिरिक्त)
  • डेड इंजन के ब्रेक कार्यशील न हो  तो भी उसे वर्किंग इंजन के साथ लगाया जा सकता है।

यदि डेड लोको को ब्रेकवान/एस एल आर के पीछे लगाना हो -
  • केवल एक ही डेड इंजन लगाया जा सकता है।
  • 1 इन 100 से अधिक के ढलान वाले सेक्शन मे  नहीं लगाया जाएगा।
  • डेड इंजन मे  सक्षम रेल कर्मचारी को लगाया जायेगा जो कि सहायक लोको पायलट के पद से कम न हो। उसके साथ वाॅकी टाॅकी, झंडियाॅं, डेटोनेटर व अन्य आवश्यक उपकरण हों।
  • यदि किसी कारण से डेड इंजन रन अवे हो जाये तो सहायक लोको पायलट को फ्लेशर लाइट जला देनी चाहिये एवं डेड इंजन के हैंड बे्रक लगा देने चाहिये।
  • पी.सी.आर./टी.पी.सी. इस बात को सुनिश्चित करेगे कि डेड इंजन को उस गाड़ी मे  लगाने के लिये फिट है।
  • गार्ड की यह जिम्मेदारी है कि यह सुनिश्चित करे कि पीछे डेड इंजन में सहायक लोको पायलट को बुक किया गया है।

गाड़ी मे  डेड इंजन लगाने से पूर्व रखी जाने वाली सावधानियाँ -
यह प्रयत्न किया जाना चाहिए कि उसके ब्रेक वर्किग इंजन के ब्रेक के साथ कार्य कर सके।
जिस गाड़ी मे  डेड इंजन केा लगाया जाए उस सेक्शन में डबल/ट्रिपल हेडेड इंजन चलाने की अनुमति होनी चाहिए। नाॅन इलेक्ट्रिफाइड सेक्शन मे  डेड इलेक्ट्रिक इंजन को किसी गाड़ी मे  लगाया जाए तो उसके मेक्सीमम मूविंग डायमेशन को देख लेना चाहिए यदि वह अधिक हो तो उसे ओ.डी.सी. मानते हुए कार्यवाही की जानी चाहिए। अन्तिम जाँच के रूप में दोनो  रेल इंजनों को लगभग 500 मीटर तक चलाया जाए और लोको पायलट यह जाँच करे कि डेड इंजन के तापमान में केाई असामान्य बढ़ोतरी तो नहीं हुई है।

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(2) 001. प्रस्तावना (1) 0010. स्टेशन संचालन नियम की अभिस्वीकृति रजिस्टर (क्र. 1 ) (1) 0011. कर्मचारी वैयक्तिक विवरण रजिस्टर (क्र. 2 ) (1) 0012. कर्मचारी परामर्श रजिस्टर (क्र. 3 ) (1) 0013. निरिक्षण रजिस्टर (क्र. 5 ) (1) 0014. एस एंड टी खराबी रजिस्टर (क्र. 7 ) (1) 0015. सतर्कता आदेश रजिस्टर (क्र. 8) (1) 0016. एस एंड टी खराबी मेमो बुक (क्र. 9 ) (1) 0017. दुर्घटना रजिस्टर (क्र. 11 ) (1) 0018. सतर्कता आदेश मैसेज बुक (क्र. 13) (1) 0019. संरक्षा तथा रजिस्टर (क्र. 14) (1) 002. स्टेशन मास्टर / उप स्टेशन मास्टर की ड्यूटी लिस्ट (1) 0020. डिस्कनेक्शन तथा रिकनेक्शन रजिस्टर (क्र. 15) (1) 0021. आपातकालीन क्रास ऑवर टेस्टिंग रजिस्टर (क्र. 16 ) (1) 0022. रिले रूम चाबी रजिस्टर (क्र. 19 ) (1) 0023. संयुक्त पाइंट एंड क्रासिंग रजिस्टर (क्र. 20) (1) 0024. संयुक्त ट्रैक सर्किट रजिस्टर (क्र. 20 A) (1) 0025. असामान्य संचालन रजिस्टर (क्र. 21 ) (1) 0026. स्टेबल लोड रजिस्टर (क्र. 22 ) (1) 0027. सिक बैगन रजिस्टर (क्र. 26) (1) 0028. क्रेक हैंडल टेस्टिंग रजिस्टर (1) 0029. इंजीनियरिंग एवं पॉवर ब्लाक रजिस्टर (1) 003. व्यक्तिगत परिचय (1) 0030. विभिन्न प्रकार के काउंटर नम्बर रजिस्टर (1) 0031. पैनल ब्लाक होने पर - स्टेशन मास्टर के कर्तव्य (1) 0033. गाड़ी संचालन से संबंधित महत्वपूर्ण अधिकार पत्र (1) 0034. स्टेशन परिचालन रजिस्टर के संरक्षण की सामान्य अवधि (1) 0035. घंटी कोड (1) 0037. दोहरी लाइन पर इकहरी लाइन का संचालन (1) 0038. कार्यभार सौपते समय तथा कार्यभार लेते समय ली जाने वाली सावधानियां (1) 0039. संरक्षा उपस्कर (1) 004. पूनश्र्चर्या पाठ्यक्रम (1) 0041. शंटिंग के दौरान ली जाने वाली सावधानियां (1) 0042. विभिन्न प्रकार के ब्लाक में लि जाने वाली सावधानियां (1) 0045. अग्रदाय राशि (1) 0046. सिग्नल पार करने (SPAD) पर स्टेशन मास्टर के कर्तव्य (1) 005. आवधिक चिकित्सा परीक्षा (PME) (1) 0051. बोगी कबर्ड बैगनो की जानकारी (1) 0052. कोचिंग स्टॉक का तकनीकी डाटा (1) 0054. LHB कोच की महत्वपूर्ण जानकारियाँ (1) 0056. स्टेशन पर अनिरक्षित किये जाने वाले अन्य रजिस्टर (लेखा विभाग से संबंधित ) (1) 0058. भरे हुए अधिकार पत्र (1) 006. संरक्षा परामर्श फार्म (1) 008. प्रायवेट नंबर शीट (1) 009. स्टेशन संचालन नियम (1) 01.01 History of Rail Transport in India (1) 01.02.Functions of the Traffic Department (1) 01.03. Hierarchical set up and line of control of Operating Department (1) 01.031 Responsibility of Station Master (supervisory) / Station Manager (1) 01.032 Duty of Deputy Station Manager (Outdoor)(Outdoor) (1) 01.033 Duty of Station Master / Manager - Block Station Master / Manager (1) 01.034 Duty of Panel SM (1) 01.036 Duty of Gate Man (1) 01.037 Normal Period Of Preserved - Station Operating Registers and Records (1) 01.04. CONTROL ORGANISATION (1) 01.05. Basic Function of control (1) 01.06. Duties of Control Staff (1) 01.07. Books / documents and basic records to be kept in control office (1) 01.09. Co- ordination between Control and stations (1) 01.10. Registers generally maintained in control (1) 01.11. Items checked by Sr. DOM daily/ regular intervals periodically & monthly (1) 02.01 ट्रेन कंट्रोल एव गाड़िया संचालन में कंट्रोल के जिम्मदारी (1) 02.02 ट्रैफिक कंट्रोल (1) 02.02. Emergency Rescue Operation / Disaster Management (1) 02.03. PREFERENTIAL TRAFFIC ORDER (1) 02.03.पॉवर कंट्रोल (1) 02.04 वैगनो & इंजन की उपयोगिता (ENGINE UTILIZATION) (1) 02.04. Importance of Freight Operation: (1) 02.05. TRANSPORT PRODUCTS (1) 02.06. FREIGHT INCENTIVE SCHEMES (1) 02.07. Rationalization Order (1) 02.08. Development of rail-side warehouses (1) 02.09.. Wagon Pool (1) 02.10. WAGON CENSUS ON BROAD GAUGE (1) 03 - मास्टर चार्ट (MASTER CHART) (1) 03.01. LOCO LINKS AND POWER PLAN CREW LINKS (1) 03.02. 10-Hour Rule for Train Crew (1) 03.03. LOCO MAINTENANCE SCHEDULE (1) 03.05. G D R ( GUARD DRIVER REPORT ) (1) 03.06. NOMINATED INTENSIVE EXAMINATION POINTS ON CENTRAL RAILWAY (1) 03.07. WORKING OF CLAMPED WAGON (1) 03.08. ODC (1) 03.10.1 DETAILS OF BRAKE POWER CERTIFICATE (1) 04 - सुबह की पोजीशन (MORNING POSITION) (1) 04.01. Section Capacity and Throughput (1) 04.08. ROLL ON - ROLL OFF (1) 05 - बगाडी संचालन पर प्रभाव डालने वाले कारक (FATO) (1) 05.01. Systems of Working (1) 05.03. All Communication Failure on Double line (1) 05.04. All Communication Failure on Single line (1) 05.05. TSL working on Double line (1) 05.06. Abnormal Working in Automatic Section (1) 06 - 01.उपनगरीय नियंत्रण (SUBURBAN CONTROL) (1) 06 - 02.एरिया कंट्रोल (1) 06 - 04.सेंट्रल कंट्रोल (1) 06 - 05.Emergency control (1) 06- 03.ट्रेन मैनेजमेंट सिस्टम (TRAIN MANAGEMENT SYSTEM) (1) 06.01. LOCO LINK (1) 06.02. RAKE LINK (1) 06.04. MARSHALLING OF TRAIN (1) 07 - नियंत्रण कार्यालय में विभाग नियंत्रकों के कर्त्तव्य (DUTIES) (1) 07.01. TIME TABLES – INTRODUCTION (1) 07.02. Punctuality (1) 07.03. COACHING VEHICLE CENSUS (1) 07.04. Rules for booking Special Coaches & Special Trains on FTR (1) 07.05. Coaching codes (1) 07.06. ACCIDENT AND SAFETY ORGANISATION (1) 08 - विभिन्न परिस्थियों में खण्ड नियंत्रक (SCOR) द्वारा किये जाने वाले कार्य (1) 09 - सवारी गाडी के कोड (IRCA Rule Book - IV) (1) 10 - संखियकी (STATISTICS) (1) 12 - 01.विशेष प्रकार के माल स्टॉक की मार्शलिंग (1) 12 - 02.माल गाडी का ब्लाक रेक / Standard rake size for Train load (1) 12 - 03.ओ डि सि (ODC) संचालन (1) 12 - यात्री और माल गाडी का ब्लाक रेक (1) 13 - 01.डीविज़न वैगन बैलेंस / (DIVISONAL WAGON BALANCE) (1) 14 - 01.थ्रू -पुट / THROUGH PUT (1) 14 - SECTION CAPACITY) (1) 15 - 01.मालगाड़ी को आदेशित करना (ट्रेन ओर्ड़ेरिंग / TRAIN ORDERING ) (1) 15 - 02.माल गाडी की औसात गति (1) 15 - 03.वैगनो का यानात्रण (Transhipment of Goods) (1) 15 - 07.गाड़ीयो का प्रस्थान पूर्व विलंब (PDD) (1) 15 - मालगाड़ी संचालन (Goods Train Operation) एवं लोड टेबल (1) 15 -06.कन्टेनराईजेशन Container (CONCOR) (1) 16 - 02.समय सारणी (TIME TABLE) (1) 16 - 03.रेक लिंक / (RAKE LINK) (1) 16 - 04.प्लेटफार्म ऑक्यूपेशन चार्ट / (Platform Occupation Chart) (1) 16 - 05.पिट लाइन ऑक्यूपेशन चार्ट (Pit Line Occupation Chart) (1) 16 - 06.विषेश/वी आई पी गाड़ीयो का संचालन (Movement of Special/VIP Trains) (1) 16 - 07.मेला एवं मिलिटरी स्पेशल गाड़ियों का संचालन एवं सावधानियाँ (1) 16 - यात्री गाडी संचालन / Passenger Train Operation (1) 17 - स्टॉक रिपोर्ट / Stock Report (1) 18 - 01.क्रू लिंक (CREW LINK) / लोको लिंक (LOCO LINK) (1) 18 - 02.दस घंटे नियम (10 HOURS RULE) (1) 18 - लॉबी कार्य पध्दति / LOBBY WORKING (1) 19 - 01.इंजन योजना (POWER PLAN) (1) 19 - 02.इंजन की उपयोगीता (ENGINE UTILISATION) (1) 19 - 03.विशिष्ठ उर्जा खपत / SPECIFIC FUEL CONSUMPTION (SPC) (1) 19 - विभिन प्रकार के इंजन और उनक हार्स पॉवर तथा गती (1) 2.1 Various Machines for Track Maintenance (1) 20 - 01. रेशनलाइजेशन स्कीम : / Rationalization Scheme (1) 20 - 02.रोक (BAN) & प्रतिबंध (RESTRICTION) (1) 20 - 03.वैगन पंजीकरण (1) 20 - 04.वैगन उपयोगीता चक्र (WTR) (1) 20 - 05.वेगन सेन्सस / WAGON CENSUS (1) 20 - वैगन उपयोगीता / अधिमान्य यातायात आदेश :(PTO/PTS) (1) 20.06.माल परिचालन सूचना प्रणाली (FOIS) एवं अन्य परिचालन सूचना प्रणाली (ICMS CMS COA ETC NTES) (1) 21 - 01.विधुतिकृत सेक्शन में गाड़िया का संचालन (1) 21 - 02.ट्रैफिक वोर्किंग रूल्स (TWR) (1) 21 - 03.टावर वैगन का संचालन (1) 21 - 04.रेल मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजानिक क्षेत्र के उपक्रम और अन्य संगठन (PSUs) (1) 21 - समपार (लेवल क्रासिंग ) (1) 22 - 01.सिगनल को खतरे की स्तिथि में पर करना (SPAD) (1) 22 - 02.गंभीर दुर्घटना SERIOUS ACCIDENT (ऍम 105) (1) 22 - 03.दुर्घटना होने पर खंण्ड नियंत्रक के कर्त्तव्य (AM - ३१९) (1) 22 - 04.दुर्घटना स्थल के प्रभारी अधिकारी के कर्तव्य (AM - 324) (1) 22 - 05.मंडल नियंत्रण कार्यालय के प्रभारी अधिकारी के कर्तव्य - (AM - 323) (1) 22 - 06.दुर्घटना होने पर स्टेशन मास्टर की ड्यूटी (ऍम 311) (1) 22 - 07.रहत व्यवस्थाओ की ओर्ड़ेरिंग देना (AM - 405) (1) 22 - 08.अपघात प्रबंध (DISASTER MANAGEMENT) (1) 22 - 09.गोल्डन ऑवर(GOLDEN HOUR) (1) 22 - 11.नॉन - इंटरलॉकिंग संचालन (Non - Interlocked Working) (1) 22 - दुर्घटना (Accident) (ऍम 104) (1) 22.10 सुरक्षा डेविसस (Safety Devices) - ACD EOIT GSMR TAWD VCD WILD (1) 23 - कंट्रोल ओफ्फिक निर्देश (1) 24 - COA Main Menu (1) 25 - अग्रीम प्लाटिंग (चार्टिंग) / Advance Plotting (1) 26 - 01.नियंत्रण कार्यालय अनुप्रयोग हेतु त्वरित दिशा निर्दश (1) 26 - COA एवं FOIS के एकीकरण (Integration) हेतु अवय्शक निर्दाश (1) 27 - पश्चिम मध्य रेल तथा मध्य रेल के सहायक नियमो में विभिन्नता की सूची (1) 28 - निरीक्षण उसके उदेश्य और प्रकार (Inspection Its Objects & Type) (1) 28.01 Schedule Of Inspection By Operating / Safety Officers And Transportation Inspectors (1) 29 - दुर्घटना जाँच (Accident Inquiry) (1) 3.031 DIESEL LOCO SCHEDULE & DURATION (1) 3.09 ELECTRIC LOCOMOTIVE FEATURES (1) A.01 भारतीय रेल का इतिहास एवं प्रगति (1) A.02. भारतीय रेल का संगठनात्मक ढांचा (1) A.03.परिचालन विभाग का सेटअप (1) A.04. महत्वपूर्ण विभागों के सामान्य कार्य (1) A.05 सामान्य एवं सहायक नियम ब्लाक संचालन नियमावली दुर्घटना नियमावली (1) A.06.परिचालन नियमावली/ संचालन समय सारिणी (1) A.07.स्टेशन संचालन नियम (1) A.08.रेल सेवको पर साधारण लागू होने वाले नियम (1) A.09.महत्वपूर्ण परिभाषाए (1) A.10.सिगनलों का सामान्य परिचय (1) A.11.पटाखा सिगनल (1) A.12.हाथ सिगनल (1) A.13.गाड़ी संचालन पध्दतियाँ (1) A.15.वाहनों को सुरक्षित करना (1) A.17.हॉट एक्सल/फ़्लैट टायर/ओपेन डोर एवं हैंकिंग पार्ट (1) A.18.ट्रेन्स क्लर्क के कर्तव्य (1) A.19.स्टेशनों/यार्ड में रखे जाने वाले रजिस्टर (1) A.20.गाड़ी परिचालन में ट्रेन्स क्लर्क की भूमिका (1) A.21.गाड़ी संचालन से समबंधित महत्वपूर्ण नियम (1) A.22.कंट्रोल संगठन के कार्य (1) A.23.स्टेशन/यार्ड/कंट्रोल आफिस के क्रिया कलाप (1) A.24.विभिन्न प्रकार के कोचिंग एवं गुड्स स्टॉक (1) A.25.ब्रेक पावर प्रमाण पत्र (1) A.26.इंजन एवं ब्रेकयान में एयर प्रेशर की मात्रा (1) A.27.कंटीन्युटी टेस्ट (1) A.28.बड़े आयाम के प्रेषण (1) A.29.सेंसस एवं स्टॉक रिपोर्ट (1) A.30.मालगाड़ी संचालन/ गाडियों को आर्डर करना (1) A.31.डिविजन वैगन संतुलन (1) A.32.इन्टरचेंज (1) A.33.शंटिंग प्रतिबन्ध (1) A.35.वैगन पूल (1) A.36.वैगन उपयोगिता चक्र (1) A.37.परिचालन सांख्यिकी / परिचालन अनुपात (1) A.38.मोर्निंग पोजीशन फैटो (1) A.39.कोचिंग एवं गुड्स गाडियों की मार्शलिंग/घाट मार्शलिंग/रेक मार्शलिंग (1) A.41.जीडीआर चेक/ सेफ टू रन सर्टिफिकेट/ ओवर लोडिंग /अनइव्ह्न लोडिंग (1) A.42.लोड टेबल /एक्सल लोड / बैकिंग इंजन की आवश्यकता (1) A.43.माल गाडियों के विभिन्न प्रकार के ब्रेक पावर प्रमाणपत्र उनकी वैधता (1) A.44.स्थान शुल्क एवं विलंब शुल्क स्केटिंग (1) A.46.लोको आउटेज एवं इंजन उपयोगिता (1) ACF (1) AUTHORITIES USING IN TRAIN WORKING (1) AWS (1) Accident Drill (1) B.02.एफओआईएस/आर एस एम /टीएमएस /सीओआईएस/आईसीएमएस/पीएएम (1) B.05.यूटीएस/ पीआरएस UTS/PRS (1) B.06.ट्रेन मेनेजमेंट सिस्टम (1) B.07.एसीडी / टीसीएएस (1) BOOKED SPEED (1) Block working (1) COA (1) Correction Slip (1) DUTIES OF STATION MASTER IN THE CASE OF ACCIDENTS (1) Department (1) Duty (1) Duty List (1) Flat Tyre (1) Freight Train Operation (1) G.01 Code for LHB Coaching Stock (1) G.01 रेल सेवकों पर साधारणतया लागू होने वाले नियम (1) G.02 G & SR - परिभाषाएं (1) G.02 स्टेशन पर अग्निसमन उपकरण (1) G.03 इन्टरलाॅकिंग एवं नाॅन-इन्टरलाॅकिंग. (1) G.04 पाॅइन्ट एवं सिगनल (1) G.05 विभिन्न प्रकार की लाइटें एवं रिपीटर (1) G.06 संचालन मे आनेवाले विभिन्न प्रकार के बोर्डं (1) G.07 इंजीनियरिंग सिगनल एवं कार्यस्थल का बचाव (1) G.08 सिगनल तथा पाॅइन्ट की खराबी (1) G.09 सिगनल खराब होने पर गाड़ियों का संचालन (1) G.10 कार्य संचालन पद्धति (1) G.11केवल एक गाड़ी पद्धति (1) G.12 सम्पूर्ण ब्लाॅक पद्धति (1) G.13 गाड़ियों का संचालन (1) G.14 स्टेशनों पर बजाई जाने वाली घंटीया (1) G.15 आटोमेटिक ब्लाॅक पद्धति (1) G.16 अनुगामी गाड़ी पद्धति (1) G.17 सतर्कता आदेश (1) G.18 अवरुद्ध लाइन/ बिना सिगनल वाली लाइन व काॅमन स्टार्टर पर गाड़ी का संचालन (1) G.19 शन्टिंग (1) G.21 मार्शलिंग एवं डेड इंजन का संचालन (1) G.21 गाड़ी को स्टेशन से रवाना करना (1) G.23 समयपालन (1) G.24 लोको पायलट व गार्ड के निजी उपकरण (1) G.25 गार्ड व लोको पायलट से संबंधित रजिस्टर व प्रपत्र (1) G.26 रनिंग लाइन पर लोड को स्टेबल व क्लीयर करना (1) G.28 लोको पायलट व गार्ड की ड्यूटी (1) G.29 विभिन परिस्थितियों में लोको पायलट की ड्यूटी (1) G.30 मेटेरियल ट्रेन का संचालन (1) G.31 विभिन्न परिस्थितियों मे स्टेशन मास्टर की ड्यूटी (1) G.32 गाड़ियों की गति (1) G.33 कैच एवं स्लिप साइडिंग (1) G.33 स्टेशनों पर विभिन्न उपकरण (1) G.34 लाॅक एवं ब्लाॅक उपकरण (1) G.35 असामान्य परिस्थितियों में गाड़ियों का संचालन (1) G.36 इंजन सीटी कोड (1) G.37 ई एम यू / एम ई एम यू / डी एम यू में संके तहेतु बेल कोड (1) G.37 नए परिचालन फाॅर्म (1) G.38 इंजीनियरिंग कार्य प्रणाली व इंजीनियरिंग वाहनों का संचाल (1) G.38 पावर ब्लाॅक (1) G.39 पाइथाॅन रैक का संचालन (1) G.40 गाड़ी लिपिक के रजिस्टर व कार्यप्रणाली (1) Group "B" (1) HKT (1) KNOW ABOUT - जन शिकायत पुस्तिका (1) LED Torch (1) Lobby system (1) Loco Pilot Duty (1) MPS (1) Medical Care (1) Pad Lock (1) Private Number (1) Question Bank & Papers With Answer For Group "B" / Guard / Station Master etc Exam (1) Rule. Manual (1) S 01.0 Significance Of Rule Books (1) S 01.01 Differences Between General And Subsidiary Rules (1) S 02.00 Rules And Instructions (1) S 03.00 Rules Applying To The Railway Servant Generally (1) S 04.00 Definition Of Operating Terms (1) S 05.00 Classification Of Station (1) S 06.00 Signals (1) S 07.00 DETONATING SIGNAL (1) S 08.00 Hand Signal (1) S 09.00 Traffic Board And Engineering Indicators (1) S 11.00 CONDITIONS FOR TAKING OFF SIGNALS (1) S 12.00 CONDITIONS FOR CLEARING THE SECTION AND PRECAUTIONS (1) S 13.00 AUTHORITIES USING IN TRAIN WORKING (1) S 14.00 INTERLOCKING AND ISOLATION (1) S 15.00 POINTS (1) S 16.00 WORKING OF TRAINS DURING OVERHAULING (1) S 17.00 DEFECTIVE POINTS (1) S 19 DEFECTIVE SIGNALS (1) S 20.00 Reception Dispatch And Crossing Of Train At Station (1) S 21.00 SHUNTING (1) S 22.00 PUSHING BACK OF TRAIN (1) S 23.00 SECURING VEHICLES AT STATION (1) S 24.00 VEHICLES ESCAPING FROM STATION (1) S 25.00 WORKING OF MATERIAL TRAIN (1) S 25.01 Procedure of sending material train into the Block Section (1) S 25.02 STABLING OF MATERIAL TRAIN (1) S 26.00 HOT AXLE AND FLAT TYRE (1) S 27.00 WORKING OF TRAIN WITHOUT BRAKE VAN (1) S 28.00 STANDARD TIME (1) S 29.00 SPEED CHART (1) S 30.00 ELECTRIC BLOCK INSTRUMENT (1) S 31.00 TAIL LAMP AND TAIL BOARD (1) S 36.00 TRAIN PARTING (1) S 37.00 TRAIN DIVIDING (1) S 38.00 SEND ASSISTING ENGINE INTO OBSTRUCTED BLOCK SECTION (1) S 39.00 TRAIN DELAYED IN BLOCK SECTION (1) S 40.00 ACCIDENT (1) S 41.00 DISASTER MANAGEMENT (1) S 42.00 YARD (1) S 43.00 DUTIES OF STATION STAFF TOWARDS CONTROL (1) S 44.00 WAGON EXCHANGE REGISTER (1) S 45.00 STOCK REPORT (1) S 46.00 WORKING OF TRAIN IN GHAT SECTION / CATCH AND SLIP SIDING (1) S 47.00 MEANS OF COMMUNICATION AND WHISTLE CODE (1) S 48.00 ACTION TAKEN DURING THE ACP (1) S 49.00 WORKING OF TRAIN DURING STORM / ANEMOMETER CYCLONE (1) S 50.00 FIRE IN TRAIN (1) S 51.00 INFORMATION SYSTEM / COA/ FOIS/ ICMS/ PRS etc (1) S 52.00 ACD (1) S 53.00 LOCOMOTIVE LIGHT (1) S 54.00 WORKING OF TRAIN IN ELECTRIFIED SECTION AND TOWER WAGON (1) S 55.00 LEVEL CROSSING GATE (1) S 56.00 OVER DIMENSIONAL CONSIGNMENT (O.D.C. ) (1) S 57.00 MARSHALLING (1) S 58.00 WORKING OF TROLLY/LORRY (1) S 59.00 TYPES OF TRACK MACHINE (1) S 60.00 MANSOON PATROLLING (1) S 61.00 DEFECTIVE PARMANENT WAY (1) S 62.00 WORKING OF LONG HAUL TRAINS (PYTHON) ON CENTRAL RAILWAY (1) S 63.00 HEAVY HAUL TRAINS (1) S 64.00 ABBREVIATION (1) S 65.00 DIFFERENCE BETWEEN SUBSIDIARY RULES OF CR AND WCR (1) SH (1) SPEED ON TURNOUTS (1) Safety Chain (1) Scotch Block (1) Skid (1) Station Earning (1) Station Inspection (1) Train Manager (Guard) (1) VTO (1) Video (1) WORKING OF TRACK MACHINE (TTM etc.) (1) Yard Congestion (1) fois (1) k (1) long Haul (1) योजना बनाने में स्टेशन मास्टर की भूमिका (1) सिगनलों का आदान प्रदान (1) स्टेशन मास्टर अवश्य ध्यान दे (1)