लाॅक एवं ब्लाॅक उपकरण
यह एक ऐसी पद्धति है जिसमें डबल लाइन पर सीमेन्स डबल लाइन लाॅक एन्ड ब्लाॅक उपकरण के द्वारा पूर्ण ब्लाॅक पद्धति की आवश्यक शर्तो को पूरा किया जाता है। इसके लिए इस पद्धति मे निम्नलिखित उपकरण लगाए जाते हैं -
लीवर लाॅक - डबल लाइन पर अन्तिम रोक सिगनल को आॅफ करने का अर्थ है कि गाड़ी के लोको पायलट को रवाना होने के लिए प्रस्थान आदेश देना। अतः इसे अन्तिम रोक सिगनल के लीवर पर लगाया जाता है (अन्य प्रकार के ब्लाॅकों में यह व्यवस्था अलग प्रकार से की गई है) यह लीवर लाॅक तभी फ्री होता है जब ब्लाॅक उपकरण की ऊपर की सुई लाइन क्लीयर स्थिति बता रही हो। यह सम्पूर्ण ब्लाॅक पद्धति की उस शर्त को पूरा करता है कि जब तक अगले ब्लाॅक स्टेशन से लाइन क्लीयर न प्राप्त हो जाए तब तक किसी गाड़ी को प्रस्थान आदेश देकर ब्लाॅक सेक्शन मे नहीं भेजा जा सकता।
फस्र्ट व्हीकल ट्रेक - यह अन्तिम रोक सिगनल के आगे ट्रेक पर लगा होता है। जैसे ही गाड़ी का पहला व्हीकल इस ट्रेक सर्किट पर आता है तो ई.एस.आर. प्रभावित होकर अन्तिम रोक सिगनल को आॅन स्थिति मे कर देता है ताकि दूसरी गाड़ी को ब्लाॅक सेक्शन मे न भेजा जा सके क्योंकि डबल लाइन मे अन्तिम रोक सिगनल की आॅफ स्थिति प्रस्थान आदेश होती है। इससे यह साबित होता है कि एक लाइन क्लीयर पर एक ही गाड़ी को भेजा जा सकता है। इसके बाद अन्तिम रोक सिगनल के लीवर को बैक किया जाता है। जहाँ पैनल हो वहाँ उसमे ं ऐसी व्यवस्थाएं की जाती है ताकि उपरोक्त शर्तो को पूरा करे।
इलेक्ट्रिक/मेकेनिकल सिगनल रिवर्सर/रिप्लेसर - यह एक उपकरण है जो फस्र्ट व्हीकल ट्रेक के पास लगा होता है जो कि गाड़ी के प्रथम वाहन के इस पर आते ही अन्तिम रोक सिगनल को विद्युत या यांत्रिकी तरीके से आॅफ से आॅन स्थिति मे करता है ताकि गाड़ी के ब्लाॅक सेक्शन मे होते हुए दूसरी गाड़ी के लिए अन्तिम रोक सिगनल आॅफ न हो सके।
लास्ट व्हीकल ट्रेक - यह ट्रेक सर्किट होम सिगनल के अन्दर लगा होता है। जब आने
वाली गाड़ी का अन्तिम व्हीकल इस पर से गुजर जाता है तो यह ब्लाॅक उपकरण के काॅम्यूटेटर को रिलीज कर देता है ताकि स्टेशन मास्टर पिछले स्टेशन को ‘ट्रेन आउट आॅफ सेक्शन’ संकेत दे सके। इससे यह सिद्ध होता है कि जब तक ब्लाॅक सेक्शन में कोई गाड़ी हो तब तक दूसरी गाड़ी को उस ब्लाॅक सेक्शन में प्रवेश करने के लिए लाइन क्लीयर नहीं दिया जा सकेगा।
काॅम्यूटेटर रिलीज इंडीकेटर - यह उपकरण ब्लाॅक उपकरण के पास लगा होता है। यह काॅम्यूटेटर के फ्री होने का संकेत देता है। इसमे यह संकेत तभी आता है जब गाड़ी का अन्तिम पहिया ‘लास्ट व्हीकल ट्रेक’ पर से गुजर गया हो। होम सिगनल के लीवर को सामान्य स्थिति मे कर दिया गया हो, स्टेशन मास्टर ने अपना स्लाइड कन्ट्रोल बैक कर दिया हो व दूसरी कोई केबिन हो तो उसके इन्चार्ज ने अपना स्लाॅट कन्ट्रोल लीवर सामान्य स्थिति मे कर दिया हो। इसमे फ्री इंडीकेशन आने के बाद ही पिछले स्टेशन को ‘ट्रेन आउट आॅफ सेक्शन’ संकेत दिया जा सकता है।
होम सिगनल लीवर - यह लीवर हेाम सिगनल के आॅफ करने के काम आता है जिसे तभी वापस सामान्य स्थिति में करना चाहिए जब गाड़ी का अन्तिम वाहन स्टज् पर से गुजर गया हो। इसके पश्चात् यह सुनिश्चित करने के बाद कि गाड़ी पूरी आ चुकी है व ब्लाॅक सेक्शन साफ है, दूसरी गाड़ी को लाइन क्लीयर दिया जा सकता है।
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