इन्टर चेंज का तात्पर्य दो मंडलो / क्षेत्रीय रेलों के बीच चल स्टाक का परस्पर आदान - प्रदान करना, और जिस स्टेशन पर यह कार्य किया जाता है उस स्टेशन को इन्टरचेंज प्वाइंट / स्टेशन कहते है.
2. चल स्टाक का अधिकतम उपयोग करने के लिए.
3. सभी रेलों पर यातायात का युक्तिसंगत बंटवारा करने के लिए.
4. किसी रेल के अधिक कार्यभार को कम करने के लिए.
5. चल स्टाक पर प्रभावी नियंत्रण रखने के लिए.
वैगन इंटरचेंज से संबंधित महत्वपूर्ण परिभाषाये –
मालिक रेलवे - वह रेलवे जो वैगन का मालिक है.
अग्रेषित रेलवे - वह रेलवे जो चल स्टाक को भेजता है, चाहे आगामी या वापसी के हो.
प्राप्तकर्ता रेलवे - वह रेलवे जो चल स्टाक को प्राप्त करे चाहे आगामी या वापसी के हो.
बुकिंग रेलवे - वह रेलवे जहाँ से यातायात प्रारंभ होता है.
गंतव्य रेलवे - वह रेलवे जहाँ यातायात समाप्त होता है.
मध्यवर्ती रेलवे - वह रेलवे जो बुकिंग तथा गंतव्य रेलवे के बीच पड़ता है.
बुर्किंग रेलवे - वह रेलवे जिस पर इंटर चेंज रेलवे स्थित है.
उपयोग कर्ता रेलवे - वह रेलवे जो इंटर चेंज स्टेशन का उपयोग करती है.
जंक्शन बैलेंस - इसे दैनिक जंक्शन इन्टर चेंज बैलेंश भी कहते है. इसे 24.00 बजे तक कुल प्राप्त बैगनो में से प्रस्थान किये गये बैगनो को घटाकर प्राप्त किया जाता है.
टारगेट बैलेंश - विभिन्न रेलों की आवश्यकता की पूर्ति करने तथा उनके माल डिब्बा बैलेश के उद्देश्य के लिए रेलवे बोर्ड व्दारा प्रत्येक रेलवे के लिए माल डिब्बो की संख्या निर्धारित की जाती है. यह समय समय पर परिवर्तनीय होता रहता है. इससे पता चलता है कि वैगन पूल में शामिल वह रेलवे क्रेडिट या डेबिट वाला है. अत: अंतिम रूप से रखे गये बैगनो की इस संख्या को टारगेट बैलेश कहते है.
वैगन बैलेश - पिछले दिन का फ्लोटिंग बैलेश, वैगन बैलेश कहलाता है.
इंटर चेंज के लिए मानक
2. अपरिहार्य स्थिति में यदि DWI की अनुमति हो तो इन वैगनो की अवधि अगले 6 माह तक बढाई जा सकती है, बशर्ते C & W व्दारा उन्हें चलने योग्य घोषित किया गया हो.
3. विशेष परिस्थितियों में एन पी वैगनो का उपयोग DWI की अनुमति मिलने पर इन्टरचेंज में किया जा सकता है. दोनों रेलवे आपसी सहमति से कम दूरी व कम अवधि के लिए ऐसी वैगनो का उपयोग कर सकते है.
4. एन पी वैगनो को मालिक रेलवे को तुरंत लौटा दी जायेगी. यदि आवश्यक एवं संभव हुआ तो वैगनो को लोडेड भेजा जाएगा तथा कम दूरी के रास्ते को प्राथमिकता दी जाएगी.
5.एन पी वैगनो का समान्यत: मार्ग परिवर्तन नही किया जाएगा, परन्तु DWI आदेशनुसार इन वैगनो में माल भरकर किसी अन्य मार्ग से अन्य स्टेशन को भेजा जा सकता है. ऐसी सूचना सम्बन्धित रेलवे को भेज दी जाएगी.
6. कुछ वैगने जिनकी वहन क्षमता 13 टन से कम हो उन्हें एन पी में रखा जाएगा.
7. जंक्शन/ इंटरचेंज स्टेशन पर उपयोग कर्ता रेलवे रेलवे से गाड़ी का आ जाना या उनमे गाड़ी का प्रवेश करना इन्टरचेंज माना जाएगा.
8. यदि एन पी वैगनो के असाधारण परिस्थितियों के कारण विलम्बित होने की आशंका हो तो 48 घंटो के अंदर मालिक रेलवे को इसकी सूचना भेजनी चाहिए.
9. आपसी समझौते के आधार पर दो रेलवे एन पी वैगनो की तरह स्थानीय लोडिंग वैगनो को भी कम दूरी एवं कम समय के लिए उपयोग कर सकती है.
10. खुली वैगनो को जिनके दरवाजे खराब हो, मालिक रेलवे की दिशा में जाते समय इंटरचेंज की अनुमति होगी.
11. कपलिंग ठीक होने, गार्ड ब्रेकयान पूरी तरह सुसज्जित ना होने पर इन्टरचेंज के लिए स्वीकार किये जायेगे.
कोचिंग स्टाक के इन्टरचेंज के नियम
2. कोचिंग वाहन को मालिक रेलवे को खाली अथवा भरा हुआ नजदीक के रास्ते से लौटाया जाएगा.
3. विशेष वाहन जैसे लगेज, पार्सल, मोटर वेन, आदि खाली होने पर शीघ्रता से मालिक रेलवे को लौटाया जाएगा.
4. सैनिक गाड़ी या पार्टी कोच के मामले में पहले वाहन की जाँच करके प्रस्थान स्टेशन पर उसकी खराबियो की लिस्ट तैयार कर एक प्रति रिकार्ड में तथा दूसरी गार्ड को देकर संबंधित रेलवे को इसकी सूचना दी जाएगी. यह दावा निवारण हेतु उपयोगी होता है.
5. यदि रेलवे पर सीधा यातायात प्रभावित हो और स्टाक वापस करने में समस्या हो तो कुछ दूरी या संभाग के लिए एक दिन के हिसाब से और गंतव्य स्टेशन पर 2 दिन के हिसाब से जोडकर इस समय के अंदर वाहन को मालिक रेलवे को वापस कर देना चाहिए.
भारतीय रेलवे के अन्य देशो के साथ इन्टरचेंज पॉइंट
मुनाबाव (MBF) भारत और पाकिस्तान के बीच
दर्शना (DSN) भारत और बांग्लादेश के बीच
गेडे (GEDE) भारत और बंगलादेश के बीच
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