ट्रेन इन्टेक्ट रजिस्टर
यह एक रजिस्टर है जिसे स्टेशन मास्टर कार्यालय में रखा जाता है और प्रत्येक स्टेशन पर रुकने वाली गाड़ी के पूर्ण आगमन को सुनिश्चित करने के लिए इसमें गार्ड के हस्ताक्षर लिए जाते हैं। इसमें निम्नलिखित काॅलम होते हैं - जब कोई गाड़ी स्टेशन पर रुकने वाली होती है, तो स्टेशन मास्टर इस रजिस्टर में दिनांक व गाड़ी संख्या लिखकर अपने अधीनस्थ कर्मचारी के साथ इसे गार्ड के पास भिजवाता है। गार्ड यह सुनिश्चित करने के बाद कि गाड़ी पूरी आ चुकी है व फाउलिंग मार्क साफ करके खड़ी है, इस रजिस्टर मे आगमन का समय लिखेगा व अपने हस्ताक्षर करेगा। इसके बाद गार्ड दिन मे हरी झंडी व रात में हरी बत्ती तीन बार गोलाकार घुमाकर गाड़ी के पूर्ण आने का संकेत स्टेशन मास्टर को दिखाएगा। (आवश्यकतानुसार यही संकेत गार्ड से हस्ताक्षर लेने के पश्चात् अधीनस्थ सक्षम रेल कर्मचारी स्टेशन मास्टर को दिखाएगा) इस संकेत को देखकर स्टेशन मास्टर पिछला ब्लाॅक सेक्शन बन्द करके किसी अन्य गाड़ी, यदि हो, को चाहे तो लाइन क्लीयर दे सकता है परन्तु किसी अन्य गाड़ी के लिए आगमन सिगनल तभी आॅफ कर सकेगा जब ट्रेन इन्टेक्ट रजिस्टर स्टेशन मास्टर के पास पहुँच जाए और वह उसे देखकर सुनिश्चित कर ले कि गार्ड ने किसी प्रकार की कोई टिप्पणी तो नहीं लिखी है।
व्हीकल गाइडंस
यह फाॅर्म गाड़ी बाबू द्वारा उन स्टेशनों पर दो प्रतियों में या आवश्यकतानुसार अधिक प्रतियों मे तैयार किया जाता है जहाँ से गाड़ियाँ बनकर चलती हैं। इसे आउटवर्ड नम्बर टेकर बुक की सहायता से तैयार किया जाता है। इसकी एक प्रति गार्ड को दी जाती है। इसे स्याही से साफ सुथरा बनाया जाना चाहिए यदि किसी प्रकार की कोई कांट छांट हो तो गाड़ी बाबू को उसे सुधारकर अपने हस्ताक्षर करने चाहिए। इसमे गाड़ी मे लगे हुए पहले डिब्बे से आखरी डिब्बे तक के नम्बर मार्शलिंग के क्रम मे लिखे रहते हैं। इसे प्रारम्भिक स्टेशन से गाड़ी प्रस्थान के समय से 30 मिनट पूर्व गार्ड को सौंप दिया जाना चाहिए ताकि वह इसके आधार पर गाड़ी की जाँच कर सके। इसमे निम्नलिखित विवरण लिखा जाता है -
गाड़ी का नम्बर
- प्रारम्भिक व अन्तिम स्टेशनों के नाम
- निर्धारित प्रस्थान का समय व तारीख
- लोको पायलट व गार्ड के नाम
इंजन नम्बर
- गाड़ी का लोड
- मार्शलिंग के क्रम मे इंजन से अन्तिम डिब्बे तक डिब्बों के नम्बर
- मालिक रेलवे
- डिब्बे की किस्म व उसका कोर्ड
- डिब्बा भरा हुआ है या खाली
- डिब्बो की यूनिट
- किस स्टेशन से किस स्टेशन को
- वाया/जंक्शन
- टेयर वेट, माल का वजन व कुल वजन
- ब्लाॅक रैक नम्बर (यदि हो तो)
- रास्ते मे काटे जाने वाले डिब्बों का विवरण
- टिप्पणी
गाड़ी मे लगे हुए सभी डिब्बो की यूनिट का योग करने के बाद टेयर वेट एवं नेट वेट = कुल
वजन का अलग अलग जोड़ लगाया जाता है और पूरे योग का सारांश व्हीकल गाइडेस के ऊपरी भाग में लिखा जाता है।
उदाहरण जैसे - सवारी गाड़ी होने पर यदि लोड 30/450 है तो इसका अर्थ है कि गाड़ी मे 15
बोगी/30 यूनिट लगी हैं जिसका कुल वजन 450 टन है। इसी तरह मालगाड़ी मे यदि लोड 1/40/10 = 51/800 है तो इसका अर्थ है गाड़ी में एक ब्र ेकवान/40 भरे हुए वैगन की यूनिट/10 खाली वैगन की यूनिट लगी हुई है जिसका कुल वजन 800 टन है।
व्हीकल गाइडेस प्राप्त करने के बाद गार्ड को उसके कुल लोड की जाँच कर लेनी चाहिए और देखना चाहिए कि सभी डिब्बे वास्तव में व्हीकल गाइडेस में बताए गए क्रम मे लगे हुए है और उसका विवरण भी सही है यदि रास्ते मे कुछ डिब्बे काटे जाएं तो गार्ड वहाँ के स्टेशन मास्टर या गाड़ी बाबू से व्हीकल गाइडेस पर हस्ताक्षर करवा लेगा। इसी प्रकार यदि रास्ते के स्टेशनों से कुछ डिब्बे गाड़ी में लगाए जाएं तो उन्हें व्हीकल गाइडेंस में घटा बढ़ाकर नया सारांश ऊपर लिख देगा। यदि गार्ड की यात्रा पूरी करने के बाद गाड़ी और आगे जाने वाली हो तो गार्ड व्हीकल गाइडेस आगे जाने वाले गार्ड को सौंप देगा और जब यात्रा पूरी हो जाती है तब व्हीकल गाइडेस को हस्ताक्षर करके निर्धारित स्थान पर रखे हुए व्हीकल गाइडेस बाॅक्स मे डाल दिया जाएगा।
कनसिस्ट गाइडेंस
यह व्हीकल गाइडेस का संशोधित रूप है जो केवल ब्राॅडगेज मे इंटरचेंज मे जाने वाली मालगाड़ियो के लिए ही काम मे लिया जाता है। इसके आधार पर कम्प्यूटरीकृत रिकाॅर्ड भी रखा जाता है।
इसको चार प्रतियों मे तैयार किया जाता है। एक प्रति रिकाॅर्ड मे , दूसरी प्रति रेलवे बोर्ड तथा अन्दो प्रतियाँ गार्ड के लिए होती हैं। गार्ड इसमे से एक प्रति इन्टरचेंज पाॅइन्ट पर दे देता है। इस फाॅर्म के निम्न तीन भाग होते हैं -
ट ªेन डाटा - इस भाग मे गाड़ी का नम्बर, समय, स्टेशन से स्टेशन तक, तारीख, इंजन की श्रेणी, इंजन नम्बर, गार्ड व लोको पायलट के नाम इत्यादि लिखे होते हैं।
वैगन/व्हीकल डाटा - इसमें व्हीकल गाइडेंस के अनुसार इंजन से लेकर अन्तिम डिब्बे तक मार्शलिंग के क्रम में लगे हुए प्रत्येक वैगन का पूर्ण विवरण होता है। इसमें वैगनों में भरा माल, वाया, लादने की तारीख भी शामिल होती है। इसमें स्टेशनों के नाम कोड न लिखकर पूरे नाम लिखे जाते हैं।
क्लोजिंग डाटा - इसमे भरे हुए, खाली वैगन तथा अन्य विशेष स्टाॅक का विवरण कुल लोड के साथ लिखा जाता है। इसे भी गाड़ी बाबू द्वारा बनाया जाता है। इसमे जहाँ तक संभव हो किसी प्रकार की कांट छांट नहीं होनी चाहिए, यदि हो तो उसे सुधारकर गाड़ी बाबू द्वारा पूर्ण हस्ताक्षर किए जाने चाहिए।
गार्ड व लोको पायलट की मिली जुली रिपोर्ट (सी टी आर)
यह एक अत्यन्त ही महत्वपूर्ण प्रपत्र है जिसके अन्दर किसी भी गाड़ी की पूरी यात्रा का विवरण होता है। इसे गार्ड व लोको पायलट द्वारा संयुक्त रूप से भरा जाता है। इसे साफ सुथरा व सही सही भरा जाना चाहिए क्योंकि इसके आधार पर कई सांख्किी विवरण तैयार किए जाते हैं। इसके दो भाग होते है एक आगे व एक पीछे की ओर जिसमें निम्नलिखित काॅलम होते हैं जिन्हें लोको पायलट व गार्ड द्वारा यात्रा के दौरान भरा जाता है -
भाग-अ
- इंजन नम्बर
- गाड़ी नम्बर
- शेड
- दिनांक
- सर्विस या सेवा
- लोको पायलट का नाम
- स्टेशन से स्टेशन तक
- मुख्यालय
- गार्ड का नाम
- सहायक लोको पायलट का नाम
- शेड में इंजन लेने व निकालने का समय
- इंजन को गाड़ी से जोड़ने का समय
- ईधन की खपत
- लोको पायलट की विशेष रिपोर्ट
- स्टेशन पर आगमन व प्रस्थान का समय
- देर से रवाना होने का कारण
- नष्ट किया व बनाया गया समय
- गार्ड व लोको पायलट के हस्ताक्षर
- इंजन की श्रेणी
भाग-ब
- गाड़ी नम्बर
- सेवा
- गेज
- मंडल
- किस स्टेशन से किस स्टेशन तक
- दूरी दिनांक
- लोको पायलट का नाम
- इंजन नम्बर
- इंजन की श्रेणी
- शेड
- गार्ड का नाम
- आने वाला गार्ड
- ब्रेक्समेन
- आने वाला ब्रेक्समेन
- गार्ड मुख्याल
इन सब के अतिरिक्त गाड़ी से संबंधित विशेष तथ्य जैसे - बिजली की बत्ती व पंखे, अग्नि शामक यंत्र, अन्डरलोड, कोचिंग व माल डिब्बों का विवरण जैसे - यात्री डिब्बे, ब्रेकवान, पार्सल वान तथा माल डिब्बों के अन्तर्गत खुले व बन्द डिब्बे, खाली व भरे हुए डिब्बे, डिब्बे के प्रकार आदि अलग-अलग बताए जाते हैं। अन्त में कुल लोड लिखा जाएगा और गार्ड व लोको पायलट के हस्ताक्षर होंगे।
गार्ड रफ जर्नल
प्रत्येक गार्ड को उसके निजी उपकरण के रूप में दिया जाने वाला यह महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इस अदालत के मामलों व दुर्घटना की जाँच के दौरान साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। गार्ड द्वारा इसमे प्रत्येक प्रविष्टि सावधानीपूर्वक व सफाई से भरनी चाहिए। इसे भरने के लिए स्याही का उपयोग करना चाहिए तथा माँगे जाने पर इसे निरीक्षक या अधिकारियों के सामने प्रस्तुत करनी चाहिए। इसे तीन वर्षो तक सुरक्षित रखना चाहिए। इसमे निम्नलिखित विवरण लिखा जाता है -
गाड़ी से संबंधित सभी आवश्यक विवरण जैसे - दिनांक, गाड़ी संख्या, गार्ड व लोको पायलट का नाम, कहाँ से कहाँ तक, इंजन नम्बर, कुल यूनिट, लोड, प्रपत्र जो साथ मे है तथा अन्य आवश्यक बाते जो गार्ड इसमें उल्लेख करना उचित समझे।
प्रारम्भिक स्टेशन से प्राप्त होने वाले पैकेज, उनका गन्तव्य स्टेशन, बीच मे उतारे गए पैकेज और बाकी बचे पैकेज का शेष जो आगे जाने वाले गार्ड को सौपना है।
एस.एल.आर/एल.आर. की स्थिति, लगेज वान के नम्बर, उस कम्पार्टमेंट के नम्बर जिसमें इन्श्योर्ड या कीमती पैकेज लदे हुए हैं।
प्रपत्र तथा पैकेज जो आगे जाने वाले गार्ड को या अन्तिम स्टेशन पर किसी व्यक्ति को सौंपे गए हों तो उसके नाम व हस्ताक्षर।
पैकेज या वे-बिल में यदि कोई कमी हो तो उसका विवरण।
फ्री सर्विस के पैकेटों का विवरण।
गाड़ी के विलम्ब का वर्णन।
ट्रेवलिंग कैश सेफ का विवरण तथा सील्ड कैश बैग के नम्बर जो तिजोरी मे डाले गए हों।
उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य कोई भी ऐसी आवश्यक जानकारियाँ जो उपयोगी हो उनके बारे में इसमे लिखा जाना चाहिए।
वर्किंग टाइम टेबल
यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो प्रत्येक उस रेल कर्मचारी को जारी किया जाता है जो गाड़ी संचालन के साथ सीधे रूप से जुड़ा हुआ है। इसमे गाड़ियों के संचालन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी सम्मिलित होती है। इसे वर्ष में एक बार मुख्य परिचालन प्रबंधक एवं मुख्य सवारी यातायात प्रबंधक द्वारा जारी किया जाता है। यह प्रत्येक मंडल के लिए अलग-अलग बनाया जाता है। ड्यूटी पर रहते समय प्रत्येक लोको पायलट, गार्ड व स्टेशन मास्टर को इसे अपने पास रखना चाहिए। इसमे निम्नलिखित महत्वपूर्ण जानकारियाँ होती है -
मंडल का छोटा नक्शा
उन स्टेशनो के नाम जहाँ प्रस्थान आदेश केबिन से जारी किया जाता है
सतर्कता आदेश जारी करने वाले नोटिस स्टेशनो के नाम
मंडल में बाँटे गए छोटे-छोटे सेक्शनों की जानकारियाँ जैसे - सेक्शन की लम्बाई, कार्य संचालन पद्धति, स्टेशन के नाम व उनके कोड, स्टेशनों पर लगे हुए ब्लाॅक उपकरण, सेक्शन में चलने वाले इंजन, सेक्शन कन्ट्रोल्ड है या नहीं, सेक्शन सिंगल लाइन का है या डबल लाइन का आदि।
स्टेशनो की विस्तृत जानकारी जैसे - स्टेशन किस क्लास का है, कौन सा सिगनलिंग सिस्टम है,
स्टेशन इन्टरलाॅक्ड है या नाॅन-इन्टरलाॅक्ड, इन्टरलाॅकिंग का स्टेन्डर्ड, किस किलोमीटर पर स्थित है, प्रत्येक दो ब्लाॅक स्टेशनो के बीच की दूरी आदि।
गाड़ियों से संबंधित जानकारी जैसे - सेक्शन मे कौन-कौन सी सवारी गाड़ियाँ चलती है, उनके रनिंग टाइम, उनकी गति, उनके निर्धारित समय, अधिकतम लोड आदि।
इंजन संबंधी जानकारी जैसे - सेक्शन में कौन-कौन से इंजन काम मे लिए जाते हैं, उनकी वहन क्षमता आदि।
स्थाई गति प्रतिबन्ध संबं धी पूर्ण जानकारी
- दूसरी क्षेत्रीय/मंडल रेलों की सवारी गाड़ियों का जंक्शन पर आने व जाने का समय एवं अधिकृत विलम्बर जो कि जंक्शन स्टेशनों पर लेट आने वाली गाड़ियों के कनेक्शन के लिए दिया जाता है।
- अलग-अलग प्रकार की मालगाड़ियों के इंजन सहित मेन लाइन व ब्रान्च लाइन पर अधिकतम भार ढोने की क्षमता।
थ्रू एवं सेक्शनल कोच सेवाएं
‘ए’ तथा ‘बी’ क्लास की दुर्घटना राहत गाड़ियों के मुख्यालय स्टेशन मेडीकल सुविधा वाले स्टेशनो के नाम
- इंजीनियरिंग एलाउन्स
- न्यूनतम एवं अधिकतम रनिंग समय
- विभिन्न प्रकार के स्टेशनों के क्राॅसिंग
- पाॅइन्ट पर गाड़ियों की अधिकतम गति
स्टेशनो पर उपलब्ध सुविधाएँ
- विभिन्न सेक्शनों मे लगी रेलों का वजन एवं एक्सल लोड
- चढ़ाई व ढलान की जानकारी
- एडवान्स सेक्शन
- सेक्शन मे लगी रेलों के अनुसार रूट का वर्गीकरण
- समपार फाटक की जानकारी
- महत्वपूर्ण गाड़ी संचालन संबंधी निर्देश
उपरोक्त के अतिरिक्त भी बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियाँ इसमे होती है। इसी के आधार पर यह गाड़ी संचालन से संबंधित रेल कर्मियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
शंटिंग वाउचर
यह एक निर्धारित छपा हुआ फाॅर्म है जो कि शंटिग इंजन के लोको पायलट/शंटर को शंटिंग कार्य के बाद निम्न प्रकार से जारी किया जाता है -
1 से 15 मिनट तक के लिए - 15 मिनट का
16 से 30 मिनट तक के लिए - 30 मिनट का
31 से 45 मिनट तक के लिए - 45 मिनट और क्रमशः इसी प्रकार आगे भी चालू गाड़ी मे जिस गाड़ी के इंजन द्वारा शंटिग किया जाए तो उसके लिए निम्न प्रकार शंटिंग वाउचर जारी किया जाएगा -
प्रथम 15 मिनट तक के लिए - कोई वाउचर नहीं
16 से 30 मिनट तक के लिए - 15 मिनट
30 से 45 मिनट तक के लिए - 30 मिनट और क्रमशः इसी प्रकार यह वाउचर स्टेशन मास्टर या यार्ड मास्टर द्वारा बनाया जाता है। जहाँ शंटिग इंजन अलग पारियों के लिए यार्ड मे शंटिंग करने के लिए होते हैं तो वास्तविक शंटिग समय के लिए शंटिग वाउचर बनाकर दिया जाता है जो कि कम से कम 6 घंटे के लिए होगा। प्रत्येक पारी के वाउचर पर पारी प्रथम भाग/द्वितीय भाग अंकित किया जाएगा।
अदर इंजन वाउचर
यह वाउचर शंटिग के अतिरिक्त जब ट्राफिक यार्ड मे किसी इंजन केा रोका जाता है तो वास्तविक विलम्ब के समय के लिए लोको पायलट को दिया जाता है। यह वाउचर निम्नलिखित परिस्थितियों में बनाकर दिया जाता है -
जब कोई इंजन ट्राफिक की आवश्यकता के लिए प्रारम्भिक स्टेशन एवं अन्तिम स्टेशन पर क्राॅसिंग, यार्ड ब्लाॅक, अन्य गाड़ी को रास्ता देने के लिए विलम्बित हो या बाहरी स्टेशन पर लोको शेड जाने के लिए खड़ा हो या वापसी यात्रा प्रारम्भ करने के लिए खड़ा हो।
जब किसी इंजन को गाड़ी की सहायतार्थ उपयोग में लाया गया हो।
जब किसी गाड़ी में लगा इंजन गाड़ी के प्रस्थान के लिए प्रतीक्षा कर रहा हो।
जब किसी गाड़ी को बनाकर भेजने के आदेश दिए हों और इंजन भी ट्राफिक विभाग के आदेश से तैयार कर दिया गया हो और उस इंजन का उपयोग नहीं किया गया हो तो यह वाउचर तीन घंटे का बनाकर दिया जाएगा।
जब किसी एक पारी में शंटिंग इंजन का उपयोग किया गया हो जिसका समय 6 घंटे से कम हो ओर पारी के दूसरी भाग के लिए इंजन का उपयोग न किया गया हो तब यह वाउचर उतने समय का दिया जाएगा जितने समय के लिए प्रथम पारी में इंजन का उपयोग नहीं किया गया हो।
गार्ड द्वारा लोको पायलट को ब्लाॅक सेक्शन से इंजन या गाड़ी के भाग के साथ स्टेशन भेजने हेतु दिया जाने वाला प्राधिकार पत्र (टी-609)
यह एक टी-609 नम्बर का निर्धारित छपा हुआ प्राधिकार पत्र है जिसकी पुस्तक गार्ड के पास रहती है। इसे दो प्रतियों में बनाया जाता है जिसमें से एक प्रति लोको पायलट को जारी की जाती है व दूसरी गार्ड के पास रिकाॅर्ड में रहती है। इसे गार्ड द्वारा लोको पायलट को तब जारी किया जाता है जब किसी भी असमर्थता के कारण ब्लाॅक सेक्शन के मध्य से गाड़ी के इंजन को गाड़ी से अलग करके या गाड़ी के अधूरे भाग को स्टेशन की ओर भेजना होता हो। इस प्रपत्र पर गार्ड व लोको पायलट के हस्ताक्षर होते हैं।
गार्ड द्वारा इस प्राधिकार मे निम्न विवरण भरे जाते हैं -
- अगले भाग मे जाने वाला लोड
- अन्तिम वाहन का नम्बर
- स्टेशन मास्टर की अनुमति से इस प्राधिकार पर गाड़ी के असमर्थ भाग/दूसरे भाग को लेन हेतु आने की अनुमति
- प्रस्थान आदेश ब्लाॅक सेक्शन साफ होन तक अपने पास रखने का प्रमाण
- लोको पायलट द्वारा इंजन या पहले भाग के साथ स्टेशन पर पहुँचकर इसे स्टेशन मास्टर को सौंप दिया जाता है। स्टेशन मास्टर द्वारा इसके निचले भाग मे असमर्थ गाड़ी/गाड़ी के बचे हुए भाग को लाने के प्राधिकार के रूप में आवश्यक विवरण भरकर हस्ताक्षर करके स्टेशन की मुहर लगाकर पुनः लोको पायलट को दिया जाता है और इसी प्राधिकार पत्र पर वह गाड़ी के शेष भाग को लेने हेतु ब्लाॅक सेक्शन मे जाता है।
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