ट्रैक में खराबी का पता लगने पर की जाने वाली कार्यवाही SR 6.07-1
यदि किसी गाड़ी का लोको पायलट या गार्ड गाड़ी चलने के दौरान ट्रैक में किसी प्रकार की खराबी, जो गाड़ी संचालन में असुरक्षित हो महसूस करता है, तो वह तुरंत निम्नलिखित कार्यवाही करेगा -
1. अगले स्टेशन पर बिना सेक्शन क्लियर किये गाड़ी को रोकेगा तथा लगातार सीटी बजाएगा और उपलब्ध साधनों द्वारा स्टेशन मास्टर को खराबी की सूचना देगा। जिन सेक्शनों में आई बी एस लगे हैं या ऑटोमेटिक क्षेत्र हैं वहाँ पिछले स्टेशन मास्टर को तथा पिछली गाड़ी के लोको पायलट को इसकी तुरंत सूचना उपलब्ध साधनों द्वारा देगा । जिससे पिछे से किसी गाड़ी का संबंधित सेक्शन में प्रवेश न हो ।
2. उपरोक्त खराबी की जानकारी स्टेशन मास्टर कार्यालय के सामने गाड़ी रोक कर लिखित में लोको पायलट द्वारा दी जाएगी ।
3. स्टेशन मास्टर को ऐसा मेमो प्राप्त होते ही वह तुरंत बाजू वाले स्टेशन मास्टर, मुख्य नियंत्रक तथा संबंधित सेक्शन के जूनियर इंजीनियर / सेक्शन इंजीनियर को साथ ही AEN, DEN, को तथा DOM को इसकी सूचना देगा ।
4. संबंधित सेक्शन में ट्रैक मेंटेनेस्स मशीन / टावर वैगन / लाईट इंजिन को और इनकी अनुपस्थिति में गाड़ी को जिसमें इंजीनियरिंग विभाग के संबंधित कर्मचारी उपस्थित हैं, सतर्कता आदेश जारी करके (stop dead) भेजेगा । संबंधित इंजीनियरिंग कर्मचारी ट्रैक का निरीक्षण करेंगे और यदि गाड़ी संचालन के लिए ट्रैक सुरक्षित है सुनिश्चित करने के पश्चात गाड़ी को आगे जाने की अनुमति देगा और स्टेशन मास्टर को ट्रैक की स्थिति संबंधी और यदि कोई गति प्रतिबंध लगाना है तो उस संबंध में व्यक्तिगत रूप से या लिखित में मेमों भेजकर सूचना देगा । यदि इंजीनियरिंग कर्मचारी उपलब्ध न हो तो सतर्कता आदेश में " 10 kmph की गति से आगे बढ़ो एवं प्रभावित स्थान के पहले रूको और सुनिश्चित करो कि ट्रैक आगे बढने के लिए सुरक्षित है" आदि जानकारी लिखकर सतर्कता आदेश जारी करेगा
5. यदि लोको पायलट यह पाता है कि आगे बढ़ने के लिए ट्रेक असुरक्षित है तो वह पिछले स्टेशन पर वापस आएगा । यदि वह यह पता लगाने में असमर्थ है कि ट्रैक में कोई खराबी है या नहीं, तो बाद वाली गाड़ियाँ "10 kmph की गति से आगे बढ़ो" के गति प्रतिबंधों का पालन करते हुए चलाया जाएगा, जब तक कि इंजीनियरिंग विभाग द्वारा सुरक्षित घोषित नहीं कर दिया जाता है ।
6. यदि किसी गाड़ी के गार्ड द्वारा ट्रैक में खराबी की स्थिति का पता लगाया जाता है तो वह वाकी टाकी पर या अन्य उपलब्ध संचार के साधन द्वारा लोको पायलट को तुरंत सूचित करेगा ऐसी सूचना प्राप्त होने पर लोको पायलट उपरोक्त के अनुसार कार्यवाही करेगा।
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