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केवल एक गाड़ी पद्धति

केवल एक गाड़ी पद्धति

यह कार्य संचालन पद्धति सामान्यतया सिंगल लाइन की छोटी-छोटी टर्मीनल ब्रान्च लाइन सेक्शनो ं पर लागू की जाती है। जिन सेक्शन मे  यह पद्धति लागू की जाती है वहाँ एक समय में एक ही गाड़ी भेजी जा सकती है। इस पद्धति मे  गाड़ियों का संचालन सामान्यतया दिन के समय ही होता है। आपात स्थिति मे  रात के समय अधिकृत अधिकारी की अनुमति से गाड़ी चलाई जा सकती है।

इस पद्धति मे  जिस मेन लाइन के स्टेशन से ब्रान्च लाइन निकल रही हो उसे ‘बेस स्टेशन’ कहते  है। तथा अन्तिम स्टेशन को ‘टर्मीनल स्टेशन’ कहते हैं इन दोनो  मुख्य स्टेशनों के अतिरिक्त बीच मे ं फ्लेग स्टेशन होते है  जहाँ गाड़ी समय सारिणी के अनुसार रुकती है व गार्ड के हैंड सिगनलो  पर चलती है। बेस स्टेशन से गाड़ी चलाने के लिए लोको पायलट को प्रस्थान आदेश के रूप मे ं 100 मि.मी. ग 75 मि.मी. साइज का पीतल का एक टोकन दिया जाता है, जिस पर बेस स्टेशन व टर्मीनल स्टेशन के नाम खुदे होते हैं। बेस स्टेशन का स्टेशन मास्टर अपने नाॅन-इन्टरलाॅक्ड चाबी बाॅक्स मे  रखता है। इसकी बाॅक्स मे  उपस्थिति संकेत देती है कि सेक्शन साफ है। इस टोकन के द्वारा सेक्शन मे गाड़ी, लाइट इंजन, मोटर ट्राॅली या माल ठेले को भेजा जा सकता है। गाड़ी को सेक्शन में भेजने के लिए स्टेशन मास्टर द्वारा टोकन गार्ड के माध्यम से लोको पायलट को दिया जाता है। इस टोकन के द्वारा लोको पायलट बेस स्टेशन से टर्मीनल स्टेशन तक अपनी गाड़ी के साथ जाकर वापस बेस स्टेशन आ सकता है।

टर्मीनल स्टेशन पर या तो गाड़ी को स्टेशन पर लेन े के लिए आगमन सिगनल होते हैं या पाॅइन्ट से 180 मीटर की दूरी पर एक  बोर्ड लगा होता है। लोको पायलट को अपनी गाड़ी इस बोर्ड पर रोकनी चाहिए व वहाँ से तभी आगे बढ़ानी चाहिए जब पाॅइन्ट के पास सक्षम रेल कर्मचारी उसे आगे बढ़ने का संकेत दिखाए। कर्मचारी न मिलने पर लोको पायलट को पाॅइन्ट तक सावधानीपूर्वक जाकर पाॅइन्ट का प्लेटफाॅर्म लाइन के लिए लगा होना सुनिश्चित करने के बाद ही स्टेशन पर जाना चाहिए। स्टेशन पहुँचकर लोको पायलट अपना टोकन वहाँ उपस्थिति स्टेशन मास्टर को सौंप देगा व वहाँ उपलब्ध पुस्तिका मे  समय लिखकर हस्ताक्षर करे देगा। यदि रेलवे प्रशासन ने वहाँ स्टेशन मास्टर उपलब्ध न कराया हो तो बेस स्टेशन के स्टेशन संचालन नियम में बताए अनुसार या तो गार्ड को सौंप देना चाहिए या स्वयं के पास ही रखना चाहिए। गाड़ी संचालन से सम्बन्धित रिकाॅर्ड रखने हेतु बेस स्टेशन व टर्मीनल स्टेशन पर निर्धारित प्रारूप मे  एक-एक पुस्तिका रखी जाती है जिसके काॅलम निम्नलिखित हैं - 

टोकन खो जाना

यदि कभी टोकन खो जाए तो इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर सम्बन्धित अधिकारी को भेजी जाती है व तब तक गाड़ियों का संचालन करते समय लोको पायलट को पेपर पर प्राधिकार बनाकर दिया जाता है। इस पेपर प्राधिकार पर नम्बरिंग होगी। प्रथम दिन 1 व इसी प्रकार आगे।

मोटर ट्राॅली का संचालन

जब सेक्शन में कोई अधिकारी मोटर ट्राॅली लेकर निरीक्षण या अन्य किसी उद्देश्य के लिए जाना चाहता है तो इस आशय के लिए स्टेशन मास्टर को लिखकर देगा। स्टेशन मास्टर उसमे  बताए गए समय मे  कोई गाड़ी को प्रभाव नहीं पड़ता हो तो मोटर ट्राॅली के इन्चार्ज को टोकन देकर सेक्शन में जाने के लिए अधिकृत कर सकता है। परन्तु जब मोटर ट्राॅली संचालन के समय मे  गाड़ी प्रभावित हो रही हो तो स्टेशन मास्टर बिना टोकन के लिखित मे  सेक्शन मे  जाने की अनुमति देगा परन्तु उस समय गाड़ी की संरक्षा की जिम्मेदारी मोटर ट्राॅली के इन्चार्ज की होगी। इसके लिए वह सेक्शन मे  जाने से पूर्व गाड़ी के समय को नोट कर लेगा। मोटर ट्राॅली के इन्चार्ज की जिम्मेदारी होगी कि उसे अपने द्वारा बताए गए समय मे  ही लौट जाना चाहिए ताकि गाड़ी विलम्बित न हो। काम समाप्ति के बाद यदि इन्चार्ज टोकन लेकर सेक्शन मे गया था तो सेक्शन गाड़ी संचालन के लिए संरक्षित है इस आशय के साथ टोकन स्टेशन मास्टर को सौंप देगा।

माल ठेले का संचालन

जब इंजीनियरिंग विभाग का प्रभारी व्यक्ति सेक्शन मे  किसी माल ठेले को ले जाना चाहता हो तो वह लिखित मे  स्टेशन मास्टर को देगा। जिसमें सेक्शन मे  काम करने का समय भी बताया जाएगा। स्टेशन मास्टर उसमे ं बताए गए समय मे  कोई गाड़ी प्रभावित न होती हो तो प्रभारी को टोकन देकर सेक्शन मे  काम करने की अनुमति दे देगा। परन्तु उसमें बताए गए समय में कोई गाड़ी प्रभावित होती हो तो स्टेशन मास्टर उसके प्रभारी को लिखित मे  सेक्शन मे  जाने की अनुमति देने से पूर्व यदि गाड़ी सेक्शन मे  हो तो टर्मीनल स्टेशन के स्टेशन मास्टर को उस गाड़ी के लोको पायलट को इस आशय का सतर्कता आदेश जारी करने का संदेश देगा। यदि गाड़ी माल ठेले के जाने के बाद बेस स्टेशन से जाने वाली हो तो स्टेशन मास्टर स्वयं उसे सतर्कता आदेश जारी करके सेक्शन मे ं भेजेगा। माल ठेले के प्रभारी को लिखित अनुमति दी जाएगी उसमे  स्टेशन मास्टर द्वारा लिखकर दिया जाएगा कि सेक्शन मे  आने/जाने वाली गाड़ी को सतर्कता आदेश जारी किया जाएगा। सेक्शन में प्रवेश करने से पूर्व माल ठेले के प्रभारी को गाड़ियों के टाइम टेबल की जानकारी ले लेनी चाहिए। माल ठेले के प्रभारी की जिम्मेदारी है वह अपने द्वारा बताए गए समय मे  ही सेक्शन क्लीयर कर दे तथा सेक्शन मे  माल ठेले का नियमानुसार बचाव करके चले। बचाव के लिए ब्राॅडगेज मे  600 मीटर व मीटरगेज/नेरोगेज में 400 मीटर की दूरी पर दो-दो कर्मचारी दोनो ं दिशाओं मे  बैनर फ्लेग लेकर चलेंगे तथा क्रमशः 1200 मीटर व 800 मीटर पर दोनों दिशाओं मे ं एक-एक कर्मचारी पटाखे व हाथ सिगनल के साथ चलेंगे। गाड़ी दिखाई देते ही या माल ठेले के रुकते ही बैनर फ्लेग वाले अपना बैनर फ्लेग लाइन के आर-पार लगा देंगे तथा पटाखे वाला कर्मचारी तुरन्त तीन पटाखे 10-10 मीटर के अन्तर पर लगाने के बाद खतरे का हाथ संकेत बताएगा। परिस्थिति के अनुसार जहाँ आवश्यक हो, गाड़ी को गुजारने के लिए माल ठेले को उतारकर गाड़ी को गुजारा जाएगा। जब माल ठेले का प्रभारी टोकन के साथ सेक्शन मे  काम करने गया हो तो काम समाप्ति पर वह टोकन वापस स्टेशन मास्टर को लौटा देगा व लिखित मे  एक प्रमाण पत्र देगा कि सेक्शन मे  लाइन पर किसी प्रकार की रुकावट नहीं है।

गाड़ी की दुर्घटना

केवल एक गाड़ी पद्धति मे  किसी गाड़ी की दुर्घटना हो जाए जिसमे  रोलिंग स्टाॅक भी प्रभावित हुआ हो और यात्रियों को चोट भी लगी हो तो गार्ड किसी जिम्मेदार रेल कर्मचारी या सहायक लोको पायलट को नजदीकी उस स्टेशन के स्टेशन मास्टर को सूचना देने हेतु भेजेगा जहाँ टेलीफोन सुविधा हो। यदि संभव हो तो गाड़ी के इंजन, पुश ट्राॅली या राज्य परिवहन बस या अन्य वाहन आदि का उपयोग भी सूचना देने हेतु किया जा सकता है। आसपास कहीं सार्वजनिक टेलीफोन की सुविधा हो तो उसका उपयोग करते हुए भी सूचना दी जा सकती है। गार्ड घायल यात्रियो  को प्राथमिक उपचार देगा व उनके लिए यथासंभव चिकित्सा सहायता का इंतजाम करेगा। इसके पश्चात वह किसी जिम्मेदार रेल कर्मचारी को गाड़ी का बचाव करने हेतु तैनात करेगा।

गाड़ी का इंजन खराब हो जाना

जब गाड़ी का इंजन खराब हो जाए या आगे बढ़ने मे  असमर्थ हो जाए तो लोको पायलट लिखित मे  गार्ड को सूचित करेगा एवं अपना प्राधिकार गार्ड को सौंप देगा। गार्ड, लोको पायलट को गाड़ी का प्रभारी रहने एवं इंजन को न हिलाने हेतु लिखित में देगा व उसके पावती स्वरूप हस्ताक्षर लेगा। तत्पश्चात् गार्ड नजदीकी उस स्टेशन पर जाएगा जहाँ सहायता मँगाने हेतु टेलीफोन की सुविधा हो। रास्ते मे  पुश ट्राॅली मिलती है तो गार्ड उसका उपयोग नजदीकी स्टेशन को सूचना देने हेतु करेगा। गार्ड के जाने के बाद लोको पायलट जिस दिशा से सहायता आने की संभावना हो उस दिशा मे  अपनी गाड़ी का नियम सं. 6.03 के अनुसार बचाव करवाने की व्यवस्था करेगा।
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