सम्पूर्ण ब्लाॅक पद्धति
जिन सेक्शनो में यह कार्य संचालन पद्धति लागू की जाती है वहाँ पूरे सेक्शन को ब्लाॅक स्टेशनों के द्वारा छोटे-छोटे ब्लाॅक सेक्शनो मे बांट दिया जाता है। हर दो ब्लाॅक स्टेशन के बीच का भाग ब्लाॅक सेक्शन कहलाता है, जिसमें कार्य पद्धति के अनुसार एक समय मे केवल एक ही गाड़ी चलाई जा सकती है। जिन सेक्शनों मे गाड़ियों का घनत्व कम होता है वहाँ ब्लाॅक सेक्शन लम्बे-लम्बे होते है व जैसे जैसे सेक्शन मे गाड़ियों का घनत्व बढ़ता जाता है, ब्लाॅक सेक्शन के बीच नए स्टेशन खोल कर उन्हें आवश्यकतानुसार छोटा किया जाता है। इस ब्लाॅक सेक्शन में गाड़ी को नियंत्रित करने के लिए स्टेशनो पर ब्लाॅक उपकरण लगाए जाते हैं जिस पर हर स्टेशन अपने आगे वाले स्टेशन से लाइन क्लीयर प्राप्त करता है, जिसे अगला स्टेशन लाइन क्लीयर देने की शर्तो का पालन करके स्वीकार करता है। तत्पश्चात् लोको पायलट को संचालन पद्धति के अनुसार प्रस्थान आदेश देकर ब्लाॅक सेक्शन मे भेजा जाता है। अगला स्टेशन उस गाड़ी को अपने स्टेशन पर सिगनल आॅफ करने की शर्तो ंका पालन करके सिगनल आॅफ करके लेता है। इसी प्रकार गाड़ी एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन व उससे आगे चलती रहती है। इस पद्धति के अन्तर्गत जब लाइन क्षमता से अधिक गाड़ियाँ सेक्शन मे हो जाती हैं तो सेक्शन को सिंगल लाइन से डबल लाइन मे बदल दिया जाता है, जिससे क्राॅसिंग में लगने वाले समय की बचत होती है जिसके परिणामस्वरूप लाइन क्षमता में वृद्धि होती है। इस पद्धति के अन्तर्गत बनाए जाने वाले ‘ए’, ‘बी’ व ‘सी’ क्लास ब्लाॅक स्टेशनों पर गाड़ियों के संचालन की विस्तृत प्रक्रिया का वर्णन आगे किया गया है।
सम्पूर्ण ब्लाॅक पद्धति की आवश्यक बातें
जहाँ गाड़ियों का संचालन सम्पूर्ण ब्लाॅक पद्धति के अनुसार किया जाता है, वहाँ -
- कोई भी गाड़ी किसी भी ब्लाॅक स्टेशन से तब तक रवाना नहीं की जा सकती जब तक कि अगले ब्लाॅक स्टेशन से लाइन क्लीयर प्राप्त न कर लिया जाए।
- डबल लाइन पर ऐसा लाइन क्लीयर तब तक नहीं दिया जाएगा, जब तक कि लाइन क्लीयर देने वाले ब्लाॅक स्टेशन पर लाइन प्रथम रोक सिगनल तक ही नहीं बल्कि उससे आगे पर्याप्त दूरी तक साफ न हो।
- सिंगल लाइन पर ऐसा लाइन क्लीयर तब तक नहीं दिया जा सकता जब तक कि लाइन क्लीयर देने वाले ब्लाॅक स्टेशन पर उसी दिशा से आने वाली गाड़ियों से लाइन केवल प्रथम रोक सिगनल तक ही नहीं बल्कि उससे आगे पर्याप्त दूरी तक साफ न हो और लाइन क्लीयर प्राप्त करने वाले स्टेशन की ओर आने वाली गाड़ियों से भी लाइन साफ न हो।
जब तक अनुमोदित विशेष अनुदेश द्वारा निर्देश नहीं दिए गए हो , उपरोक्त पर्याप्त दूरी दो संकेतीय सिगनल व्यवस्था में 400 मीटर तथा बहु संकेतीय सिगनल व्यवस्था में 180 मीटर से कम नहीं होगी।
‘ए’ क्लास डबल व सिंगल लाइन के ब्लाॅक स्टेशन पर लाइन क्लीयर देने की मुख्य शर्तें
- ‘ए’ क्लास स्टेशन पर किसी भी गाड़ी को तब तक लाइन क्लीयर नहीं दिया जाएगा जब तक कि -
- पहले आने वाली गाड़ी पूरी न आ गई हो।
- उस गाड़ी के लिए आॅफ किए गए सभी सिगनलों को पुनः आॅन स्थिति में न कर दिया गया हो।
- जिस लाइन पर गाड़ी को लिया जाना हो वह लाइन होम सिगनल से आगे 400 मीटर तक या स्टार्टर सिगनल तक साफ न हो।
- उस लाइन के सभी पाॅइन्ट सैट व फेसिंग पाॅइन्टो को तालित न कर दिया गया हो।
‘बी’ क्लास डबल व सिंगल लाइन के ब्लाॅक स्टेशन पर लाइन क्लीयर देने की मुख्य शर्तें ‘बी’ क्लास स्टेशन पर किसी गाड़ी को तब तक लाइन क्लीयर नहीं दिया जाएगा जब तक कि -
- पहले आने वाली गाड़ी पूरी न आ गई हो।
- उस गाड़ी के लिए आॅफ किए गए आवश्यक सिगनलों को पुनः आॅन स्थिति में न कर दिया गया हो।
- दो संकेतीय सिगनल व्यवस्था मे सिंगल लाइन पर आने वाली गाड़ी को अपेक्षित पड़ने वाले एडवान्स्ड स्टार्टर सिगनल या शंटिंग लिमिट बोर्ड या होम सिगनल या फेसिंग पाॅइन्ट तक लाइन साफ न हो तथा डबल लाइन में अपेक्षित पड़ने वाले होम सिगनल तक लाइन साफ न हो। बहु संकेतीय सिगनल व्यवस्था मे सिंगल लाइन पर आने वाली गाड़ी को अपेक्षित पड़ने वाले एडवान्स्ड स्टार्टर सिगनल या शंटिग लिमिट बोर्ड या फेसिंग पाॅइन्ट तक तथा डबल लाइन पर अपेक्षित फेसिंग पाॅइन्ट या ब्लाॅक सेक्शन लिमिट बोर्ड तक लाइन साफ न हो।
‘सी’ क्लास डबल व सिंगल लाइन के ब्लाॅक स्टेशन पर लाइन क्लीयर देने की मुख्य शर्तें ‘सी’ क्लास स्टेशन पर किसी गाड़ी को तब तक लाइन क्लीयर नहीं दिया जाएगा जब तक कि -
- पहले आने वाली गाड़ी होम सिगनल से 400 मीटर आगे न निकल गई हो व उसकी यात्रा आगे जारी न हो।
- उस गाड़ी के लिए आॅफ किए गए सभी सिगनल पुनः आॅन स्थिति मे न कर दिए गए हो ।
- लाइन होम सिगनल से आगे 400 मीटर तक साफ न हो।
लाइन क्लीयर देने की सहायक शर्तें
- पहले आने वाली गाड़ी पूरी आ चुकी है, इसे सुनिश्चित करने के लिए स्टेशन मास्टर, स्टेशन पर रुकने वाली गाड़ी के गार्ड के पास सक्षम रेल कर्मचारी को ट्रेन इन्टेक्ट रजिस्टर देकर भेजेगा।गार्ड उसमें हस्ताक्षर करने से पहले यह सुनिश्चित करेगा कि उसकी गाड़ी पूरी है व फाउलिंग मार्क साफ करके खड़ी है। इसके पश्चात् वह उस रजिस्टर में गाड़ी आगमन का समय लिखकर स्ताक्षर करेगा। इसके बाद वह स्टेशन मास्टर को दिन के समय हरी झंडी व रात के समय हरी त्ती से हाथ को पूरा खोलकर तीन बार गोलाकार घुमाकर संकेत देगा। इस संकेत को देखकर स्टेशन मास्टर समझ जाएगा कि गाड़ी पूरी आ चुकी है और वह ब्लाॅक उपकरण पर ‘ट्रेन आउट
- आॅफ सेक्शन’ संकेत दे देगा तथा अन्य कोई गाड़ी आने वाली हो तो उसे लाइन क्लीयर भी दे देगा परन्तु आगमन सिगनल आॅफ नहीं करेगा, जब तक कि ट्रेन इन्टेक्ट रजिस्टर वापस न आ जाए व स्टेशन मास्टर उसमें देखकर यह सुनिश्चित न कर ले कि गार्ड द्वारा कोई असामान्य टिप्पणी तो नहीं लिखी गई है जिससे अगली गाड़ी की संरक्षा प्रभावित होती हो। इसी प्रकार स्टेशन मास्टर जो गाड़ी स्टेशन से रनिंग थ्रू जाने वाली हो उसके लोको पायलट व गार्ड के साथ आॅल राइट संकेत का आदान प्रदान करते समय उसके आखरी डिब्बे पर लगे टेल बोर्ड/टेल लैम्प को देखकर सुनिश्चित करेगा कि गाड़ी पूरी आ चुकी है।
- जो सिगनल गाड़ी के लिए आॅफ किए गए थे वे वापस आॅन स्थिति मे हो गए हैं, इसे सुनिश्चित करने के लिए स्टेशन मास्टर भुजावाले सिगनलों मे दिन के समय सिगनल की भुजा व रात के समय उसकी बैक लाइट को देखेगा। जो भुजावाले सिगनल गोलाई के कारण दिखाई नहीं देते हैं, ऐसे सिगनलों की स्थिति इलेक्ट्रिक रिपीटर द्वारा पता करेगा तथा कलर लाइट सिगनलों मे आॅन स्थिति स्टेशन पर लगे इन्डीकेटरों के द्वारा मालूम करेगा।
- स्टेशन मास्टर/स्विचमेन अपने टी.एस.आर./टी.एम.आर. को देखकर यह सुनिश्चित करे ंगे कि ब्लाॅक सेक्शन मे कोई गाड़ी नहीं है तथा ब्लाॅक उपकरण ‘लाइन क्लोज्ड’ स्थिति बता रहे हैं।
- सभी सिगनलों के लैम्प रात व धुन्ध/कोहरे के समय तेज व स्पष्ट जल रहे हैं। यदि उन्हेंजलाए रखना सम्भव न हो तो खराब माना जाएगा।
- बी’ क्लास सिंगल लाइन के स्टेशन पर उस दिशा का शंटिग टोकन स्टेशन मास्टर के पास होना चाहिए।
- जहाँ अगले ब्लाॅक सेक्शन में ‘एडी’ टाइप का एडवान्स सेक्शन हो और वहाँ किसी गाड़ी को भेजा हुआ हो तो पिछले स्टेशन को तभी लाइन क्लीयर दिया जाएगा जबकि वो गाड़ी अगले ब्लाॅक स्टेशन पर पहुँच जाए।
- आँधी/धुन्ध/कोहरे के समय जिन स्टेशनों पर पटाखे लगवाना आवश्यक हो वहाँ फाॅग सिगनलमेन को पटाखा सिगनलों के साथ स्टेशन के प्रथम रोक सिगनल के बाहर पटाखे लगाने के लिए भेज दिया जाएगा तथा सुनिश्चित किया जाएगा कि स्टेशन के सभी सिगनल जो रात के समय जलाए जाते हैं वे दिन मे भी जला दिए गए हैं।
निम्नलिखित परिस्थितियों में भी पिछले स्टेशन को सतर्कता आदेश जारी करने हेतु संदेश दिया जाएगा व उसकी पावती प्राइवेट नम्बर के साथ प्राप्त की जाएगी -
- जब गाड़ी को अवरुद्ध लाइन पर लेना हो।
- जब गाड़ी को खराब पाॅइन्ट पर लेना हो।
- जब किसी गाड़ी के लोको पायलट को ब्लाॅक सेक्शन मे लाइन पर असामान्य झटका लगा हो और उसने इसकी सूचना स्टेशन मास्टर को लिखित मे दी हो तो उस सेक्शन में जाने वाली अगली गाड़ी को।
- पेट्रोलमेन सेक्शन मे ओवरड्यू हो जाने पर।
- कलर लाइट सिगनल ब्लेंक आॅफ हो जाने पर।
- डबल लाइन सेक्शन पर पास वाली लाइन पर कोई क्रेन कार्य कर रही हो।
- डबल लाइन सेक्शन पर पास वाली लाइन पर कोई गाड़ी बिना टेल लैम्प/टेल बोर्ड के गुजरी हो।
- डबल लाइन सेक्शन मे पास वाली लाइन पर कोई गाड़ी खतरनाक स्थिति जैसे - हाॅट एक्सल, गाड़ी से सामान गिरना, कोई भाग लटक रहा हो या गाड़ी मे आग लगी हो आदि मे गुजरी हो।
निम्नलिखित परिस्थितियों में गाड़ी रवाना करने से पूर्व सतर्कता आदेश जारी किया जाएगा -
- डबल लाइन सेक्शन मे कोई गाड़ी ओवरड्यू हो जाने पर पास वाली लाइन पर जाने वाली गाड़ी को।
- डबल लाइन सेक्शन पर यदि किसी गाड़ी का भाग ब्लाॅक सेक्शन में स्वेच्छापूर्वक छोड़ा गया हो तो पास वाली लाइन पर जाने वाली गाड़ी को।
- उपरोक्त के अतिरिक्त स्टेशन संचालन नियम मे कोई शर्त बताई गई हो तो उसका भी पालन किया जाएगा।
होम सिगनल आॅफ करने की शर्तें
- किसी भी ब्लाॅक स्टेशन पर होम सिगनल आॅफ करने से पूर्व स्टेशन मास्टर को सुनिश्चित करनाचाहिए, कि -
- वह लाइन जिस पर गाड़ी को लेना हो, साफ व बेरुकावट है।
- उस लाइन के सभी फेसिंग व ट्रेलिंग पाॅइन्ट जिन पर से गाड़ी गुजरेगी, सही सेट हैं व फेसिंग पाॅइन्ट तालित हैं। जहाँ मोटर आॅपरेटेड पाॅइन्ट हो वहाँ ट्रेलिंग पाॅइन्ट का तालित होना भी अनिवार्य है।
- जिस लाइन पर गाड़ी ली जा रही हो, वह लाइन डबल लाइन पर स्टार्टर सिगनल से आगे व सिंगल लाइन पर ट्रेलिंग पाॅइन्ट से आगे पर्याप्त दूरी तक साफ है।
- उपरोक्त पर्याप्त दूरी जब तक अनुमोदित विशेष अनुदेशो के अन्तर्गत न बताया गया हो, दो संकेतीय सिगनलिंग व्यवस्था मे 180 मीटर व बहु-संकेतीय सिगनलिंग व्यवस्था मे 120 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए। जब यह पर्याप्त दूरी लूप लाइन पर अनुमोदित सैन्ड हम्प मे दी जा रही हो तो लाइन उस डेन्ड एन्ड तक साफ है।
- सिगनल ओवरलैप तक रास्ते मे कोई समपार फाटक पड़ता है तो वह बन्द व तालित है।
- उस लाइन से सम्बन्धित रिलीज चाबी उसके पास आ गई है, जिसकी प्रविष्टि उसके द्वारा टी. एस.आर. मे कर दी गई है।
- पाॅइन्ट व ट्रेप इन्डीकेटर लाइन के अनुसार सही स्थिति बता रहे हैं।
- जिस लाइन पर गाड़ी को लिया जाने वाला हो व उसके पास वाली लाइन को आइसोलेट नहीं किया गया हो तो उस लाइन पर चल रहे शंटिंग कार्य को रुकवा दिया गया हो।
- यदि कोई क्रेन स्टेशन पर कार्य कर रही हो जिससे आने वाली गाड़ी को कोई खतरा उत्पन्न हो सकता हो तो सिगनल आॅफ करने से पूर्व क्रेन के काम को बन्द करवाकर उसकी जिब को लाइन के समानान्तर कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में क्रेन प्रभारी से लिखित प्रमाण पत्र ले लिया जाना चाहिए।
- सी’ क्लास स्टेशन पर होम सिगनल आॅफ करने से पूर्व अगले ब्लाॅक स्टेशन से लाइन क्लीयर प्राप्त कर लिया गया है।
इन्टरलाॅक्ड स्टेशन पर निम्न शर्तो का भी पालन कर लिया गया है -
- जहाँ एक ही केबिन हो तो स्टेशन मास्टर को लाइन नोमीनेशन हेतु तथा सिगनल आॅफकरने हेतु प्राइवेट नम्बर का आदान प्रदान कर लिया हो।
- जहाँ दो या दो से अधिक केबिन हो वहाँ स्टेशन संचालन नियम के अनुसार नामित लाइन के लिए प्राइवेट नम्बर का आदान प्रदान ट्रेलिंग सिरे की केबिन से व स्टेशन मास्टर से कर लिया गया हो तथा केबिन से स्लाॅट कन्ट्रोल व स्टेशन से स्लाइड कन्ट्रोल (जहाँ उपलब्ध हो) प्राप्त कर लिया गया हो।
नाॅन-इन्टरलाॅक्ड स्टेशन पर निम्न शर्तो का भी पालन कर लिया गया हो -
- जहाँ लाइन लेबल व पाॅइन्ट्समेन बैजेस का उपयोग हो रहा हो वहाँ सही पाॅइन्ट्समेन बेज स्टेशन मास्टर के पास आ गया हो।
- नाॅन-इन्टरलाॅक्ड पेडलाॅक्ड स्टेशन पर ट्रेलिंग व फेसिंग पाॅइन्ट पर मौजूद पाॅइन्ट्समेन से आॅल राइट संकेत मिला लिया गया हो। ऐसे स्टेशन पर फेसिंग पाॅइन्ट का मेनिंग होना अनिवार्य है।
- की-लाॅक्ड स्टेशन पर सम्बन्धित पाॅइन्ट की चाबी स्टेशन मास्टर के पास आ गई हो।
- जहाँ शंटिग जमादार या पाॅइन्ट जमादार नहीं हो , वहाँ फेसिंग पाॅइन्ट का स्टेशन मास्टर द्वारा व्यक्तिगत निरीक्षण कर लिया हो।
- जहाँ शंटिग जमादार या पाॅइन्ट जमादार नहीं हो, वहाँ यदि दो गाड़ियों का क्राॅसिंग करना हो और उनमें से एक गाड़ी सवारी हो तो दूसरी गाड़ी के लिए स्टेशन मास्टर द्वारा फेसिंग पाॅइन्ट का व्यक्तिगत निरीक्षण कर लिया हो।
- इनके अतिरिक्त स्टेशन संचालन नियम मे कोई अन्य शर्त बताई गई हो तो उसका भी पालन कर लिया गया हो।
आउटर सिगनल आॅफ करने की शर्तें
आउटर सिगनल को होम सिगनल आॅफ करने के पश्चात् ही आॅफ किया जा सकता है। यदि होम सिगनल खराब हो जाए तो आउटर सिगनल को भी खराब माना जाता है। आउटर सिगनल से होम सिगनल तक लाइन पर कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए।
वार्नर सिगनल आॅफ करने की शर्तें
- किसी भी स्टेशन के वार्नर सिगनल को तब ही आॅफ किया जाता है जबकि गाड़ी को स्टेशन की मेन लाइन से रनिंग थ्रू भेजना हो।
- वार्नर सिगनल को तभी आॅफ किया जा सकता है जब अगले ब्लाॅक स्टेशन से लाइन क्लीयर प्राप्त कर लिया हो, मेन लाइन से सम्बन्धित सभी पाॅइन्टो को सही लगा दिया गया हो व फेसिंग पाॅइन्ट को लाॅक कर दिया गया हो, प्रस्थान सिगनल यदि हो तो उन्हें मेन लाइन के लिए आॅफ कर दिया गया हो तथा टे जीबल (वस्तुरूपी) प्रस्थान आदेश लोको पायलट को देने के लिए निर्धारित स्थान पर तैयार हो।
अन्तिम रोक सिगनल को आॅफ करने की शर्तें
किसी भी स्टेशन का अन्तिम रोक सिगनल तभी आॅफ किया जा सकता है जबकि ब्लाॅक उपकरण पर अगले ब्लाॅक स्टेशन से लाइन क्लीयर प्राप्त कर लिया गया हो।
मध्यवर्ती ब्लाॅक पोस्ट के होम सिगनल को आॅफ करने की शर्ते ं
मध्यवर्ती ब्लाॅक पोस्ट के होम सिगनल को तभी आॅफ किया जा सकता है जबकि पिछले ब्लाॅक स्टेशन के स्टेशन मास्टर ने अगले ब्लाॅक स्टेशन से लाइन क्लीयर प्राप्त कर लिया हो।
गेट रोक सिगनल को आॅफ करने की शर्तें
किसी भी गेट रोक सिगनल को तभी आॅफ किया जा सकता है जबकि उस गेट को सड़क यातायात के लिए बन्द व तालित कर दिया गया हो व समपार पर किसी भी प्रकार की रूकावट न हो। जहाँ गेट रोक सिगनल स्टेशन के रोक सिगनलों के साथ इन्टरलाॅक्ड हो वहाँ विशेष अनुदेशों के अन्तर्गत गेट सिगनल को संचालित किया जाएगा।
काॅलिंग आॅन सिगनल को आॅफ करने की शर्तें
काॅलिंग आॅन सिगनल को आॅफ करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लाइन से सम्बन्धित सभी पाॅइन्ट सेट कर दिए गए हैं व फेसिंग पाॅइन्ट को तालित कर दिया गया है। उसके पश्चात् काॅलिंग आॅन ट्रेक सर्किट से सम्बन्धित इंडीकेशन से यह सुनिश्चित करके कि गाड़ी खड़ी हो गई है, काॅलिंग आॅन सिगनल आॅफ किया जाएगा।
गाड़ी के लिए सिगनल आॅफ करने से सम्बन्धित अन्य निर्देश
- सामान्यतया किसी गाड़ी के संभावित आगमन के समय से अधिकतम 10 मिनट से पूर्व सिगनल आॅफ नहीं करवाये जाने चाहिए।
- सिगनल आॅफ करने के पश्चात् उन सिगनलों को किसी गाड़ी के साथ क्राॅसिंग या अन्य किसी गाड़ी को प्राथमिकता देने के लिए या अन्य किसी साधारण कारण से आॅन नहीं किए जाने चाहिए। परन्तु केवल आपातकाल मे (केवल दुर्घटना को बचाने के लिए) उन्हें आॅन स्थिति मे किया जा सकता है।
- प्रस्थान सिगनल आफ करने के पश्चात् किसी विशेष परिस्थिति मे उन्हें आॅन स्थिति मे करना हो तो गाड़ी के लोको पायलट व गार्ड को लिखित में सूचित करके उसकी पावती प्राप्त की जाएगी तथा उसके पश्चात् उसे आन स्थिति में किया जा सकेगा। यदि प्रस्थान आदेश भिजवा दिया गया है तो उसे भी वापस ले लिया जाएगा। उपरोक्त लिखित अनुमति जहाँ गाड़ियों का प्रस्थान पावर सिगनल एवं रूट रिले यार्ड मे टाइम रिलीज द्वारा होता है, वहाँ लोको पायलट को लिखित सूचना देना आवश्यक नहीं है।
- किसी भी परिस्थिति में निर्धारित तरीके के अतिरिक्त अन्य किसी तरीके से किसी भी सिगनल को आॅफ नहीं किया जाना चाहिए।
- दो संकेतीय सिगनल व्यवस्था मे होम सिगनल को आउटर सिगनल से पहले आॅफ किया जाएगा।
- आफ किए गए सिगनल उनके लीवर, स्लाइड, डिटेक्टर लीवर इत्यादि गाड़ी गुजरने के बाद निर्देशित सामान्य स्थिति में कर दिए जाने चाहिए।
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