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अनुगामी गाड़ी पद्धति

अनुगामी गाड़ी पद्धति

आवश्यक बातें
जहाँ गाड़ियों का संचालन अनुगामी गाड़ी पद्धति के अनुसार किया जाता है वहाँ उन्हें एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन के लिए एक के बाद एक लगातार उसी दिशा में उसी लाइन पर ऐसी रीति और समय के ऐसे अन्तर से भेजा जाएगा जैसा कि विशेष अनुदेशों द्वारा निर्धारित किया जाए।
  • गाडियाँ अनुगामी गाड़ी पद्धति के अनुसार तब तक नहीं चलाई जाएगी जब तक कि अगले ब्लाॅक स्टेशन के स्टेशन मास्टर ने गाडियाँ लेने की तैयारी के बाबत संदेश का आदान-प्रदान नहीं कर लिया है और इसके अतिरिक्त जब तक यह आश्वासन नहीं दे दिया है कि जिस स्टेशन से अनुगामी गाडियाँ भेजी जाएगी, उस ओर वह तब तक कोई गाड़ी नहीं भेजेगा जब तक कि वे सब अनुगामी गाडियाँ उसके स्टेशन पर पहुँच नहीं जाती और जब तक कि उसे विपरीत दिशा में गाडियाँ भेजने की अनुमति नहीं मिल जाती।
  • जब किसी ब्लाॅक सेक्शन में अपरिहार्य कारणो  से रनिंग समय बहुत अधिक लगता हो और सामान्य संचालन मे  परेशानी आ रही हो तो वहां मुख्य परिचालन प्रबंधक की अनुमति से अनुगामी गाड़ी पद्धति लागू की जा सकती है।
  • यह पद्धति घने कोहरे या तुफानी मौसम मे  लागू नहीं की जायेगी।
  • जब रेल के किसी भाग पर अनुगामी गाड़ी पद्धति आरंभ की जाती है तब उसकी रिपोर्ट रेल संरक्षा आयुक्त को भेजी जाएगी।
गाडियों के संचालन के लिए शर्तें
  • अनुगामी गाड़ी पद्धति चालू करने पर निम्नलिखित शर्तो  का पालन किया जाएगा, अर्थात् -
  • कोई गाड़ी तब तक प्रस्थान नहीं करेगी जब तक लोको पायलट को इस प्रयोजन के लिए निर्धारित प्रारूप में लिखित प्रस्थान प्राधिकार नहीं दे दिया जाता है और उससे उसकी लिखित पावती नहीं मिल जाती। यदि गाड़ी का उस स्टेशन पर रुकना निर्धारित नहीं है तो उसको इस प्रयोजन के लिए रोका जाएगा।
  • प्रस्थान प्राधिकार मे , अगले रुकने वाले स्टेशन का नाम, निर्धारित गति और उससे पहले जाने वाली गाड़ी के छूटन  के वास्तविक समय का उल्लेख किया जाएगा।
  • आगे जाने वाली हर गाड़ी के लोको पायलट और गार्ड को इस बात की सूचना दी जाएगी कि उनके पीछे एक अनुगामी गाड़ी चलेगी तथा इस बात की भी सूचना दी जाएगी की वह अनुगामी गाड़ी लगभग कितने समय बाद प्रस्थान करेगी।
  • किसी स्टेशन से कोई अनुगामी गाड़ी तब तक नहीं चलेगी जब तक कि उससे पहले वाली गाड़ी को प्रस्थान किये कम से कम 15 मिनट का समय निर्धारित ऐसा कम समय अंतराल बीत नहीं गया है।
  • पहली गाड़ी के पीछे चलने वाली सभी गाड़ियाँ समान गति से चलाई जाएगी और यह गति 25 कि.मी.प्र.घं. से अधिक नहीं होगी।
  • अगले ब्लाॅक स्टेशन को प्रत्येक गाड़ी के प्रस्थान का वास्तविक समय और पिछले ब्लाॅक स्टेशन को हर गाड़ी के पहुँचने का वास्तविक समय तत्काल सूचित किया जाएगा।
  • किन्ही दो ब्लाॅक स्टेशनों के बीच एक ही समय मे  चलने वाली अनुगामी गाडियों की संख्या स्टेशन दूरी के प्रत्येक 5 किलोमीटर के लिए एक गाड़ी से अधिक नहीं होगी तथा जब तक विशेष अनुदेशों द्वारा अनुमति नहीं मिल जाती तब तक, चाहे स्टेशनों के बीच की दूरी कितनी भी क्यों न हो, इन गाड़ियों की संख्या 4 से अधिक नहीं होगी।
  • अनुगामी गाड़ी पद्धति लागू करने से पहले सुपरवाईजर द्वारा संबंधित नियमो  एवं अपनाई जाने वाली सभी सावधानियाँ स्टेशन कर्मचारियों एवं रनिंग कर्मचारियों को समझाई जायेगी। अनुगामी गाड़ी पद्धति मे  गाड़ियों के संचालन का सुपरविजन अधिकारी के द्वारा किया जायेगा।
  • सवारी गाड़ी किसी अन्य गाड़ी को फोलो नहीं करेगी एवं कोई अन्य गाड़ी सवारी गाड़ी को फोलो नहीं करेगी। वह अपनी निर्धारित गति से चलेगी।

प्रस्थान प्राधिकार
  • लोको पायलट या गार्ड को प्रस्थान प्राधिकार देना
  • गार्ड या लोको पायलट को प्रत्येक प्रस्थान प्राधिकार स्टेशन मास्टर अथवा विशेष अनुदेशों के अधीन इस काम के लिए नियुक्त किसी अन्य रेल सेवक द्वारा दिया जाएगा।
  • जब प्रस्थान प्राधिकार लोको पायलट को दिया जाता है तो उसकी एक डुप्लीकेट प्रति गार्ड को भी दी जाएगी।
  • यदि प्रस्थान प्राधिकार गार्ड को दिया जाता है तो गार्ड द्वारा स्वयं लोको पायलट को सौप दिया जाएगा अथवा उस पर गार्ड के हस्ताक्षर होने के बाद या तो स्टेशन मास्टर अथवा विशेष अनुदेशों द्वारा इस काम के लिए नियुक्त किसी अन्य रेल सेवक द्वारा लोको पायलट को सौप दिया जाएगा।

लोको पायलट को प्रस्थान प्राधिकार तब तक नहीं दिया जाएगा जब तक कि-
  • उसकी गाड़ी प्रस्थान करने के लिए तैयार नहीं है,
  • यदि उसकी गाड़ी किसी दूसरी गाड़ी को पास करने के लिए प्रतीक्षा कर रही है तो जब तक बाद वाली गाड़ी संपूर्ण अंदर नहीं आ जाती है और उसकी गाड़ी के लिए परिचालित लाइन पूरी तौर से साफ नहीं हो जाती है।
  • प्रस्थान प्राधिकार को तैयार करने की जिम्मेदारी
  • जब लोको पायलट को प्रस्थान प्राधिकार सौंपा जाता है तो स्टेशन मास्टर यह देखेगा कि वह इस प्रयोजन के लिए निर्धारित प्रारूप मे  सही-सही भरा गया है और उस पर स्याही से पूरे हस्ताक्षर किये गये है।
  • यदि लोको पायलट को प्रस्थान प्राधिकार दिया जाता है तो वह सुनिश्चित करेगा कि उसे दिया गया प्रस्थान प्राधिकार निर्धारित प्रारूप में सही और पूरी तरह तैयार किया गया ह ै और वह तब तक अपनी गाड़ी लेकर आगे नहीं बढेगा जब तक कि उसमे  कोई त्रुटि थी तो उसे सुधार नहीं दिया गया है।
  • यदि गाड़ी के गार्ड को प्रस्थान प्राधिकार दिया जाता है तो लोको पायलट को सौंपने से पहले वह भी इसी तरह देख लेगा कि इसमे  कोई त्रुटि/कमी तो नहीं है।

आती हुई गाड़ी के मार्ग में अवरोध
  • जब तक यह संचालन पद्धति लागू है तब तक किसी आती हुई गाड़ी के मार्ग मे  सबसे बाहरी फेसिंग पाॅइंट के बाहर लाइन को अवरूद्ध नहीं किया जाएगा।
संचालन की समाप्ति

यह निश्चय कर लेने  पर की उसी दिशा मे  और अनुगामी गाड़िया नहीं भेजी जाएगी, स्टेशन मास्टर उसकी सूचना संदेश द्वारा अगले ब्लाॅक स्टेशन को भेजेगा। उसके बाद उन दोनों स्टेशनो  के बीच किसी भी दिशा मे  कोई और गाड़ी तब तक नहीं भेजी जाएगी जब तक की अंतिम गाड़ी अगले ब्लाॅक स्टेशन पर पहुँच नहीं जाती और उन दोनों स्टेशनों के बीच की लाइन साफ नहीं हो जाती।

गाड़ी का बचाव

जब कोई गाड़ी स्टेशनों के बीच रुक जाये और वह पंच मिनट से अधिक रुकती है या रुकने की संभावना है तो गाड़ी का बचाव किसी भी गेज में गार्ड द्वारा पीछे की और गाड़ी से 250 मीटर की दूरी पर एक पटाखा और 500 मीटर की दूरी पर 2 पटाखे लगाकर किया जाएगा, जो एक दूसरे से 10 मीटर दूर होगे।
यदि स्टेशनों के बीच रुकी हुई गाड़ी, दुर्घटना, खराबी, अवरोध अथवा अन्य किसी असाधारण कारण से आगे नहीं जा सकती है तो लोको पायलट भी आगे की और गाड़ी की उसी रीति से रक्षा करेगा जैसा कि गार्ड के लिए निर्धारित है।
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