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सिगनल खराब होने पर गाड़ियों का संचालन


आगमन रोक सिगनल खराब होने पर गाड़ियों का संचालन

जब किसी स्टेशन का आउटर, होम या राउटिंग सिगनल खराब हो जाए तो स्टेशन मास्टर निम्नलिखित कार्यवाही करेगा -
  • जब खराब रोक सिगनल के नीचे कालिंग आन सिगनल लगा हुआ हो तो गाड़ी उस सिगनल पर खड़ी होने के बाद स्टेशन मास्टर सभी आवश्यक शर्ते  पूरी करने के बाद कालिंग आन सिगनल आफ करके लोको पायलट को उसे पार करने के लिए अधिकृत करेगा।
  • जहाँ खराब रोक सिगनल के नीचे कालिंग आन सिगनल नहीं लगा हो, परन्तु अनुमोदित विशेष अनुदेशों के अन्तर्गत सिगनल पोस्ट टेलीफोन लगा हो तो लोको पायलट सिगनल पर गाड़ी खड़ी करने के बाद स्टेशन मास्टर से बात करेगा व स्टेशन मास्टर स्टेशन संचालन नियम में बताए अनुसार सभी शर्तें पूरी करने के पश्चात् लोको पायलट को उस सिगनल को आन में पार करने हेतु अधिकृत करेगा। इस हेतु स्टेशन पर रखे विशेष रजिस्टर में इसकी प्रविष्टि की जाएगी।
  • जिस स्टेशन पर उपरोक्त दोनों व्यवस्थाएं न हो वहाँ स्टेशन मास्टर खराब रोक सिगनल को आन स्थिति में पार करने हेतु लोको पायलट को नीचे बताए अनुसार निर्धारित प्राधिकार पत्र देगा/दिलवाएगा -पिछले या नामित स्टेशन से राक सिगनल को आन स्थिति मे  पार करने हेतु दिया जाने वाला प्राधिकार पत्र {टी 369(1)}:
यदि परिचालनिक आवश्यकता के मद्देनजर किसी स्टेशन के खराब आगमन रोक सिगनल के लिए प्राधिकार पत्र पिछले या नामित स्टेशन से जारी करवाना हो तो स्टेशन मास्टर निजी अंक के संदेश के द्वारा पिछले या पिछले नामित स्टेशन को सूचित करेगा। खराब हुए सिगनल की सूचना मिलने पर पिछले/पिछले नामित स्टेशन का स्टेशन मास्टर संदेश प्राप्ति की पावती देगा और जिस स्टेशन पर सिगनल खराब हुआ है उसके स्टेशन मास्टर को उस पहली गाड़ी का नम्बर बतायेगा जिसे खराब सिगनल हेतु प्राधिकार पत्र दिया जा रहा है और बाद में उस सिगनल के ठीक हो जाने की सूचना मिलने पर अंतिम गाड़ी का नम्बर बतायेगा। 

यदि आने वाली गाड़ी के लोको पायलट को सिगनल के खराब होने की सूचना और उस सिगनल को पार करने का प्राधिकार {टी-369(1)} पिछले/नामित स्टेशन से जारी कर दिया गया है तो कार्यरत स्टेशन मास्टर ऐसी गाड़ी को तब तक लाइन क्लीयर नहीं देगा जब तक कि सिगनल आफ करने की शर्ते पूरी नहीं हो जाती और एक सक्षम रेल कर्मचारी खराब रोक सिगनल के नीचे प्रोसीड हाथ सिगनल दिखाने के लिए नियुक्त नहीं कर दिया गया हो। 

ऐसी गाड़ी का लोको पायलट यदि सिगनल के नीचे सक्षम रेल कर्मचारी को प्रोसीड हैंड सिगनल के साथ देखता है तो वह उस खराब रोक सिगनल को आन स्थिति मे बिना रुके हुए अधिकतम 15 कि.मी.प्र.घं. की गति से पार करेगा। कर्मचारी के वहाँ उपलब्ध न होने पर लोको पायलट उस सिगनल को आन में पार नहीं करेगा।

टी-369(1) जारी करने के लिये नामित स्टेशन के सम्बन्ध में मंडल रेल प्रबंधक द्वारा परिपत्र जारी कर सर्वसंबंधित को सूचित किया जायेगा।

उसी स्टेशन से रोक सिगनल को आन स्थिति मे  पार करने हेतु दिया जाने वाला प्राधिकार पत्र {टी 369 (3बी)}:

यदि आने वाली गाड़ी के लोको पायलट को खराब आगमन रोक सिगनल हेतु प्राधिकार पत्र पिछले या नामित स्टेशन से जारी नहीं करवाया गया हो तो स्टेशन मास्टर उस खराब सिगनल को आफ करने की सभी शर्तें (पाइंट का निरीक्षण, क्लैम्पिंग व लाक करवाना) पूरी करने के बाद सक्षम रेल कर्मचारी के द्वारा खराब सिगनल के नीचे लोको पायलट को उस सिगनल को आन स्थिति मे  पार करने का लिखित प्राधिकार टी-369(3बी) भिजवायेगा, जिस पर लोको पायलट उस सिगनल को अधिकतम 15 कि.मी.प्र.घं. की गति से पार करते हुए स्टेशन पर पहुँचेगा। होम सिगनल के खराब होने की स्थिति मे  आउटर को भी खराब माना जायेगा।

प्रस्थान रोक सिगनल खराब होने पर गाड़ियों का संचालन

स्टार्टर सिगनल - जब किसी स्टेशन पर स्टार्टर सिगनल खराब हो जाए और यदि उस पर अनुमोदित विशेष अनुदेशों के अन्तर्गत कालिंग आन सिगनल लगा हुआ हो तो गाड़ी रवाना करने से पूर्व स्टेशन मास्टर द्वारा सभी शर्तें पूरी करने के बाद काग आन सिगनल आफ करके लोको पायलट को अधिकृत किया जाएगा। जहाँ स्टार्टर सिगनल के नीचे कालिंग आन सिगनल नहीं लगा हो वहाँ स्टेशन मास्टर सभी शर्ते   (पाइंट का निरीक्षण, क्लैम्पिंग व लाक करवाना) पूरी करने के पश्चात् लोको पायलट को खराब स्टार्टर सिगनल आन स्थिति में पार करने के लिए सक्षम रेल कर्मचारी द्वारा निर्धारित प्राधिकार पत्र भिजवाएगा जो प्राधिकार पत्र लोको पायलट को सौंपने से पूर्व इस बात को भी सुनिश्चित करेगा कि संबंधित लाइन के लिए पाॅइन्ट सही सेट है  व फेसिंग पाइन्ट, यदि हो तो, क्लैम्प व तालित है। साथ ही वह खराब स्टार्टर सिगनल के नीचे से प्रोसीड हैंड सिगनल भी दिखाएगा। लोको पायलट प्राधिकार मे  दर्शाई गति से खराब स्टार्टर सिगनल को पार करेगा।
एडवान्स्ड स्टार्टर सिगनल - स्टेशन से प्रस्थान करने वाली गाड़ी के लिए एडवान्स्ड स्टार्टर सिगनल ब्लाॅक उपकरण पर लाइन क्लीयर प्राप्त होने के बाद ही आफ किया जा सकता है। अतः कभी ऐसा भी हो सकता है कि लाइन क्लीयर ब्लाॅक उपकरण पर प्राप्त करने के बाद एडवान्स्ड स्टार्टर सिगनल खराब हो गया हो और कभी ऐसा भी हो सकता है कि ब्लाॅक उपकरण खराब होने के कारण एडवान्स्ड स्टार्टर सिगनल खराब हो। ऐसी परिस्थिति में स्टेशन मास्टर द्वारा लाइन क्लीयर प्राप्त करने के बाद इस बात का उल्लेख करते हुए लोको पायलट को गाड़ी चलाने के लिए आगे बताए अनुसार प्राधिकार दिए जाएंगे -

अनुमोदित विशेष अनुदेशो  के अन्तर्गत जहाँ एडवान्स्ड स्टार्टर सिगनल किसी पाॅइन्ट की रक्षा करता हो तो निर्धारित प्राधिकार के साथ एक सक्षम रेल कर्मचारी उस सिगनल के नीचे प्रोसीड हैंड सिगनल दिखाने के लिए भी तैनात किया जाएगा। प्रस्थान रोक सिगनल खराब होने पर प्राधिकार उसी स्टेशन से जारी किया जाता है।

वार्नर/डिस्टेन्ट सिगनल का आफ स्थिति में खराब हो जाना

जब किसी स्टेशन का डिस्टेन्ट सिगनल या अकेले खम्भे पर लगा हुआ वार्नर सिगनल आफ स्थिति मे  खराब हो जाए तो स्टेशन मास्टर को उसे आन स्थिति मे  करने की हर सम्भव कोशिश करनी चाहिए। यदि सभी कोशिश करने के बाद भी वह आन स्थिति मे न हो तो सिगनल के खराब होने की सूचना गाड़ियों के लोको पायलट को पिछले स्टेशन द्वारा उस सिगनल पर रुकने के लिए चेतावनी के रूप मे  दी जाएगी। सिगनल के नीचे स्टाॅप हैंड सिगनल दिखाने हेतु एक सक्षम रेल कर्मचारी को तैनात किया जाएगा। रात्रि के समय सिगनल की बत्ती या बत्तियों को बुझा दी जाएंगी और गाड़ी को पहले खड़ा करके सिगनल को पार करने के हेतु प्रोसीड विथ काॅशन हैड सिगनल दिखाया जाएगा। 

जब वार्नर सिगनल आउटर सिगनल के नीचे लगा हो और आफ स्थिति में खराब हो जाए तो आउटर सिगनल को भी खराब माना जाएगा। रात के समय वार्नर सिगनल की बत्ती को बुझा दिया जाएगा व केवल आउटर सिगनल की बत्ती को जला रहने दिया जाएगा। 

जब मध्यवर्ती ब्लाॅक पोस्ट का वार्नर या डिस्टेट सिगनल आफ स्थिति मे  खराब हो जाए तो मध्यवर्ती ब्लाॅक पोस्ट को भी खराब माना जाएगा व पूरे ब्लाॅक सेक्शन को एक ही मानते हुए गाड़ियों का संचालन किया जाएगा।

कलर लाइट सिगनल ब्लेंक आफ होना

जब किसी स्टेशन पर किसी भी कारण से कलर लाइट सिगनल ब्लेंक आफ हो जाए तो स्टेशन मास्टर को किसी भी गाड़ी को लाइन क्लीयर देने से पहले पिछले स्टेशन को प्राइवेट के नम्बर के आदान प्रदान के साथ लोको पायलट व गार्ड को इस आशय का सतर्कता आदेश जारी करने का संदेश देना चाहिए तथा एक सक्षम रेल कर्मचारी को पटाखा सिगनल व हैंड सिगनल के साथ प्रथम रोक सिगनल पर तैनात करना चाहिए जो कि आने वाली गाड़ी को खतरे का हैंड सिगनल दिखाएगा व आवश्यकता समझे जाने पर पटाखा लगाने के लिए तैयार रहेगा। 

कलर लाइट सिगनल ब्लेंक आफ दिखाई देने पर लोको पायलट के कर्तव्य - जब किसी गाड़ी के लोको पायलट को कलर लाइट सिगनल ब्लें क आफ दिखाई दे तो उसे अपनी गाड़ी उस सिगनल से पहले खड़ी कर देनी चाहिए तथा इसकी सूचना गार्ड को देने के लिए - 00 (एक लम्बी तथा दो छोटी) सीटी बजानी चाहिए। इसके पश्चात् उस सिगनल पर यदि ‘पी’ मार्कर लगा हो तो उसे परमीशीबल मानकर उसकी आन स्थिति का पालन करते हुए वह ऐसे गति से आगे बढ़गा ताकि आवश्यकतानुसार अगले सिगनल पर रुक सके। किसी कलर लाइट रोक सिगनल के ब्लेंक आॅफ स्थिति मे  मिलने पर उसे बिना प्राधिकार पार नहीं करना चाहिए। 

कलर लाइट सिगनल का फ्लिकरिंग/बाॅबिंग होना - जब कोई कलर लाइट सिगनल अपने संकेत बार-बार बदलता है या एक से अधिक संकेत एक साथ प्रदर्शित करता है तो ऐसे सिगनल को फ्लिकरिंग/बाॅबिंग सिगनल कहते हैं। ऐसे सिगनल का सबसे प्रतिबंधित संकेत का पालन करते हुए लोको पायलट को अपनी गाड़ी खड़ी कर देनी चाहिए और उसके संकेत को ध्यानपूर्वक देखना चाहिए व यदि सिगनल 60 सेकण्ड तक लगातार कोई एक संकेत प्रदर्शित करे तो उसका पालन करना चाहिए। यदि सिगनल लगातार फ्लिकरिंग/बाॅबिंग करे एव लगातार 60 सेकण्ड तक कोई एक संकेत नहीं दिखाए तो लोको पायलट ऐसे सिगनल को खराब मानते हुए उसके अनुसार आगे की कार्यवाही करेगा। यदि कोई लोको पायलट सिगनल के फ्लिकरिंग/बाॅबिंग करने के कारण गाड़ी को रोकते समय सिगनल से आगे निकल जाए तो उसे रुकने के बाद खतरे की सीटी बजाकर स्टेशन मास्टर व गार्ड का ध्यान आकर्षित करना चाहिए और लिखित मे  देना चाहिए कि वो किस परिस्थिति मे सिगनल को पार कर गया है। इस मीमो के मिलने के बाद स्टेशन मास्टर यदि संतुष्ट है कि सिगनल किसी खराबी के कारण लाल दिखा रहा है न कि किसी नियम की अनुपालना मे  प्रचालित किया गया है तो उसे मीमो के द्वारा आगे जाने व अगले रोक सिगनल का पालन करने हेतु अधिकृत करेगा। यदि सिगनल एक से अधिक आस्पेक्ट बता रहा है तो मैनुअल रोक सिगनल के मामले मे  उसे खराब मानते हुए नियमानुसार कार्यवाही तथा आटोमटिक सिगनल के मामले मे  सबसे ज्यादा प्रतिबंधित संकेत माना जाएगा। स्थाई सिगनल जहाँ उपलब्ध था और अब नहीं है तो उस सिगनल के सबसे प्रतिबंधित संकेत के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।

रात के समय भुजावाला आगमन रोक सिगनल आफ स्थिति में हो परन्तु उसकी बत्ती बुझी हुई हो जब किसी गाड़ी के लोको पायलट को रात के समय किसी स्टेशन के आगमन रोक सिगनल की बत्ती बुझी हुई दिखाई दे तो उसे अपनी गाड़ी उस सिगनल से पहले खड़ी कर देनी चाहिए तथा इसकी सूचना - 00 (एक लम्बी दो छोटी) सीटी बजाकर अपने गार्ड व स्टेशन कर्मचारियों को देनी चाहिए। तत्पश्चात् यदि सिगनल दिन की अवस्था के अनुसार आफ स्थिति बता रहा हो तो गार्ड से आल राइट सिगनल लेकर उसे पार कर लेना चाहिए व उस सिगनल से संबंधित बीच के सभी रोक सिगनलों का पालन करते हुए स्टेशन तक प्रतिबंधित गति से सावधानीपूर्वक आगे बढ़ते हुए स्टेशन मास्टर को इसकी सूचना देनी चाहिए। प्रस्थान रोक सिगनल की भुजा रात के समय आॅफ स्थिति में हो परन्तु बत्ती बुझी हुई हो तो लोको पायलट उसे तब तक पार नहीं कर सकता जब तक या तो उसे जला नहीं दिया जाए अथवा उसे जलाए नहीं रखा जा सकता हो तो जब तक उसके लिए निर्धारित प्राधिकार पत्र प्राप्त न हो जाए।

शंटिंग सिगनल का खराब होना

जब किसी स्टेशन पर कोई शंटिंग सिगनल खराब हो जाए तो स्टेशन मास्टर या यार्ड मास्टर द्वारा लोको पायलट को एक सादा लिखित मीमो दिया जाना चाहिए। जिसमें खराब शंटिंग सिगनल का वर्णन होगा। इसके आधार पर लोको पायलट सक्षम रेल कर्मचारी द्वारा हैंड सिगनल दिखाए जाने पर उस सिगनल को शंटिंग कार्य के लिए आॅन स्थिति में पार कर सकता है। यह सादा लिखित मीमो शंटिंग कार्य पूर्ण होने तक या शंटिंग सिगनल ठीक हो जाने तक या शंटिंग इंजन के लोको पायलट की ड्यूटी बदलने तक वैद्य रहेगा। इसके बाद यह मीमो स्टेशन मास्टर को लौटा दिया जाएगा। जिस स्टेशन पर एडवान्स्ड स्टार्टर सिगनल लगा हो और स्टार्टर सिगनल को इन्टरलाॅकिंग के कारण शंटि ग कार्य के लिए आॅफ नहीं किया जा सकता हो और यदि शंट सिगनल नहीं लगे हो तो ऐसे स्टार्टर को लोको पायलट हाथ सिगनल पर आन स्थिति में पार करने के लिए अधिकृत है।

स्टार्टर सिगनल को पार करके खड़ी हुई गाड़ी को रवाना करना

जब किसी भी कारण से स्टेशन पर किसी गाड़ी को स्टार्टर सिगनल से आगे बढ़ाया गया हो और उसे वहीं से रवाना करना हो तो स्टेशन मास्टर को उस सिगनल को आफ करने की सभी शर्ते  पूरी करने के बाद स्टार्टर सिगनल को आफ कर लोको पायलट और गार्ड को गाड़ी के लिए ‘आफ’ किए गए सिगनलों को देखते हुए लिखित में गाड़ी को रवाना करने की सूचना देगा यदि स्टार्टर सिगनल किसी ट्रेक सर्किट के जाम होने के कारण आफ नहीं किया जा सके तब गाड़ी रवाना करने की सभी शर्ते  पूरी करने के पश्चात् स्टेशन मास्टर द्वारा लोको पायलट व गार्ड को वहीं से गाड़ी रवाना करने की सूचना लिखित मीमो द्वारा देनी चाहिए।

सिगनलों के प्रति लोको पायलट की जिम्मेदारी

लोको पायलट प्रत्येक सिगनल पर जो दिखाई दे रहा है तुरन्त ध्यान देगा और उसका पालन करेगा। वह सिगनल पर ही पूर्ण विश्वास नहीं करेगा बल्कि सदैव चैकन्ना भी रहेगा।

यदि उसके इंजन से कोई पटाखा फूटता है या आगे किसी के द्वारा खतरे का सिगनल दिखाया जाता है तो लोको पायलट उस स्थान का किलोमीटर नोट करके गाड़ी को तुरन्त किसी रूकावट या खतरे से पहले रोकने के लिए तैयार रहते हुए सावधानीपूर्वक आगे बढ़ ेगा। यदि इस प्रकार आगे बढ़ते हुए 1.5 किलोमीटर तक यदि कोई और फटाखा नहीं फूटता है व न ही कोई खतरे का सिगनल दिखाता हुआ मिलता है तो लोको पायलट अपनी गाड़ी की गति को सामान्य कर लेगा व इसकी सूचना अगले स्टेशन पर देगा।

यदि धुध कोहरा या दृश्यता अस्पष्ट है तो गाड़ी कर्मीदल के सदस्य या गार्ड को गाड़ी के आगे-आगे पैदल भेजकर सतर्कतापूर्वक गाड़ी चलाई जाएगी। इस दौरान लगातार सीटी का उपयोग किया जाएगा। प्रथम रोक सिगनल से बाहर 270 मीटर दूरी पर दो पटाखे 10 मीटर के अन्तर पर फोड़ने पर गाड़ी को नियंत्रित करेगा तथा आने वाले स्थाई सिगनल की अनुपालना करने के लिए तैयार रहेगा।

जिन सेक्शन मे लोको पायलट को कार्य करना है वहाँ की संचालन पद्धति, उस सेक्शन के सिगनलों की स्थिति, गाड़ियों के संचालन को प्रभावित करने वाली अन्य स्थानीय परिस्थितियों से अपने आप को पूर्णतः परिचित रखना चाहिए। यदि उसका एल.आर. उस सेक्शन का नहीं है तो किसी ऐसे निरीक्षक/सक्षम कर्मचारी के मार्गदर्शन में गाड़ी का संचालन करेगा जिसको उस सेक्शन की कार्यप्रणाली के बारे मे  पूर्ण जानकारी है।


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