परिचालन नियंत्रण का संगठन
रेलवे बोर्ड स्तर पर यातायात बिभाग का संगठन
1. परिचालन दक्षता को प्राप्त करने के लिए यातायात के संचालन का लगातार पर्यवेक्षण किया जाता है.
2. उचित क्रासिंग एवं अग्रता देने के लिए गाड़ियों के संचालन की चार्टिंग की जाती है.
3. गाड़ियों के विलम्ब का विश्लेषण किया जाता है.
4. मालगाड़ियों को यथासंभव सबसे अच्छे पाथ पर चलाया जाता है.
5. मार्शलिंग यार्ड की गतिशीलता को बनाये रखा जाता है.
6. यार्ड के कंजेस्ट होने पर उसमे सुधार के उपाय किए जातें हैं.
7. लोडिंग,अनलोडिंग एवं ट्रांशिपमेंट वाले स्थान पर माल स्टाक के अनावश्यक विलम्ब को टाला जाता है.
8. संबंन्धित स्टेशनों के लिए माल स्टाक का अलाटमेंट और वितरण किया जाता है.
9. गाड़ियों के चलन से संबंन्धित सूचना टर्मिनल/ इंजन बदली वाले स्टेशन को देना ताकि वो आगे की योजना बना सकें.
10. पावर एवं ट्रेफिक ब्लाक के लिए समय निर्धारित करना.
11. इंजन, चलस्टाक तथा ट्रेन क्रू का पूरा-पूरा उपयोग करना.
12. गाड़ीकर्मी दल के रिलीफ की व्यवस्था करना.
13. असामान्य परिस्थितियों मे गाड़ी संचालन के लिए अनुदेश देना.
14. दुर्घटना होने पर त्वरित सहायता की व्यवस्था करना.
15. नजदीकी मंडल /रेलो के साथ सामंजस्य करके, समय सारणी बनाने मे मदद करना.
16. खण्ड मे पड़े क्षतिग्रस्त वाहनों का ध्यान रखना और उन्हें शीघ्र ठीक करवाना .
17. वाहनों के सेंसस की व्यवस्था करना.
18. स्टेशन एवं इंजी. स्टाफ को मौसम संबंन्धी चेतावनी देना तथा अन्य आवश्यक सावधानी बरतना.
19. सुनिश्चित करना कि गाड़ियों की सही मार्शलिंग की गयी है.
20. खंड के कर्मचारियों के कार्य मे अनियमितता पाये जाने पर उसमे तुरंत सुधार लाना तथा उनका मार्गदर्शन करना.
21. COA, FOIS,COIS,ICMS,तथा अन्य आई टी अनुप्रयोगों के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करना.
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