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ट्रेन कंट्रोल एव गाड़िया संचालन में कंट्रोल के जिम्मदारी

ट्रैन कंट्रोल (Train Control)

रेलवे में ट्रेन संचालन एवं कंट्रोल का कार्य SCOR व्दारा किया जाता है। मण्डल के प्रत्येक खंड के सबंधित नियंत्रक के पास उसके खंड से संबंधित मास्टर चार्ट होता है, जिसमें मेल/एक्स, सवारी गाड़ियों, मालगाड़ियों के पथ को दर्शाने हेतु विभिन्न रंगो चार्ट रहते है। 

यह मास्टर चार्ट खंड नियंत्रक को अग्रिम योजना बनाने में मदद करता है। ट्रैन कंट्रोल के माध्यम से गाड़ियों के चलन से संबंधित सूचनाये आवश्यकतानुसार आगे के SM/ LOBBY को दी जाती है। खंड नियंत्रक गाड़ियों के महत्व को ध्यान में रखते हुए क्रासिंग एवं अग्रता के निर्देश संबंधित स्टेशन मास्टर को देता है . 

क्रासिंग तथा अग्रता का प्राथमिकता क्रम सामान्यत: निम्न होता है - 

1.    MRV तथा ART (दुर्घटना स्थल की ओर)

2.    प्रेसीडेंट /वीवीआईपी स्पेशल 

3.    पीक आवर में उपनगरीय गाड़िया 

4.    राजधानी /शताब्दी / दुरंतो गाड़ियां 

5.    सुपरफास्ट एवं में / एक्स गाड़ियां 

6.    लांग हाल ट्रैन 

7.    सवारी / मिली जुली / पार्शल गाड़ियां 

8.    दुर्घटना स्थल से लौटती ब्रेक डाउन 

9.    स्पीड लिंक / फ्रेट फारवर्ड एवं अन्य थ्रू मालगाड़ियां 

10.    सेक्शन।/यानान्तरण गाड़ियां 


गाड़ियों के संचालन में कंट्रोल की जिम्मेदारी

1. नियंत्रण कार्यालय के विभिन्न खंडो पर अलग - अलग संचालित यातायात का नियंत्रण करना,

2. नियंत्रण को त्वरित रूप से करने के लिए, नियंत्रण कार्यालय के खंडो को फोन व्दारा खंड के स्टेशनों, लोकोशेड, यार्ड एवं परिचालन से संबंधित अधिकारियो से सीधे तौर पर जोड़ दिया जाता है, इस केंद्रीय स्थान से, निर्धारित खंड पर (जो कि लगभग 150 से 200 किमी के होते है), कंट्रोल के माध्यम से लगातार देखभाल किया जाता है,

3. माल एवं यात्री गाड़ियों के इंजनों तथा डिब्बों का अधिकतम उपयोग होता रहे इसकी व्यवस्था किया जाता है,

4. खंड क्षमता का अधिकतम उपयोग होता रहे इसकी व्यवस्था किया जाता है,

5. यातायात का समुचित प्रबंध करना और विवेकपूर्ण निर्णय लेना एवं गाड़ियों की औसत गति में वृद्धि करना,

6. खाली डिब्बों एवं गाड़ियों के अनुपयोगिता को कम से कम करना,

7. चालक एवं गार्ड का उचित और भरपूर उपयोग करना,

8. मेंल/एक्स एवं अन्य गाड़ियों की विवेकपूर्ण अग्रता या क्रासिंग करना,

9. दुर्घटना होने पर तत्परता से उस स्थान पर राहत कार्य करवाना,

10. दुर्घटना होने यातायात का उचित नियंत्रण करना (जैसे - रेगुलेशन , डायवर्ड आदि)

11. एस एम/ वाई एम तथा चालक एवं गार्ड बुकिंग कार्यालय को समय - समय पर आवश्यक निर्देश देना और उनसे संबंधित विवरण प्राप्त करना।

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